chapter 11: जादुई एहसास

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(पुरानी यादें)

रात को सुमन, विकास और श्रेया तीनों एक साथ बैठकर हंसी मजाक करने लगे और बातें करने लगे। विकास ने कहा, “श्रेया बहुत बोर हो रहा था। तुम्हारे आने से सारी बोरियत खत्म हो गई और बहुत अच्छा लग रहा है। तुम इतने दिनों बाद अचानक कैसे आयी। मुझे तो लगा अब तुम परमानेंट ही लंदन में सेटल हो गई हो। और तुम से कोई कांटेक्ट भी नहीं हो पाया था तो कुछ पता ही नहीं चला कि तुम क्या कर रही हो और कहां हो”।

यह सुनकर श्रेया ने कहा, “वह दरअसल मेरे वहां जाने पर मेरा फोन खो गया था। जिससे मेरे यहां के सारे पुराने कांटेक्ट भी खो गए थे। मैंने बहुत कोशिश भी की लेकिन तुम्हारा कोई कांटेक्ट नहीं मिल पाया। उसके बाद तुम तो जानते ही हो आजकल की जिंदगी में कितनी भागदौड़ है। उसके बाद मैं बिजनेस मैनेजमेंट की पढ़ाई में लग गई और इतना वक्त ही नहीं मिला कि कुछ और कर पाती या वापस इंडिया आ पाती”।

यह सुनकर विकास ने कहा, “हां यह तो है। मैं समझ सकता हूं। काम वैसे भी सबसे पहले हैं और सबसे जरूरी है”। इसके बाद विकास ने हंसकर कहा, “लेकिन अब तुम आ गयी हो ना। दोनों मिलकर बहुत मस्ती करेंगे”। सुमन चुपचाप बैठी उन दोनों की बात सुन रही थी और कुछ बोल ही नहीं रही थी। तब विकास ने कहा, “क्या बात है सुमन तुम क्यों इतनी चुप हो, कुछ तो बोलो। तुम भी बात करो ना”। श्रेया ने कहा, “हां विकास मुझे लगता है, सुमन यह सोच रही है कि यह दोनों तो अपने में ही मस्त है। मैं क्या कहूं”। सुमन आओ ना तुम भी, यह कहकर श्रेया सुमन का हाथ पकड़कर उसे आगे खींचती हैं और वह सब फिर से बात करने लगते हैं।

सुमन ने कहा, “अच्छा तुम दोनों तो बहुत अच्छे दोस्त हो। बहुत वक्त साथ में बिताया है ना। तो कुछ बताओ क्या क्या करते थे”। यह सुनकर विकास ने कहा, “अरे सुमन तुम पूछो ही मत। यह जो तुम्हें इतनी सी दिख रही है ना। यह बहुत बड़ी ड्रामेबाज है। कॉलेज के टाइम से ही मुझे इतना परेशान करती थी और इतनी शैतान थी कि बस पूछो ही मत। इसकी शैतानियों से पूरा स्कूल परेशान था। जब भी कुछ उल्टी-सीधी बात हो जाती थी तो सीधा सबसे पहले श्रेया का ही नाम आता था। तुम यकीन नहीं करोगी एक बार तो इसने हद ही कर दी।

यह इतनी भुक्कड़ है कि इससे भूख बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं होती। एक बार यह अपना टिफिन ले जाना भूल गई और मैंने भी अपना टिफिन बीच क्लास में हीं खा लिया था। तो इसने क्या किया की टॉयलेट के बहाने से क्लास से बाहर चली गई और स्टाफ रूम में से टीचर का लंच उठा कर खा गई। और इतना ही नहीं इसके बाद भी इसका मन नहीं भरा तो इसने टीचर के लंच में एक नकली छिपकली रख दी। जैसे ही लंच पीरियड हुआ हम दोनों खेलने निकल गए। जैसे ही टीचर ने अपना लंच खोला तो वह छिपकली देख कर डर गई। पूरे स्कूल के बच्चों को लंच टाइम में ही प्रेयर ग्राउंड में इकठ्ठा करवा दिया। टीचर ने पूछा यह किसकी शरारत है ? किसकी इतनी हिम्मत है जिसने ऐसा मजाक किया है।

