Bihar: शिक्षा मंत्री ने रामचरितमानस को कहा ‘नफरत फैलाने वाला ग्रंथ’

समारोह समाप्त होने के बाद जब शिक्षा मंत्री से उनके बयान पर सवाल किया गया, तो उन्होंने रामचरितमानस को लेकर बोले गए अपने शब्दों को सही करार दिया|

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बिहार के शिक्षा मंत्री (Bihar Education Minister) और आरजेडी विधायक चंद्रशेखर के एक बयान से विवाद खड़ा हो गया है| उन्होंने अन्य दूसरे किताबों के साथ ही साथ रामचरितमानस पर भी विवादित बयान दे दिया है| बिहार शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि मनुस्मृति, बंच ऑफ थॉट्स, रामचरितमानस नफरत फैलाने वाले ग्रंथ हैं|

चंद्रशेखर ने कहा कि एक युग में मनुस्मृति, दूसरे युग में रामचरितमानस, तीसरे युग में गुरु गोवलकर का बंच ऑफ थॉट, ये सभी देश को, समाज को नफरत में बांटते हैं| नफरत देश को कभी महान नहीं बनाएगी| देश को महान केवल मोहब्बत ही बनाएगी|

दरअसल, राजधानी पटना में नालंदा ओपन विश्वविद्यालय के 15वें दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने रामचरितमानस को समाज को बांटने वाला ग्रंथ बताया| समारोह के बाद जब उनसे फिर से उनके बयान पर सवाल किया गया, तो उन्होंने रामचरितमानस को लेकर कहे गए अपने शब्दों को सही बताया|

बिहार शिक्षा मंत्री (Bihar Education Minister) चंद्रशेखर ने कहा कि, ”मनुस्मृति में समाज की 85 फीसदी आबादी वाले बड़े तबके के खिलाफ गालियां दी गईं| रामचरितमानस के उत्तर कांड में लिखा है कि नीच जाति के लोग शिक्षा ग्रहण करने के बाद सांप की तरह जहरीले हो जाते हैं, यह नफरत को बोने वाले ग्रंथ हैं|”

इस बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि, राज्य के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को प्रोफेसर चंद्रशेखर के बयान पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए और इस देश के हिन्दूओ से माफ़ी मांगनी चाहिए|