ब्रिक्स सम्मेलन (BRICS Summit) के दौरान दक्षिण अफ्रीका (South Africa) के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा (Cyril Ramaphosa) ने सम्मेलन के दौरान लिए गए अहम फैसलों की जानकारी दी है। इस दौरान सिरिल रामफोसा (Cyril Ramaphosa) ने कहा कि ‘हम एक समझौते पर पहुंचे हैं, जिसके तहत अर्जेंटीना, मिस्त्र, इथोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात को ब्रिक्स का पूर्ण सदस्य बनाने के लिए आमंत्रित किया गया है। इन नए सदस्य देशों का कार्यकाल जनवरी 2024 से प्रभावी होगा।’
राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा (Cyril Ramaphosa) ने कहा कि ‘यह सम्मेलन ब्रिक्स की अहमियत, लोगों के बीच संबंध, मित्रता और सहयोग बढ़ाने की पुष्टि करता है। जोहानिसबर्ग में दो घोषणाओं को अपनाया गया है, जो वैश्विक अर्थव्यवस्था, वित्तीय और राजनीतिक अहमियत पर ब्रिक्स के संदेशों को प्रदर्शित करती हैं। यह उन साझा मूल्यों और सामान्य हितों को प्रदर्शित करता है जो पांचों ब्रिक्स देशों में सहयोग का आधार हैं।’
उन्होंने कहा कि ‘विस्तार प्रक्रिया के लिए मार्गदर्शक सिद्धांतों, मानदंडों और प्रक्रियाओं को मजबूत करने के बाद नए सदस्यों के बारे में निर्णय पर सहमति बनी।’ सिरिल रामफोसा (Cyril Ramaphosa) ने कहा कि ‘हमने अपने विदेश मंत्रियों को जिम्मेदारी दी है कि वह ब्रिक्स साझेदारी को और मजबूत करें और ब्रिक्स पार्टनरशिप मॉडल को विकसित कर और देशों को इसके साथ जोड़ें।’ दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति रामफोसा ने भारत के चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के लिए बधाई भी दी।
बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा कि मुझे खुशी है कि तीन दिन की बैठक से कई सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। भारत ने नए सदस्य देशों की सदस्यता का समर्थन किया। पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा कि ब्रिक्स का आधुनिकीकरण और विस्तार इस बात का संदेश है कि विश्व के सभी संस्थानों को बदलते समय की परिस्थितियों के अनुरूप ढलना चाहिए। यह पहल 20वीं सदी में स्थापित अन्य ग्लोबल संस्थानों के लिए मिसाल बन सकता है।