चैत्र नवरात्री 2023: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मंदिरों और शक्तिपीठों में रामायण (Ramayana) और दुर्गा सप्तशती के पाठ का आयोजन करने का आदेश दिया गया है। इस प्रकार के आयोजन के जरिए योगी आदित्यनाथ सरकार ने बड़ा संदेश देने की कोशिश की है।
इस बार चैत्र नवरात्री पर उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेशवासियो के लिया कुछ खास आयोजन किया है। जिसके लिए सरकार द्वारा दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए है। सभी डीएम को इस प्रकार के आयोजन जिला, तहसील और ब्लॉक स्तर पर कराने की तैयारी की जा रही है। पिछले कुछ दिनों में विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के मुखिया मंदिरों में घूमकर सॉफ्ट हिंदुत्व की राजनीति के जरिए भारतीय जनता पार्टी की हिंदुत्व वाली पिच पर आए हैं। रामचरितमानस विवाद के बीच अखिलेश यादव ने हिंदुत्व पर भाजपा को घेरने की कोशिश की। ऐसे में 2024 लोकसभा चुनाव से पहले योगी सरकार ने चैत्र नवरात्री पर प्रदेश के सभी जिलों में रामायण और दुर्गा सप्तशती के पाठ का आयोजन रखा है।
मुश्किल में विरोधी दल
गौरतलब है कि इस बार चैत्र नवरात्री 22 मार्च, 2023 से है। जहां योगी सरकार द्वारा रामायण (Ramayana) और दुर्गा सप्तशती के पाठ मंदिरों और शक्तिपीठों में आयोजन की तैयारी की घोषणा से अब राजनीतिक माहौल भी गरमा सकता है। ऐसे में इसका विरोध करने वाले दलों को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। बीजेपी इस आयोजन के जरिए सरकार की एक अलग छवि को लोगों के सामने लाना चाहती है।
होगा भक्तिमय माहौल
योगी सरकार द्वारा चैत्र रामनवमी के दिन मंदिरों में अखंड रामायण पाठ कराया जायेगा। इसके अलावा शक्तिपीठों में दुर्गा सप्तशती के आयोजन के जरिए क्षेत्र में भक्तिमय माहौल तैयार करने की तैयारी है। ब्लॉक स्तर पर मंदिरों को चिह्नित कर आयोजन के लिए फंड उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि इसमें किसी प्रकार की कमी न रह पाए।
फंड देने की घोषणा
रामायण (Ramayana) और दुर्गा सप्तशती के पाठ के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन की भी तैयारी है। योगी सरकार ने जिला स्तर पर इस प्रकार के आयोजन के लिए एक लाख रुपए का फंड देने की घोषणा की है। कार्यक्रम में महिलाओं की सहभागिता बढ़ाने के भी निर्देश दिए गए हैं। रामायण और दुर्गा सप्तशती के आयोजन के लिए राज्य स्तर पर दो नोडल अधिकारियों की भी नियुक्ति की गई है। वह जिला स्तर पर आयोजन को सफल बनाए जाने के लिए हो रहे कार्यों पर अपनी नजर रखेंगे।
संस्कृत विभाग की वेबसाइट पर होगी जानकारी
संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने विशेष निर्देश जारी किए हैं, कि “कार्यक्रमों के आयोजन वाले मंदिरों के नाम, पता, तस्वीरें और मंदिर प्रबंध समिति से संपर्क के लिए नंबरों को भी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है।” इस आयोजन में आयोजित सभी कार्यक्रम की फोटोग्राफ संस्कृत विभाग की वेबसाइट पर अपलोड किये जायेंगे। राज्य स्तर पर नियुक्त दोनों नोडल अधिकारी जांच करेंगे कि कार्यक्रमों का आयोजन सही मायनों में हो रहा है या नहीं। सभी जिलों को 21 मार्च तक तैयारियों को पूरा कराने का निर्देश दिया गया है।