Chapter-9: जादुई एहसास

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Chapter 9- Magical Feelings

खुशखबरी

उसके बाद समय यूं ही बीतता गया और घर में सब कुछ कुशल मंगल था। कुछ दिनों बाद एक दिन जब सुमन अपने ऑफिस गई तो वहां वर्क लोड थोड़ा ज्यादा था। उसके बॉस ने कहा, “सुमन आज ऑफिस में बहुत काम है। तुम एक काम करो हमारे जो पुराने कस्टमर हैं मिस्टर वर्मा जी, उनके घर जाकर पेमेंट कलेक्ट करो और बाकी के रिकॉर्ड की फाइल भी मुझे जल्दी से जल्दी सबमिट करो। उसके बाद सुमन ने अपने ऑफिस में रिपोर्ट तैयार की। उसके बाद जाकर वर्मा जी के घर पेमेंट लेने के लिए पहुंची।

वह जैसे ही वर्मा जी के घर पहुंची वहां जाकर उसे पता चला कि वर्मा जी और उनका पूरा परिवार कुछ दिनों के लिए बाहर घूमने गया है। यह सुनकर सुमन थोड़ी उदास हुई कि यहां तक आना बेकार रहा, उसकी पूरी मेहनत बर्बाद हो गई। इसके बाद सुमन जब वापस जाने लगी तो उसे सर दर्द सा महसूस होने लगा और चक्कर भी आने लगे। तो वो सोचने लगी कि यह अचानक उसे क्या हो गया। सुमन लगभग बीच रास्ते में पहुंची ही थी कि उसकी तबीयत खराब होने लगी। उसने सोचा कि यहां इस पास के कैफेटेरिया में कुछ देर रुक कर एक कॉफी पी लेती हूं। थोड़ा ब्रेक भी मिल जाएगा और थोड़ा रिलैक्स भी महसूस होगा।

यह सोचकर वह पास के सिल्वर कैफेटेरिया में चली गई। वहां बैठी ही थी कि थोड़ी देर बाद वेटर आया और उससे कहा, “वेलकम मैम, आप क्या लेना पसंद करेंगे”। सुमन ने कहा, “मेरे लिए एक एस्प्रेसो ले आओ”। इसके बाद वेटर वहां से चला गया और सुमन टेबल पर हाथ को सर पर रख कर बैठ गई। उसका मन अजीब सा बेचैन सा हो रहा था। तभी उसने थोड़ा इधर-उधर देखा तो वह देखती है कि उसका पति विकास किसी लड़की के साथ बाहर जा रहा था। यह देख कर सुमन उठकर विकास की तरफ जाने का सोचती है लेकिन जैसे ही वो उठने की कोशिश करती है उसे तुरंत चक्कर आ जाते हैं और वह फिर से वही बैठ जाती है। इसके बाद सुमन के मन में बहुत सारी उथल-पुथल चल रही थी कि वह लड़की कौन थी और उसके पति के साथ क्या कर रही थी? उसने सोचा हो सकता है वो उनकी ऑफिस की कोई कलीग एंप्लोई हो।

लेकिन उसके मन में साथ ही साथ यह भी विचार आ रहे थे कि कहीं विकास उसे धोखा तो नहीं दे रहा। उसके मन में बहुत सारी उलझन चल रही थी और साथ ही साथ उसकी तबीयत खराब थी। वह यह सब सोच ही रही थी कि तब तक वेटर कॉफी लेकर आया और सुमन कॉफी पीने लगी। उसे उसकी तबीयत कुछ ठीक नहीं लग रही थी तो उसने अपने ऑफिस में कॉल करके अपने बॉस को बताया कि उसे आधे दिन की छुट्टी चाहिए। उसकी तबीयत ठीक नहीं है और उसे हॉस्पिटल जाना है चेकअप कराने के लिए। उसके बॉस ने पहले तो उसे काफी सुनाया और कहा कि इतने वर्क प्रेशर के टाइम पर भी तुम्हे छुट्टी चाहिए लेकिन बाद में जब सुमन के बताया कि उसकी तबियत ज्यादा खराब हो रही है और वो काम करने की हालत में नही है तो बॉस ने उसे दो दिन की छुट्टी दे दी।