उसके बाद एक दूसरी टीचर ने समझाया और कहा कि यह छोटे बच्चे या ज्यादा बड़े बच्चों का काम नहीं है। यह आप ही के क्लास के किसी बच्चे का काम हो सकता है। इसके बाद बाकी सारे बच्चों को उनकी क्लास में भेज दिया गया। टीचर ने सबसे पहले श्रेया का ही नाम लिया कि उन्हें श्रेया पर शक है। ये काम श्रेया का हो सकता है। यह सोचकर उन्होंने श्रेया को बुलाया और कहा कि देखो श्रेया अगर यह तुम्हारी मस्ती है तो मुझे अभी बता दो। श्रेया ने सीधे-सीधे इनकार कर दिया कि उसने ऐसा कुछ नहीं किया है। तो टीचर उसे लेकर क्लास में आ गए और क्लास में आकर बच्चों से पूछने लगी। यह किसकी हरकत थी। किसने उनके लंच में छिपकली रखी।

काफी देर तक सारे बच्चे शांत बैठे रहे और किसी ने कुछ भी नहीं कहा। इसके बाद टीचर ने कहा कि अगर मुझे किसी ने नहीं बताया तो मैं सीसीटीवी कैमरे चेक कराऊंगी और उस बच्चे को स्कूल से सस्पेंड कर दिया जाएगा। यह सुनकर कि श्रेया को स्कूल से निकाल देंगे। मैंने टीचर के सामने जाकर कहा कि मैम यह मेरी गलती है। मुझे बहुत भूख लगी थी तो मैंने आपका लंच खा लिया। इसके बाद टीचर ने मुझे बहुत बुरी तरह मारा। तभी श्रेया बीच में आ गई और कहां नहीं मैम इसे मत मारो। यह इसने नहीं मैंने किया है। फिर टीचर ने इसे भी एक थप्पड़ लगाया। तो मैंने टीचर को रोक दिया और कहा नहीं मैम मेरी गलती है। आप मुझे मारिए इसको नहीं। हम दोनों की बहस ऐसे ही चलती रही, तो टीचर को भी हंसी आ गई। और कहा, “तुम दोनों बहुत शैतान हो। इस बार छोड़ रही हूं लेकिन आगे से ऐसी गलती मत करना”।

यह सुनकर सुमन बहुत जोर से हंसी और कहां, “श्रेया को देखकर ऐसा लगता तो नहीं है कि ये शैतान भी हो सकती है। पर तुम कह रहे हो तो यह सच ही है कि इसने ऐसा ही कुछ किया होगा। तुम दोनों की बातें बहुत ही मजेदार है। और कॉलेज के दिनों का तो क्या ही कहना। दोस्ती की यादें होती ही बहुत अच्छी हैं। तुम दोनों और कुछ बताओ ना अपने कॉलेज लाइफ के बारे में”। यह सुनकर श्रेया ने कहा, “देखो विकास अब तो सुमन को भी कितना मजा आ रहा है हमारे बारे में जानने में”।

“सुमन पता है। जब विकास नया नया कॉलेज में गया था, तो यह बहुत ही ज्यादा शरीफ सा था और ज्यादा किसी से मतलब नहीं रखता था। बस अपने काम से काम और पढ़ाई पर ध्यान। इतना ही था इसकी लाइफ में। इसके बाद विकास के साथ कॉलेज में एक हादसा हो गया। तुम सुनोगे तो तुम्हें भी बहुत हंसी आएगी”। यह सुनकर सुमन ने कहा, “अच्छा ऐसा क्या हुआ था? जरा हम भी तो सुने इनके कारनामे”। श्रेया ने मुस्कुराते हुए कहा, “अरे नहीं नहीं, इसने कोई कारनामा नहीं किया, बल्कि उल्टा इसके साथ कारनामा हो गया”।

