बिहार में इन दिनों समस्तीपुर (Samastipur) की ननद और भाभी की प्रेम कहानी काफी सुर्खियों में बनी हुई है। दस साल की शादी और 2 बच्चों के बाद भी भाभी ननद से प्यार कर बैठी है। पांच महीने पहले दोनों ने सात फेरे भी ले लिए थे। वहीं भाभी के पति को भी इस रिश्ते से कोई दिक्क्त नहीं है, लेकिन हर प्रेम कहानी में एक खलनायक की एंट्री ज़रूर होती है। जैसा कि इस प्रेम कहानी में भी एक खलनायक की एंट्री हो गयी है, जिसमे उनकी विलेन बनकर बड़ी ननद आ गई और छोटी बहन को संग लेकर चली गई। आगे हम आपको इस पूरी प्रेम कहनी की दास्तां से रूबरू करवाएंगे।
महिला ने अपने बारे में बात करते हुए एक बातचीत के दौरान बताया कि, मेरा नाम सुकला देवी है। मेरी उम्र 32 साल है। 2013 में मेरी शादी प्रमोद के साथ हुई थी। बाकी लड़कियों की तरह ही मेरी ज़िंदगी में सब ठीक चल रहा था। विवाह के दो साल बाद मुझे एक बेटा हुआ। एक साल बाद दूसरा बेटा हुआ। मेरे ससुराल में मेरे साथ 18 साल की ननद सोनी देवी भी रहती थी। हम दोनों ननद – भाभी एक दूसरे से अपनी दिल की बाते साझा करती थी। जहाँ धीरे-धीरे हम दोनों ननद- भाभी का रिश्ता काफी गहरा होता चला गया।
हम दोनों घर के अंदर पति-पत्नी की तरह रहने लगे
मेरी ननद (सोनी) को लेकर मेरे मन में प्रेम उमड़ने लगा। मैंने एक दिन ननद से कह दिया कि मैं तुमसे प्यार करती हूँ। वो हैरान थी, उसने पूछा भाभी ये कैसे हो सकता है। हम दोनों लड़की हैं। आपकी शादी हो चुकी है। बच्चे भी हैं, परिवार वाले क्या कहेंगे? समाज क्या कहेगा? मैंने सोनी को समझाया और वो मान गई। जिसके बाद हम दोनों घर के अंदर पति-पत्नी की तरह रहने लगे।
सोनी मेरी हर छोटी-बड़ी बात का ध्यान रखने लगी। मैं भी उसे एक पति की तरह वो सब कुछ देने लगी, जिस चीज़ की उसे ज़रूरत होती थी। मेरे पति दोनों बच्चों के संग अलग कमरे में सोते। मैं और सोनी पति-पत्नी की तरह एक कमरे में सोते। हमारे बीच सब कुछ होता था। जैसा कि एक पति और पत्नी के बीच होता है। हम दोनों एक दूसरे को हर चीज में संतुष्ट करते थे।
सोनी ने भी अपने भाई को आत्महत्या करने की धमकी दे दी
मेरे पति को भी हमारे रिश्ते के बारे में धीरे-धीरे भनक होने लगी। एक दिन मेरे पति ने मुझसे पूछ ही लिया। मैंने साफ-साफ कह दिया कि मैं सोनी के बिना नहीं रह सकती। उससे मैं बेहद प्रेम करती हूँ। मेरे पति यह सुनने के बाद मुझसे गुस्सा हो गए। कुछ दिन बातें भी नहीं की। सोनी ने भी अपने भाई को आत्महत्या करने की धमकी दे दी। जिसके बाद वो भी हमारे रिश्ते के लिए मान गए।
