IPC, CrPC और एविडेंस एक्ट में बदलाव के लिए तीन नए बिलों को केंद्र सरकार ने दी मंजूरी

गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने 11 अगस्त 163 साल पुराने 3 मूलभूत कानूनों में बदलाव के बिल लोकसभा में पेश किए थे।

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केंद्र सरकार ने भारतीय दंड संहिता और भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) और एविडेंस एक्ट में बदलाव के लिए तीन नए बिलों को मंजूरी दे दी है। तीन नए बिलों को अगले सप्ताह संसद में पेश किया जाएगा। गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने 11 अगस्त 163 साल पुराने 3 मूलभूत कानूनों में बदलाव के बिल लोकसभा में पेश किए थे।

यह बिल इंडियन पीनल कोड (IPC), कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर (CrPC) और एविडेंस एक्ट हैं। सबसे बड़ा बदलाव राजद्रोह कानून को लेकर है, जिसे नए स्वरूप में लाया जाएगा। संसद से नए बिलों के पास होने के बाद कई धाराएं और प्रावधान बदल जाएंगे।

इंडियन पीनल कोड (Indian Penal Code) का नया नाम भारतीय न्याय संहिता होगा। क्रिमिनल प्रोसीजर कोड (CrPC) का नया नाम भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता होगा। इसके साथ ही इंडियन एविडेंस एक्ट का नाम भारतीय साक्ष्य अधिनियम होगा।

जाने क्या है IPC?

सिविल लॉ और क्रिमिनल भी IPC यानी भारतीय दंड संहिता के तहत आते हैं। गंभीर अपराधों के मामले में आईपीसी की धाराएं लगाई जाती हैं। IPC भारतीय नागरिकों के अपराधों की परिभाषा के साथ उसके लिए तय दंड को बताती है। इसमें 23 चैप्टर हैं और 511 धाराएं हैं। इसकी धाराएं भारतीय सेना पर लागू नहीं होती।

क्या है CrPC?

आमतौर पर थानों में मामले आईपीसी की धाराओं के तहत दर्ज होते है, लेकिन इनकी जांच की प्रक्रिया में CrPC का उपयोग किया जाता है। आसान भाषा में समझें तो पुलिस अपराधिक मामलों को आईपीसी के तहत दर्ज करती है, लेकिन उसके बाद की प्रक्रिया सीआरपीसी के तहत चलती है।