सुमन ने कहा, “अच्छा ऐसा है क्या? तो फिर बताओ क्या हुआ था”। विकास गिड़गिड़ाता हुआ सा कहने लगा, “तुम भी ना श्रेया कुछ भी बोलती हो। छोड़ो इन बातों को। रात काफी हो गई है चलो सो जाते हैं”। अब यह सुनकर सुमन ने कहा, “अरे नहीं, नहीं सोना, तुम बताओ मुझे। मुझे जानना है”। यह सुनकर विकास सुमन को बोलता है और कहता है, “आज ही सारी बात जान लोगी”। तब श्रेया कहती है, “अरे विकास बताने दो ना क्या हो गया”।

यह बोलकर वह हस्ती है और कहने लगती है, “वह हुआ यूं था कि जब यह विकास कॉलेज में नया-नया गया तो बहुत ही शर्मीला सा था। किसी भी लड़की की तरफ देखता भी नहीं था। बस अपने काम से काम रखता था और आप तो जानती ही हो कॉलेज के दोस्तों को इतनी शराफत हजम नहीं होती। उन सबने मिलकर इसके साथ एक बहुत बड़ा मजाक करने का सोचा। इसके कॉलेज में एक दोस्त था। जिसका नाम पंकज था और पंकज के दो दोस्त और थे। एक का नाम था मोहित और दूसरे का नाम था नीरज।

पंकज ने जानबूझकर विकास से दोस्ती बनानी शुरू कर दी। ताकि विकास को उस पर भरोसा हो जाए और वह उसकी बातों में आ जाए। उन सबने सोचा कि इस तरह तो यह कॉलेज टॉप करेगा और हम कुछ नहीं करेंगे और आप तो जानती होंगी ना ऐसे बच्चे जो खुद नहीं पढ़ते हैं वो दूसरों को भी पढ़ाई से हटाने के उपाय सोचते ही रहते हैं। वैसा ही कुछ हुआ अपने विकास के साथ भी। तो पंकज ने क्या किया कि विकास को एक लड़की के नाम से एक लव लेटर लिखकर डाला। बड़े ही मिठास से पत्र लिखा हुआ था। जिसमें लिखा था कि माय डियर विकास, मैं बहुत दिनों से तुम्हें लेटर लिखने के बारे में सोच रही थी लेकिन मैंने सोचा, बिना जान पहचान के ऐसे लेटर लिखना सही नहीं होगा। पर क्या करूं अब मुझसे रुका ही नहीं गया। तुम्हारे जैसा हैंडसम गोरा चिट्टा और सुंदर लड़का देखकर। मुझे खुद पर कंट्रोल ही नहीं हुआ मुझे तो तुमसे प्यार हो गया है।

तुम कितने सिमपल रहते हो और कितने आकर्षक भी हो। बस मेरा मन नहीं लग रहा था तो मैंने जैसे तैसे करके तुम्हें यह पत्र लिखा है। उम्मीद करती हूं तुम्हें बुरा नहीं लगा होगा। मेरा कॉलेज टाइम में भी बार-बार तुमसे बात करने का मन करता है लेकिन कभी मौका ही नहीं मिला। इसीलिए तुमसे एक विनती है कि तुम पार्क में आकर मुझसे मिलना और इस लेटर का जवाब लिखकर लाइब्रेरी में रख देना। यह लेटर पाकर तो जैसे विकास पागल ही हो गया और इसने भी जवाब में एक पत्र लिखा। और जाकर उसे लाइब्रेरी में रख भी आया।

अगले दिन जब ये पार्क में गया तो कई घंटों तक वहां इंतजार करता रहा लेकिन वहां कोई भी इससे मिलने नहीं आया। तो उसके बाद यह वापस अपने कमरे में आ गया। दो दिन बाद फिर से एक पत्र मिला जिसमें लिखा था मुझे तुम्हारा पत्र मिला और मुझे पढ़कर बहुत खुशी भी हुई। लेकिन उससे पहले मैं तुमसे माफी चाहती हूं कि मैं तुमसे मिलने नहीं आ पाई। दरअसल मुझे कुछ अर्जेंट काम से बाहर जाना पड़ा था तो मैं नहीं आ पाई थी। मैं चाहती हूं कि आप आज शाम को ठीक 5:00 आकर मिले।