उसके बाद जब सुमन हॉस्पिटल गई तो डॉक्टर ने उसके चेकअप किए और उसके ब्लड सैंपल भी ले लिए और उसे अगले दिन रिपोर्ट ले जाने के लिए कहा। इसके बाद सुमन वहां से घर चली गई। घर पहुंचने के बाद भी उसके मन में अभी तक यही बात चल रही थी कि विकास के साथ वह लड़की कौन थी? जब सुमन घर पहुंची तो मधु ने उससे पूछा, “आज इतना जल्दी कैसे आ गए? सब ठीक तो है ना।” तब सुमन ने कहा, “दीदी मेरी तबीयत ठीक नहीं है आज सुबह से। चक्कर से आ रहे हैं अजीब सा लग रहा है”। इतना सुनकर मधु ने कहा, “तो तुमने अभी तक डॉक्टर को क्यों नहीं दिखाया”। सुमन ने उसे बताया कि वो डॉक्टर को मिलकर आई है और डॉक्टर ने कहा है कि घबराने की कोई बात नही है। इतना सुनकर मधु की सास मुस्कुराने लगी और कहने लगी, “कहीं ये कोई खुशखबरी तो नहीं”।

इतना सुनकर सुमन कहती है, “पता नहीं मांजी, मैंने हॉस्पिटल में अपने चेकअप तो करवाए हैं और रिपोर्ट कल तक आ जाएंगे। उसके बाद ही पता चलेगा अब जो भी है”। तब मधु कहने लगी, “सुमन जब तुम्हारी तबीयत खराब थी तो तुमने मुझे फोन करके क्यों नहीं बताया। मैं तुम्हारे साथ डॉक्टर के पास चलती। तुम्हें रास्ते में कुछ हो जाता तो”। सुमन कहती है, “दीदी आप परेशान मत होइए। मैं बिल्कुल ठीक हूं बस थोड़े से चक्कर आ रहे हैं”। मधु कहती है, “चलो ठीक है तुम अपने कमरे में जाओ और आराम करो। मैं तुम्हारे लिए अभी एक गिलास नींबू पानी बना देती हूं। तुम्हें आराम मिलेगा। तुम बाहर से आई हो, थकी हुई होगी”।

इतना बोल कर मधु किचन में चली जाती है और सुमन अपने कमरे में चली जाती है। वहां जाकर सुमन ने सबसे पहले विकास को फोन किया और पूछा कि, “आप कहां हो विकास”? विकास ने कहा कि, “मैं तो ऑफिस में ही हूं।” फिर सुमन ने पूछा, “क्या आज आप कहीं बाहर गए थे”? विकास ने कहा, “नहीं सुमन, ऑफिस में बहुत काम है बाहर कहीं आने जाने का टाइम ही नहीं है। लेकिन तुम ऐसा क्यों पूछ रही हो”। सुमन ने कहा, “नहीं कुछ नहीं, मैं तो बस ऐसे ही पूछ रही हूं कि कहीं बाहर गए थे क्या”। विकास ने सुमन से कहा, “तुम्हें हो क्या गया है आज। कैसी बात कर रही हो तुम। सब ठीक तो है ना?

सुमन कहती है, “नहीं आज मेरी तबीयत थोड़ी खराब है सुबह से। चक्कर आ रहे हैं तो मैं डॉक्टर के पास गई थी”। विकास ने घबराहट के साथ पूछा, “क्या हुआ सब ठीक तो है। क्या कहा डॉक्टर ने। तुमने मुझे फोन करके बताया क्यू नही”? सुमन ने कहा, “तुम परेशान मत हो मैं ठीक हूं और कल तक रिपोर्ट भी आ जाएगी “। तभी विकास ने पूछा, “अच्छा सुमन तुम क्यों पूछ रही थी कि मैं कहीं बाहर गया था या नहीं”? सुमन ने कहा, “वह दरअसल मैं आज कॉफी पीने के लिए बाहर एक कैफेटेरिया में गई थी। वहां मैंने आपको किसी लड़की के साथ जाते देखा”। यह सुनकर विकास एकदम शांत हो गया।

