बस और ट्रक की हड़ताल, क्या होगा समाधान?

साल के पहले दिन ही ट्रांसपोर्ट सिस्टम ठप्प, नए कानून ने ड्राइवर्स को किया हड़ताल के लिए मजबूर, भारी वाहनों का सोमवार को हुआ चक्काजाम मंगलवार को भी जारी रहा

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भरी वाहन चालकों की हड़ताल के चलते गैस, डीजल-पेट्रोल, फल, सब्जी, खाद्यान्न और अन्य आवश्यक सामग्रियों की आपूर्ति प्रभावित हो गई, गैस गोदाम खाली हो गए, पेट्रोल पंपों पर वाहनों की लंबी कतारें लगने से व्यवस्था चरमरा गईं। दौराला क्षेत्र से दूध लेकर पराग डेयरी गगोल आ रहे एक टैंकर में तोड़फोड़ भी की गई और काफी जगह चक्काजाम भी करा। हाल ही में भारतीय न्याय सहिता के नए कानून हिट एंड रन रूल के कारण सभी बस ट्रक मिनी बस के ड्राइवर्स हड़ताल पर हैं क्योंकि इस हिट एंड रन के लागू होने के बाद अगर बस या ट्रक से किसी का भी एक्सीडेंट होता है तो उस बस ड्राइवर को IPC की धारा 106 (2) के तहत 10 साल की सजा और 7 लाख रुपए तक का जुर्माना भरना पड़ेगा, चाहे गलती ड्राइवर की हो या पैसेंजर्स या दूसरे छोटे वाहन वाले की। इसी वजह से सभी बस ट्रक ड्राइवर्स हड़ताल पर बैठ गए हैं। पहले भी किसी के कुचलने पर 2 साल की सजा होती थीं परंतु इसके बाद ये सजा और जुर्माना बढ़ जायगा।

ड्राईव्स की क्या है मांग?

सभी ड्राइवर्स इस हिट एंड रन रूल के खिलाफ है। उनका कहना है कि अगर हम एक्सीडेंट होने के बाद रुक जाते है तो पब्लिक हमें बिना सुने मारने लगती है। ऐसे में हमारी गलती हो या नहीं तो ऐसे में इस रूल से तो सिर्फ हमें ही नुकसान है। इसलिए इस नए कानून के खिलाफ ट्रक चालकों में गुस्सा है। सरकार के इस फैसले के बाद ट्रक चालकों में भारी आक्रोश है। इनका कहना है कि यह सरासर गलत है। सरकार को यह कानून वापस लेना होगा। इसको लेकर ग्रेटर नोएडा के ईकोटेक 3 क्षेत्र में भी ट्रक ड्राइवर्स ने वाहन खड़े कर जाम लगा दिया और जमकर नारेबाजी की। हालांकि पुलिस के समझाने पर उन्होंने अपने वाहन हटा दिए।

हड़ताल से सभी यात्री को काफी मुश्किलो का सामना करना पड़ा और चल रही चालकों की हड़ताल का असर दिल्ली के बस अड्डों पर भी दिखाई दिया। उत्तराखंड (यूके), उत्तर प्रदेश (यूपी) और पंजाब से आने व जाने वाले लोगों को खासा दिक्कत का सामना करना पड़ा। जिन लोगों को हड़ताल की जानकारी नहीं थी वह जब दिल्ली के विभिन्न बस अड्डों पर पहुंचे तो उन्हें या तो वापस लौटना पड़ा या फिर बस जाने के लिए दो से तीन घंटे ता इंतजार करना पड़ा। यही नहीं सब्जियों की आवक गिरी, बिक्री भी घटी। ट्रकों की हड़ताल के चलते नवीन और लोहियानगर सब्जी मंडी में बाहर से आने वाली सब्जियों की आवक बंद हो गई है। लोकल सब्जियों के आने के साथ साथ मंडी में पहले से जमा सब्जियां मंगलवार को पांच रुपये प्रति किलो तक महंगी बिकीं। सब्जी मंडी एसोसिएशन के प्रधान पदम सिंह सैनी का कहना है कि मंडी में हाथरस और बरेली से हरी मिर्च, मध्यप्रदेश, शिवपुरी से टमाटर, बंगलूरू से अदरक, एमपी और राजस्थान से प्याज, पंजाब और उत्तराखंड से मटर की आवक होती है। इनकी आवक न होने से व्यापारियों के पास जमा सब्जियों के दाम बढ़ गए। चक्का जाम से मंडी से खरीदारी भी केवल वही लोग कर रहे हैं जो अपने ट्रैक्टर या छोटे वाहनों से सामान ले जा रहे हैं।

दो दिन बाद घुमे बस व ट्रकों के पहिये, पेट्रोल पंपों पर अब भी कतार बनी हुई है नए सड़क कानून पर सहमति बनने के बाद चालक काम पर लौट आए हैं। जिसके चलते सहारनपुर में दो दिन बाद बस और ट्रकों का संचालन शुरू हो गया। हालांकि, पेट्रोल पंपों पर वाहनों की लंबी कतार देखने को मिली। जिले भर में सोमवार और मंगलवार को रोडवेज बस, निजी बस, ट्रक व ऑटो का संचालन नहीं हुआ था। रोडवेज बसें वर्कशॉप से बाहर नहीं निकल पाई थी, जो निकली वह बस अड्डे पर ही खड़ी रही थी। मंगलवार को हालात और अधिक खराब हुए। परंतु मंगलवार की देर रात नए कानून पर सहमति बनी तो चालकों की हड़ताल खत्म हो गई। बुधवार से बस और ट्रकों का संचालन हो गया। बस अड्डे से बसें रवाना हुई तो लोगों को राहत मिली, लेकिन हड़ताल का असर यह है कि अभी भी महानगर के कई पेट्रोल पंपों पर वाहनों में तेल डलवाने के लिए लंबी लाइन लगी हुई है।

शामली में दो दिन तक चली हड़ताल के बाद बस और ट्रक चालक तीसरे दिन काम पर लौटने लगे पेट्रोल पंपों पर सुबह के समय पेट्रोल खत्म होने पर लोग परेशान रहे। एसे में अब सरकार का अगला कदम इस कानून को लेकर क्या होगा और चालकों को कितनी राहत मिलेगी ? आपकी क्या राय है इस पर कॉमेंट सेक्शन मे जरूर बताए।