जब यह वहां गया तो वहां पंकज था और उसने पूछा क्यों भई यहां क्या कर रहा है? आज पढ़ाई नहीं करनी है क्या। यह सुनकर विकास ने कहा भाई मैं आज किसी से मिलने आया हूं। लेकिन पता नहीं वह अभी तक आए क्यों नहीं। इसके बाद मोहित और नीरज भी वहां आ गए और जोर जोर से हंसने लगे और कहा देखो कैसे नौटंकी करता है पढ़ाकू होने की। बिचारा यह भी नहीं समझ पाया कि उसके साथ एक मजाक था। ऐसा है कि तूने शक्ल देखी है क्या अपनी आईने में। तुझसे कोई लड़की पटेगी भला। और वह भी ऐसे कि सामने से आकर तुझे प्रपोजल और लेटर दे।

इसी तरीके से दोनों मिलकर विकास का बुरी तरह से मजाक उड़ाने लगे और यह बेचारा खिसिया गया। तब मैं वहां आई और उन तीनों को बुरी तरह डाटा कि तुम्हें शर्म नहीं आती। तुम किसी के साथ ऐसा मजाक कर रहें हो। पेपरों का टाइम चल रहा है और तुम उसकी पढ़ाई डिस्टर्ब करने के लिए इस तरह के भद्दे मजाक कर रहे हो। इसके बाद वह तीनों वहां से चले गए और विकास ने उनसे दुबारा से कभी बात नहीं की। लेकिन इस सबके चलते उसकी पढ़ाई पर बुरा असर हुआ था और नतीजा यह हुआ कि उसके दो पेपर बिल्कुल खराब हो गए।

विकास बहुत परेशान था और उस सेमेस्टर में वह फेल भी हो गया था। लेकिन उसके बाद उसने अपना बर्ताव ऐसा कर लिया कि उसने दोस्तों पर भरोसा करना ही छोड़ दिया और अपने काम से काम रखने लगा। यह सुनकर सुमन को हंसी आ गई और कहने लगी, “मैं तो आपको बहुत समझदार समझती थी। लेकिन यह क्या आप यही नहीं समझ पाए कि वह फर्जी लेटर था”। इतना सुनकर विकास कहता है, “अरे तुम भी ना, वह लेटर बिल्कुल ऐसे लिखा हुआ था कि पता ही नहीं चला कि वह लेटर फ्रॉड है”।

इतना बोल कर वो तीनो हंसने लगते हैं और इसी तरीके से बातें करते करते उन्हें बहुत रात हो जाती है। इसके बाद विकास कहता है कि चलो अब बहुत देर हो गई है तुम दोनों सो जाओ और मैं गेस्ट रूम में चला जाता हूं। तब श्रेया कहती है, “अरे विकास तुम तो बिल्कुल सीरियस ही हो गए सुबह की बात को लेकर। मैंने तो ऐसे ही मजाक में कह दिया था। तुम दोनों यहां रुको मैं गेस्ट रूम में जाऊंगी”। विकास ने कहा, “नहीं कोई दिक्कत नहीं है। तुम यहां रुक सकती हो। मैं चला जाऊंगा”। लेकिन श्रेया ने कहा, “नहीं विकास तुम यहीं रुको। वैसे भी मुझे कुछ काम है। मुझे अभी एक असाइनमेंट पर थोड़ा काम करना है तो मैं आज लेट सोऊंगी। तुम आराम करो वैसे भी थक गए होगे”।