महिला ने आगे बताया कि, पति को रिश्ते के बारे में पता चले अभी कुछ दिन बीते थे। मैंने ननद से कहा कि, क्यों ना हम दोनों शादी कर लें। सोनी हैरान थी, लेकिन मैंने उसे मना लिया। मैं सोनी के लिए शादी का जोड़ा भी लेकर आई। हमने मंदिर में शादी भी कर ली। शादी के जोड़े में सोनू (सोनी) बेहद खूबसूरत लग रही थी।
सोनी मेरे नाम का सिंदूर लगाने लगी। मेरी लंबी उम्र के लिए मंगलसूत्र भी पहनती। वो दिल से मुझे अपना पति मानती थी। एक दिन सोनी ने मुझसे कहा कि आप अपना नाम लड़कों वाला रख लो। मैं आपको सूरज कहकर बुलाऊं तो कैसे रहेगा। मैंने कहा तुम्हारा जो मन करे उस नाम से मुझे पुकारो।
हम दोनों में प्रेम इस कदर बढ़ने लगा कि मर्दों वाला फील देने के लिए मैंने अपने बाल लड़कों जैसे कटवा लिए। लड़कों जैसे ही ड्रेस पहनने लगी। मैं तो सोनी के लिए सर्जरी करवाकर अपना जेंडर तक बदलने के लिए तैयार हो गई। जिसके बाद यूट्यूब पर हम जेंडर बदलने के तरीके और प्रोसिजर देखने लगे। सर्जरी का तरीका देखकर सोनी डर गई। सोनी ने मुझे रोक दिया। बोली- चीड़-फाड़ में अगर आपकी जान चली गई तो मैं किसके सहारे रहूंगी , क्योकि मैं आपसे बेइन्तेहा मोहब्बत करती हूँ और आपके बिना रहना मेरे लिए मुश्किल है।
ननद को पत्नी बना लिया और अब पति से कोई मतलब नहीं रखती
महिला ने बताया कि, मेरे लिए सोनी हमेशा दीवानी सी रहती। मेरे लिए दिनभर सजती संवरती रहती। वह हर दिन गाना गाकर सजते संवरते वीडियो बनाकर मुझे भेजती। सोनी मुझे लड़कों की तरह स्मार्ट देखना चाहती थी। बाल बढ़ते ही वह हर दिन टोकती थी। वह चाहती थी कि जब भी वह उसके पास आए, बस लड़कों वाला फील हो। हम दोनों को एक दूसरे से इस कदर मोहब्बत हो गयी कि हम दोनों को एक-दूजे के सिवा कोई अच्छा नहीं लगता था।
महिला ने यह भी बताया कि, मेरे पति में कोई कमी नहीं है। पति में कमी होती तो हम दोनों से दो-दो बच्चे कैसे हो जाते। बस मुझे मेरी ननद से मोहब्बत हो गयी जिसे मैं रोक ना सकी। इसलिए ननद को पत्नी बना लिया और अब पति से कोई मतलब नहीं रखती। सब कुछ ननद ही है। मैं एक दुकान पर काम करती हूँ। जितना कमाती हूँ, सब ननद को दे देती हूँ। ननद की खुशी में ही अपनी खुशी तलाशती हूँ, ननद भी मुझ में प्यार और खुशी ही ढूंढती है।
जब सोनी मेरे सामने आती है तो अंदर से पति वाली फीलिंग आने लगती है। मैं खुद को लड़का महसूस करने लगती हूँ। उसे देखते ही पत्नी वाला एहसास होने लगता है। जब भी मैं उसे छूती हूँ, तो वह पत्नी जैसा सुख मिलता है। इतना ही नहीं वह भी जब मुझे टच करती है तो उसे पति जैसा ही एहसास होता है।
दिल से मनोरंजन नहीं बल्कि सच्चा प्यार होता है
