गला घोट कर हत्या करने को चरवा थानेदार नहीं मानते हत्या

एसपी के निर्देश पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने के बाद अभियुक्तों की गिरफ्तारी के बाद थाना पुलिस ने आत्महत्या के लिए प्रेरित करने की अदालत को भेजी रिपोर्ट

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कौशाम्बी: गला घोट कर हत्या किए जाने, ऑल राउंड नेक को चरवा थाना पुलिस (Charva police station) हत्या नहीं मानती है। आखिर चरवा थाना पुलिस (Charva police station) के प्रशिक्षण में कहाँ खामियां रह गई हैं। इनकी खामियों को फिर से प्रशिक्षण देकर के दूर किए जाने की जरूरत है।

बीते दिनों सैनी कोतवाली क्षेत्र के मेड़ीपुर कनवार निवासी रूकेन्द्र सोनकर उम्र 20 वर्ष की चरवा थाना क्षेत्र के कूड़ापुर सैय्यद सरावा में गला घोट कर हत्या करने के बाद पेड़ की 3 फुट ऊंची डाल में साढ़े 5 फुट से अधिक लम्बे युवक को बांध कर आत्महत्या का रूप देने का प्रयास किया गया। इस मौत के मामले में सबसे अहम बात यह है कि जिस पेड़ की डाल से युवक के शव को बांधा गया था उस पर फंदा नहीं लगा था बल्कि गांठ लगाकर पेड़ की डाल से बांध दिया गया है और गांठ लगाने से आत्महत्या नहीं होती है। घटनास्थल पर मौजूद साक्ष्य खुलेआम हत्या की गवाही दे रहे थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी ऑल राउंड नेक की पुष्टि करते हुए हत्या पर मुहर लगा दी गयी। घटना के कई दिनों बाद तक मामले में थाना पुलिस ने मुकदमा नहीं दर्ज किया। पीड़ित परिजन पुलिस अधीक्षक से मिले और पूरी दास्तान बताई।

पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर चरवा थानेदार (Charva police station) ने हत्या का मुकदमा अपराध संख्या 98 सन 2023 में दर्ज कर लिया लेकिन उसके बाद युवक की हत्या में चरवा पुलिस ने 2 लोगों को गिरफ्तार कर जब अदालत में पेश किया तो आत्महत्या के लिए प्रेरित करने की धारा 306 के तहत अदालत में अभिलेख प्रस्तुत किए हैं। आखिर चरवा थाना पुलिस ऑल राउंड नेक गला घोट कर हत्या किए जाने को हत्या क्यों नहीं मान रही है? चरवा पुलिस की विवेचना कैसी है कि वह ऑलराउंड नेक को हत्या नहीं मान रही है? गले में गांठ लगने के बाद भी वह उसे आत्महत्या मान रही है। 3 फुट ऊंची डाल पर साढ़े 5 फुट का युवक कैसे आत्महत्या करके झूल जाएगा। यह चरवा पुलिस के कारनामों पर बड़े सवाल खड़े कर रहा है। यदि हत्या का मुकदमा दर्ज कर अदालत में आत्महत्या के लिए प्रेरित करने की रिपोर्ट भेजने के मामले को पुलिस आला अधिकारियों ने गंभीरता से लिया तो चरवा थाना पुलिस की मुसीबत बढ़ सकती हैं।

बताया जाता है कि युवक की हत्या में शामिल हत्यारों को बचाने में एक माननीय ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है और माननीय के दबाव में चरवा पुलिस जघन्य अपराध के अभिलेखों में हेराफेरी कर हत्यारों को लाभ देने का प्रयास कर रही है। चरवा पुलिस के हत्यारो से साठगांठ के इस मामले में पुलिस अधिकारियों ने सूक्ष्म जांच कराई तो चरवा पुलिस का चेहरा बेनकाब होना तय है।