श्रेया वहां से चली जाती है और विकास और सुमन दोनों सो जाते हैं। अगले दिन सब लोग उठते हैं और सुमन नहा धोकर सबसे पहले तैयार हो जाती है। वह देखती है कि तब तक श्रेया भी तैयार हो चुकी थी। उसने सुमन से पूछा क्या तुम मंदिर जा रही हूं। सुमन ने कहा, “हां मैं मंदिर ही जा रही हूं। पर तुम इतनी जल्दी कैसे तैयार हो गई”। श्रेया ने कहा बस ऐसे ही मुझे नींद नहीं आई और मैं जगी ही हुई थी कि मैं जल्दी तैयार हो गई। अगर तुम्हें कोई दिक्कत ना हो तो मैं भी तुम्हारे साथ मंदिर चलू “।

सुमन ने कहा, “इसमें दिक्कत की क्या बात है। चलो, बिल्कुल साथ चलो। इतना कहकर वह दोनों मंदिर चली जाती हैं। वह मंदिर गांव के बाहर एक खेड़ी में था। जिसके चारों तरफ बहुत ही घास फूस और थोड़े पेड़ पौधे भी थे। सुमन और श्रेया दोनो पूजा करके मंदिर से निकल ही रही थी कि तभी रास्ते में एक सांप आ गया। इसे देखकर सुमन बहुत डर गई। सांप सुमन की तरफ बढ़ने लगा। तभी श्रेया ने आगे बढ़कर सांप को पकड़ लिया और उसे ले जाकर थोड़ा दूर छोड़ आई। यह देख कर सुमन ने कहा, “वाह श्रेया तुम तो बड़ी हिम्मत वाली हो। मेरी तो जान ही निकल गई थी”। यह सुनकर श्रेया ने कहा, “हां मैंने तुम्हें बताया था ना हम फॉरेस्ट ट्रीप पर गए थे। वहीं पर यह सब सीखा”।

इसके बाद दोनों हंसी मजाक करती हुई घर वापस लौट आयी। उसके बाद सुमन अपने काम में लग गई और श्रेया ने कहा कि वो रात को सोई नहीं है तो उसे सोना है। यह बोलकर श्रेया अपने कमरे में सोने चली गई। शाम के वक्त विकास ने सुमन से कहा कि, “सुमन श्रेया काफी दिनों बाद इंडिया वापस आई है तो क्यों ना हम लोग कहीं घूमने चलें। वह भी कुछ ही दिनों के लिए इंडिया है। इसके बाद वापस लंदन चली जाएगी”। सुमन ने कहा, “बहुत अच्छा विचार है, लेकिन हम कहां जाएंगे इसके बारे में भी कुछ सोचा है क्या”।

विकास ने कहा, “वैसे तो मैं ऋषिकेश जाने के बारे में सोच रहा था लेकिन फिर भी श्रेया से एक बार तुम बात कर लेना और उससे पूछ लेना कि वह कहां जाना पसंद करेगी”। सुमन ने हंसते हुए कहा, “क्या बात है? बड़ी फिक्र है दोस्त की। कभी बीवी की तो नहीं हुई तुम्हें इतनी फिक्र”। यह सुनकर विकास ने कहा, “क्या सुमन तुम भी। तुम्हें इतना भी भरोसा नहीं है मुझ पर। वह सिर्फ मेरी दोस्त है और तुम मेरी बीवी हो। मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं”। यह सुन कर सुमन मुस्कुरा दी और कहने लगी, “आपको सफाई देने की कोई जरूरत नहीं है। मैं तो ऐसे ही मजाक कर रही थी”।

