Jhabua: भारतीय जनता पार्टी द्वारा मध्य प्रदेश के 35 कैंडिडेट के नाम जब घोषित किए गए तब झाबुआ से भाजपा प्रत्याशी के रूप में भानु भूरिया (Bhanu Bhuria) का नाम आया, जिन्हें भारतीय जनता पार्टी में अपने विश्वास के साथ विधायक की बागडोर संभालने का मौका दिया गया। भाजपा ने अपनी बात को जनता के समक्ष रखने के लिए भानु भूरिया (Bhanu Bhuria) नाम का चयन किया, परंतु विरोधी तैयार बैठे थे। जिन्होंने इस नाम का विरोध किया और एक-एक कर समस्त विरोधियों ने इस नाम के प्रति अपना विरोध दर्ज कराया।
आखिर कब थमेगा भानु भूरिया का विरोध
जिले में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के रूप में जो नाम दिया गया है, उस नाम का विरोध एक-एक कर बढ़ता ही जा रहा है। भानु भूरिया (Bhanu Bhuria) पूर्व में झाबुआ के जिला अध्यक्ष थे। साथ ही पार्टी द्वारा अब उन्हें एक बड़ी जिम्मेदारी देने की बात रखी गई परंतु जैसे ही यह जिम्मेदारी भानु भूरिया को मिलती है, विरोधियों के और बदल जाते हैं। साथ ही विरोधी लोग सड़कों पर आकर इस नाम का विरोध कर रहे हैं जिससे भारतीय जनता पार्टी की एकजूटता पर सवालिया निशान खड़े हो रहे है। आपको बता दे कि विरोध व्यक्ति विशेष का है नाकि पार्टी का।
आखिर भाजपा प्रत्याशी का इतना घोर विरोध क्यों हो रहा है? पार्टी को इस और ध्यान देकर सोचना चाहिए। परंतु पार्टी इस पर ना ध्यान देते हुए अपने प्रत्याशी के साथ खड़ी है। क्या इतने विरोध के बाद भी अगर पार्टी अपना कैंडिडेट नहीं बदलता है तो पार्टी को नुकसान हो सकता है।
आखिर क्यों विश्वास किया भारतीय जनता पार्टी ने भानु भूरिया
हर बार भारतीय जनता पार्टी अपना चेहरा देती है। सकुशल जनता उसे स्वीकार करती है परंतु इस बार पार्टी के ही लोग लगे हुए हैं अपने प्रत्याशी का विरोध करने। जो पिछली बार हार चुका है, ऐसे कैंडिडेट पर पार्टी अपना दाव लगा रही है। किस प्रकार से इस नाम के विरोध को रोका जाए? पार्टी को ध्यान देना चाहिए। आपके इतने विरोध के बाद उनके प्रत्याशी किस प्रकार से निकाल कर आएगा।