फिर सुमन बोली, “हेलो विकास, क्या आप मुझे सुन रहे हैं”? विकास ने घबराहट के साथ कहा, “हां हां सुमन, मैं सुन रहा हूं। वह दरसल हम उस कैफेटेरिया में अपनी कंपनी की मार्केटिंग के लिए गए थे। और तुम जिस लड़की की बात कर रही हो वह हमारे ऑफिस की एम्पलाई थी। हम दोनो साथ ही काम करते हैं। दरअसल काम के चक्कर में मेरे दिमाग से ही निकल गया। बहुत काम है ऑफिस में”। इतना कहकर विकास ने कहा, “अच्छा सुमन मैं अभी बिजी हूं। तुम एक काम करो आराम करो और अपना ध्यान रखो। अगर कोई परेशानी वाली बात हो तो मुझे बता देना मैं आ जाऊंगा”। सुमन ने कहा ठीक है और बाय बोल कर फोन रख दिया।

सुमन को लगा शायद मैं ही कुछ ज्यादा सोच रही हूं। मुझे अपने पति पर शक नहीं करना चाहिए।अगर कोई ऐसी वैसी बात होती तो वो मुझे बताते थोड़ी ना। ऐसे सोचते सोचते वो बेड पर बैठी थी तभी सुमन उसके लिए नींबू पानी लेकर आ गई। और बैठ कर उससे बातें करने लगे। मधु ने पूछा, “सुमन कैसा महसूस कर रही हो। अब कुछ आराम है। सुमन कहती है, “हां दीदी पहले से तो आराम ही है, पर पता नहीं क्यों कमजोरी सी महसूस हो रही है। और कुछ भी खाना पीना अच्छा नहीं लग रहा है। उल्टी आती हैं”। यह सुनकर मधु मुस्कुरा दी और कहने लगी, “चिंता मत करो तुम बिल्कुल ठीक हो जाओगी”। सुमन ने फिर मधु से पूछा, “क्या बात है दीदी आप ऐसे मुस्कुरा क्यों रही हो”।

मधु ने कहा, “सुमन वैसे तो कल रिपोर्ट आने के बाद पता चल ही जाएगा पर मैं अपने अंदाजे से कह रही हूं कि अब तुम खुशखबरी देने वाली हूं। मुझे लगता है कि तुम पेट से हो”। यह सुनकर सुमन शरमाते हुए बोली, “क्या दीदी आप कुछ भी बोलती हैं”। मधु ठिठोली करते हुए कहती हैं, “ओय होय, देखो अभी से शर्म से लाल गाल हो रहे हैं और रंग तो कैसा निखर गया है”। यह सुनकर सुमन कहती है, “क्या दीदी कुछ भी। कुछ और भी तो हो सकता है। हो सकता है कि मेरी तबीयत खराब है”। “वह तो कल रिपोर्ट आने के बाद पता चल जाएगा,” मधु ने कहा।

जिसके बाद मधु कहती है, “ठीक है भई, अब तुम आराम करो और मैं जाती हूं किचन का काम करने। अगर कोई जरूरत हो तो मुझे आवाज देना”। इतना कहकर मधु वहां से चली गई और सुमन सो गई। अगले दिन सुबह उठकर सुमन नहा धोकर किचन में गई और विकास के लिए नाश्ता बनाने लगी। तभी विकास किचन में आया और उससे कहा, “सुमन तुम्हें परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है। तुम चलकर आराम करो”। सुमन कहती है, “मुझे आपके लिए टिफिन भी बनाना है”। तभी प्रिया रसोई में आ जाती है और कहती है, “दीदी आप की तबीयत ठीक नहीं है आप जाकर आराम कीजिए। टिफिन और नाश्ता मैं तैयार कर दूंगी”। तभी विकास कहता है, “नहीं भाभी आज मैंने ऑफिस से छुट्टी ली है। मैं सुमन के साथ हॉस्पिटल जाऊंगा उसकी रिपोर्ट लेने, तो आप बस नाश्ता तैयार कर दीजिए। टिफिन तैयार करने की कोई जरूरत नहीं है”।