विकास ने कहा, “मैं जानता हूं। तो ठीक है सुमन, अब मैं जा रहा हूं। मुझे ऑफिस का कुछ जरूरी काम करना है। तुम याद से श्रेया से इस बारे में बात कर लेना”। इतना कहकर विकास वहां से चला गया। शाम के वक्त सुमन ने श्रेया से कहा, “श्रेया तुम अभी कुछ ही दिनों के लिए यहां हो तो विकास कह रहे थे कि हम लोग कहीं घूमने चलते हैं। तुम्हें भी अच्छा लगेगा। तुम कहां जाना पसंद करोगी”। श्रेया ने कहा, “अगर विकास ने इतना सोचा है तो मुझे यकीन है उसने कोई जगह भी जरूर सोची होगी”। सुमन ने कहा, “हां वह ऋषिकेश जाने के बारे में सोच रहे हैं। लेकिन अगर तुम्हें कहीं और जाने का मन है या कोई और विचार है तो तुम वह भी बता सकती हो। अभी ऐसा कुछ नहीं है कि प्लान फाइनल है”। श्रेया ने कहा, “अरे सुमन तुम कैसी बात कर रही हो? ऐसा कुछ नहीं है। जहाँ तुम लोगों को ठीक लगे, वही जाएंगे और वैसे भी ऋषिकेश बहुत अच्छी जगह है। मैंने बहुत सुना है उस जगह के बारे में हम वहां एडवेंचर भी कर सकते हैं और इंजॉय तो करेंगे ही करेंगे”।

यह सुनकर सुमन ने कहा, “ठीक है श्रेया। तुमने मेरे मन से यह बात क्लियर कर दी। अब मैं विकास को बता दूंगी ताकि वह टिकट वगैरा करवा ले और बाकी की प्लानिंग भी कर ले”। इसके बाद दोनों हंसी मजाक करने लगती हैं और अब तक वह दोनों बहुत अच्छी दोस्त भी बन चुकी थी। इसके बाद श्रेया ने पूछा, “मैं तो बहुत दिनों बाद इंडिया आइ हूँ। मुझे यह भी नहीं पता चला कि तुम्हारी और विकास की शादी कब और कैसे हुई। तुम मुझे अपनी लव स्टोरी के बारे में बताओ ना। आखिर तुम दोनों कैसे मिले, कहां मिले और शादी तक कैसे पहुंचे”?

यह सुनकर सुमन हंसने लगी और बताने लगी, मैं और विकास एक होटल में मिले थे। पहले मैं एक रिसेप्शनिस्ट की जॉब करती थी। तुम तो जानती हो विकास का बिजनेस है तो वह एक मीटिंग के सिलसिले में आए हुए थे। वहां उन्होंने मुझे देखा और मैंने उन्हें। वह हमारी पहली मुलाकात थी। लेकिन हम दोनों की तब तक कोई बात नहीं हुई थी। उसके बाद विकास कुछ दिन तक उसी होटल में रुके और हम दोनों का दो-तीन बार मिलना हुआ। तब तक विकास को मैं पसंद आ गई थी और उन्होंने मुझसे मिलने के बहाने ढूंढने शुरू कर दिए।

उन्हें मुझे जानने में और रुचि बढ़ने लगी तब विकास ने मेरे बारे में होटल स्टाफ से सबसे पहले पता किया। उसके बाद हम दोनों कई दिनों तक नहीं मिले। फिर संयोग देखो, अगले महीने विकास को फिर किसी काम से उसी शहर में आना पड़ा और वह जानबूझकर उसी होटल में गए ताकि वहां जाकर वह मुझसे मिल सके। इसके बाद उन्होंने मुझसे दोस्ती करने के लिए कहा। पहले तो मैंने मना कर दिया और वहाँ से चली गई। फिर अगले दिन विकास फिर मुझे होटल में ही दिखाई दिये और उन्होंने मुझसे कहा कि वह मेरे साथ बस कॉफी पीना चाहते हैं तो मैंने फिर हां कर दिया। और उसके बाद शाम को हम दोनों कॉफी पीने गए।

