4 फरवरी को भी तेजस्वी यादव को सीबीआई ने जांच के लिए बुलाया था, लेकिन वह विधानसभा सत्र चलने का हवाला देकर दिल्ली नहीं पहुंचे थे।
जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले में लालू यादव के परिवार की मुश्किलें बढ़ती चली जा रही है। जहा बीते दिन सोमवार को लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी से सीबीआई ने घंटो तक पूछताछ की थी। उसके बाद लालू यादव ने मंगलवार को सीबीआई ने पांच घंटे तक पूछताछ की। वही अब उनके बेटे तेजस्वी यादव को आज यानी शनिवार को सीबीआई ने अपने दिल्ली ऑफिस में तलब किया है। इस मामले में लालू यादव और उनका पूरा परिवार सीबीआई की जांच से घिरा हुआ है। इससे पहले बीते महीने 4 फरवरी को भी तेजस्वी यादव को सीबीआई ने जांच के लिए बुलाया था, लेकिन वह विधानसभा सत्र चलने का हवाला देकर दिल्ली नहीं पहुंचे थे। वह इस बीच लगातार दिल्ली में रहे है। जहां सूत्रों का कहना है कि, वह आज भी सीबीआई दफ्तर नहीं आएंगे।
गौरतलब है कि, 2006-07 में एक कंपनी के इंफोसिस्टम ने 6 से 7 जमीनें रजिस्ट्री कराईं थीं। उस समय रजिस्ट्री में लगभग 2 करोड़ की कीमत जमीनों की दिखाई गई थी। जबकि मार्केट वैल्यू करीब 10 करोड़ थी। बाद में इस कंपनी में लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव ने इंट्री करा ली थी। वर्तमान में इस कंपनी के आधे शेयर राबड़ी देवी के हैं और आधे तेजस्वी यादव के हैं। अब तक 10 लोग ऐसे चिन्हित हो चुके हैं, जिन्हें रेलवे के ग्रुप डी की उस समय नौकरी मिली और इसके बदले उन्होंने जमीन की रजिस्ट्री की थी।
यह है पूरा मामला
लालू प्रसाद के साल 2004 से 2009 के मध्य रेल मंत्री के पद पर रहने के दौरान उनके फैमिली को उपहार में जमीन प्राप्त होने या इसे बेचने के बदले में लोगों को रेलवे में कथित तौर पर नौकरी दिये जाने से संबद्ध है। अधिकारियों ने बताया कि, सीबीआई ने मामले में आपराधिक षड्यंत्र और भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के प्रावधानों के तहत लालू प्रसाद यादव और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और 14 अन्य के खिलाफ एक आरोपपत्र दाखिल किया था। जिसे लेकर लालू प्रसाद यादव और उनकी पत्नी से सीबीआई ने पूछताछ कर ली है।