इतना कहकर विकास सुमन को उसके कमरे में लेकर चला जाता है। थोड़ी देर बाद सुमन को अचानक उल्टियां आने लगी तो विकास उसे लेकर डॉक्टर के पास गया और कहां, “डॉक्टर साहब क्या आपने सुमन की रिपोर्ट चेक की। क्या आया है रिपोर्ट में”? डॉक्टर ने मुस्कुराते हुए कहा, “मुबारक हो विकास, तुम पापा बनने वाले हो”। यह सुनकर विकास ने खुशी से सुमन को गले लगा लिया। इसके बाद डॉक्टर ने कहा कि, “तुम्हें सुमन का खास ख्याल रखना होगा। इनमें वीकनेस ज्यादा है। और साथ ही टाइम टू टाइम इन के रूटीन चेकअप के लिए भी आना होगा”।

उसके बाद डॉक्टर ने एक कागज सा विकास के हाथ में देते हुए कहा, “यह इनका डाइट प्लान चार्ट है। आपको इनके खाने पीने और हेल्थ का ध्यान रखना होगा वरना इनकी प्रेगनेंसी में कॉन्प्लिकेशन भी हो सकती है”। विकास ने घबराकर पूछा, “क्या बात है डॉक्टर साहब, कोई चिंता की बात तो नहीं है। सब कुछ ठीक तो है ना”। डॉक्टर ने विकास को दिलासा दिलाते हुए कहा, “अरे विकास तुम्हें परेशान होने की जरूरत नहीं है। वैसे तो सब ठीक ही है लेकिन इनको कमजोरी थोड़ी ज्यादा है। इसीलिए मैंने कहा कि डाइट और हेल्थ का अच्छे से ध्यान रखना। बाकी सब कुछ नॉर्मल है। तुम परेशान मत हो बिल्कुल भी”।

यह सुनकर विकास और सुमन दोनों घर आए और घर जाकर सभी घरवालों को यह खुशखबरी सुनाई। इतना सुनना था मां और बाबू जी तो मानो खुशी से झूम उठे। उन्होंने तुरंत जेब से पैसे निकाले और सुमन के सर के ऊपर से उतारकर राकेश को दे दिए और कहा कि जाकर इन पैसों से मिठाई बटवा दो। इसके बाद मधु और प्रिया दोनों ने सुमन को गले लगा कर बधाई दी। बच्चों की खुशी का तो ठिकाना ही नहीं था। जितेश और विवेक दोनों इतने खुश थे मानो उन दोनो को कुछ नया खजाना मिलने वाला हो।

विवेक कहने लगा, “क्या बात है अब हमारे साथ खेलने के लिए हमारा एक और भाई आएगा”। तभी जितेश ने कहा, “मैं तो तेरे जैसे एक ही भाई से परेशान हूं। मुझे तो एक बहन चाहिए। बहन होती है तो कितना अच्छा होता है। घर में सबका ध्यान रखती है और हमें राखी भी बांधने वाली कोई चाहिए ना”। यूं ही उसकी मासूमियत भरी बात को सुनकर घर में सब लोग खिलखिला कर हंसने लगे। और जितेश और विवेक दोनों में बहस शुरू हो गई कि बहन आएगी या भाई। तब दादी जी ने उन्हें प्यार से डांटते हुए कहा कि तुम दोनों अभी से बहस मत करो। अभी बहुत वक्त है तुम्हारा भाई या बहन आने में। घर में सब लोग बहुत खुश थे। मधु ने मुस्कुराते हुए विकास से कहा, “देवर जी अब तो तैयार रहिएगा। अब आपकी बीवी की फरमाइशे बढ़ने वाली हैं। अब उसे किसी भी वक्त किसी भी चीज को खाने पीने का मन कर सकता है”। यह सुनकर विकास बोला, “हां भाभी ध्यान तो रखूंगा ही। वैसे भी डॉक्टर ने कहा है कि उसका खास ध्यान रखना है”।

To be continued….

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