वहां बात करते-करते मुझे विकास का नेचर बहुत अच्छा लगा और उन्हें मैं बहुत अच्छी लगी। और हम दोनों की बात आगे बढ़ने लगी। तब तक हम दोनों एक दूसरे के बहुत अच्छे दोस्त बन चुके थे। इसके बाद विकास 2 दिन वहा रुके। उसके बाद वापस अपने शहर आ गए। तब तक हम दोनों के फोन नंबर एक्सचेंज हो ही चुके थे तो विकास वहां जाकर मुझे फोन करते थे। इसी तरीके से तीन चार महीने और भी कट गए। फिर विकास ने मुझसे डेट पर चलने के लिए कहा मैंने पहले तो मना कर दिया। क्योंकि मुझे लगा किसी के साथ जाना सही नहीं है और वैसे भी हम दोनों में सिर्फ दोस्ती थी। लेकिन विकास के जोर डालने पर मैं उनके साथ जाने के लिए तैयार हो गई और फिर हम दोनों अपनी पहली डेट के लिए रोज मैरी पार्क में गए। क्योंकि एक थीम पार्क है और बहुत सुंदर है। तुम्हें पता है श्रेया रोजमेरी पार्क को लवर्स प्वाइंट भी कहते हैं।

अगर कभी वक्त मिले तो तुम जा कर देखना, बहुत ही अच्छी और रोमांटिक जगह है। तुम जानती हो जैसा विकास का स्वभाव है। पहले मुझे लगा था कि यह बहुत सीरियस रहते होंगे और इन्हें अपने काम के अलावा ज्यादा कुछ सोचता नहीं होगा। लेकिन हमारी फर्स्ट डेट के बाद मुझे पता चल गया की वो बहुत रोमांटिक भी है। हमारी वह पहली डेट बहुत ही यादगार थी। हम दोनों ने एक साथ जो वक्त बिताया, वह हमारी जिंदगी में बहुत ही अहम वक्त था। उसके बाद यह हुआ कि हम लोग लगभग हर दो-तीन महीने बाद एक दूसरे को मिलते थे।

इसी तरीके से कुछ छह-सात महीने तक हमारी बातचीत चोरी छुपे चलती रही। उसके बाद विकास के घर पर शादियों के रिश्ते आ रहे थे तो उन्होंने मुझसे कहा कि वह मुझसे शादी करना चाहते हैं। और मैं अपने घर पर बात कर लूँ। फिर मैंने उनसे पूछा कि क्या उन्होंने अपने घर पर शादी की बात कर ली है। उन्होंने कहा कि उनके घर पर उनके लिए रिश्ते आने शुरू हो गए हैं। अगर मैं अपने घर पर बात कर लूं। फिर वह भी अपने घर वालों को आराम से बता सकते हैं। इसके बाद मैंने अपने घर वालों से बात की और उन्हें बताया विकास के बारे में। फिर मेरे पिताजी ने विकास से मिलने का निश्चय किया। पहली नजर में मेरे मां बाबूजी को विकास बहुत पसंद आए।

इसके बाद मेरे बाबूजी विकास के घर पर रिश्ता लेकर आए। विकास ने भी बताया कि वह मुझे बहुत पसंद करते हैं। उसके बाद हमारी शादी हो गई। श्रेया ने कहा, “क्या बात है मुझे जानकर काफी अच्छा लगा कि तुम दोनों ने लव मैरिज अरेंज मैरिज के तरीके से ही की। सभी घरवालों के आशीर्वाद से तुम दोनों की शादी हुई है। ऐसे ही दोनों बातें करती रही और रात को बातें करते करते दोनों एक साथ ही सो गई। उस दिन विकास ऑफिस से घर लेट आया था। जैसे ही विकास घर में आया तो उसने देखा सब लोग सो चुके थे। तभी विकास ने सोचा इस वक्त किसी की नींद खराब करना सही नहीं होगा तो उसने अपने आप ही जाकर खाना ले लिया और खा लिया। इसके बाद जब विकास अपने कमरे में गया तो उसने देखा कि सुमन और श्रेया दोनों एक साथ सो रही थी। यह देख कर वह मुस्कुराया और उसने सोचा चलो अच्छी बात है दोनों में बहुत अच्छी दोस्ती हो गई है। यह सोच कर कि अब इनकी नींद डिस्टर्ब नहीं करनी चाहिए। विकास दूसरे कमरे में जाकर सो गया।

To be continued….

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