मैं मानती हूँ कि जिस्म तो सिर्फ मनोरंजन है, प्यार का घर तो दिल है। हम दोनों का प्यार दिल की गहराइयों से है। दिल से मनोरंजन नहीं बल्कि सच्चा प्यार होता है। सोनी बहुत अच्छी है, मुझे उसका सब कुछ बेहद पसंद है। ये इश्क़ ही तो है, जो हमें पति-पत्नी की तरह पूरी तरह से एक-दूसरे में समा जाने के लिए मजबूर करता है। मैं बार-बार उससे पूछती रहती हूँ कि तुम्हें जरूरत हो तो शादी करा दूं, लेकिन वह कभी तैयार नहीं हुई, क्योंकि हम दोनों एक दूसरे के बिना नहीं रह सकते है।
सोनी को घर वालों ने किडनैप कर लिया है
महिला ने आगे बताया कि, हम दोनों ननद-भाभी की ये प्रेम कहानी बेहद खूबसूरत चल रही थी। तभी सोनी की बड़ी बहन यानि मेरी बड़ी ननद को ये सब पता चल गया। वो सोनी को लेकर अपने घर चली गई। मैं अकेले पड़ गई हूं। सोनी को घर वालों ने किडनैप कर लिया है। इसके बाद मैं पागल जैसी हो गई हूँ। उसके बिना खाना पीना कुछ नहीं अच्छा लगता है। पुलिस वाले कुछ मदद करेंगे ये सोचकर थाने गई। मेरे साथ मेरे पति भी थाने गए थे, लेकिन पुलिस वालों ने मेरी कोई सहायता नहीं की। मैं सोनी के बिना नहीं रह सकती हूँ। वो नहीं मिली तो मर जाऊंगी।
सोनी को मैंने जन्मदिन में एक लाल रंग की साड़ी गिफ्ट की थी, ये साड़ी सोनी को बहुत पसंद थी। अब मैं उस साड़ी को लेकर उसके होने का एहसास करती हूँ। मैं सोनी को पाने के लिए हर दिन पुलिस ठाणे में चक्कर काट रही हूँ। मेरा ससुर बहुत गंदा इंसान है। वह बड़ी ननद के साथ मिलकर दोनों को अलग करना चाहता है। इस कारण से सोनी का अपहरण करा दिया है। अब उसका कुछ पता नहीं चला रहा है। हम दोनों एक संग रहना चाहते हैं, मेरे पति से भी कोई मतलब नहीं है। बस घर वाले बाधा बने हुए हैं। सोनी के माता-पिता उसे भी बहुत दुख देते हैं। उसके बिना मैं नहीं रह पाऊँगी।
डॉक्टरों ने ननद- भाभी के रिश्ते को लेकर कही ये बात
वहीं इस मामले में चिकित्सक ने बताया है कि, यह ह्यूमन नेचर होता है। अगर किसी के रिलेशन में महत्व नहीं मिलता है और कोई समस्या पर बात करने वाला मिल जाता है। फीलिंग पर बात करने लगता है तो काफी करीब आ जाता है। प्यार में जिस तरह से मौजूदा समय में पागलपन देखा जा रहा है, वह ऑब्सेशन ही होता है। एक दूसरे के लिए जान देने का प्रयास करना और खुद को नुकसान पहुंचाना ऑब्सेशन ही होता है।
यदि बच्चे नहीं होते तो माना जा सकता था कि हार्मोनल डिफेक्ट है, लेकिन इस मामले में ऐसा कुछ भी नहीं है। उसके बच्चे भी है। अब पति भी इस मामले में संलिप्त हो गया, यह बड़ा सवाल है। दो महिलाओं के साथ पति की भी काउंसलिंग होनी चाहिए। पति में भी कोई न कोई कमी रही होगी जिस कारण से ऐसा हुआ है। ननद और भाभी दोनों बीमार है, दोनों की काउंसलिंग होनी चाहिए। इसमें काउंसलिंग, बिहेवियर मॉडिफिकेशन होना चाहिए। इस तरह से कई मनोवैज्ञानिक उपाय है, जिससे दोनों को ठीक किया जा सकता है।