NEET परीक्षा में पेपर लीक मामले को लेकर हुआ बड़ा खुलासा

इस मामले में अब तक 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें चार अभ्यर्थी, तीन माता-पिता भी शामिल हैं।

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5 मई को आयोजित हुई NEET परीक्षा में पेपर लीक को लेकर बिहार पुलिस (Bihar Police) की आर्थिक अपराध इकाई (Economic Offenses Unit) ने बड़ा खुलासा किया है। बिहार पुलिस (Bihar Police) की आर्थिक अपराध इकाई, एनईईटी-यूजी 2024 पेपर लीक की जांच कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, बिहार पुलिस (Bihar Police) की आर्थिक अपराध इकाई (Economic Offenses Unit) ने जांच में पाया कि मेडिकल उम्मीदवारों ने एग्जाम से पहले पेपर पाने के लिए रैकेट में शामिल ‘दलालों’ को 30 लाख रुपये से 50 लाख रुपये तक की भारी रकम का भुगतान किया था।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, आर्थिक अपराध इकाई (Economic Offenses Unit) ने नीतीश कुमार और अमित आनंद के फ्लैट्स से बैंक चेक और उम्मीदवारों के रोल कोड सहित कई दस्तावेज जब्त किए हैं, जो परीक्षार्थियों की मदद करने के लिए एक शिक्षा परामर्श फर्म चला रहे थे। ये दोनों 5 मई को गिरफ्तार कर लिए गए। बता दें कि मामले में अब तक 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें चार अभ्यर्थी, तीन माता-पिता और अमित के दो सहयोगी शामिल हैं। पूछताछ के लिए ईओयू सोमवार को आरोपी को रिमांड पर लेगी।

गिरफ्तार उम्मीदवारों ने पुलिस को बताया कि लगभग 35 मेडिकल उम्मीदवारों को पटना के राम कृष्ण नगर इलाके में लर्न बॉयज़ हॉस्टल के एक अपार्टमेंट में ले जाया गया, जहां उन्हें प्रश्न पत्र उपलब्ध कराया गया। ईओयू के उप महानिरीक्षक मानवजीत सिंह ढिल्लों ने कहा, “उम्मीदवारों ने खुलासा किया कि वास्तविक एनईईटी प्रश्न पत्र परीक्षा से एक दिन पहले दलाल से प्राप्त प्रश्न पत्र के समान था।” उन्होंने कहा, “हम उन छात्रों का विवरण प्रदान करने के लिए परीक्षा आयोजित करने वाली राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी से संपर्क करेंगे जिनके रोल कोड हमें फ्लैट में मिले थे। हम विवरण की पुष्टि कर रहे हैं।”

जांच से पता चला कि अमित की कंसल्टेंसी फर्म ने मैसेजिंग ऐप ग्रुप्स के जरिए उम्मीदवारों और उनके माता-पिता से संपर्क साधा। अमित दानापुर नगर परिषद में जूनियर इंजीनियर के रूप में कार्यरत एक ‘दलाल’ सिकंदर यादवेंदु के संपर्क में था, जिसे परीक्षा से पहले पुलिस ने पकड़ लिया था।

रैकेट की कार्यप्रणाली का खुलासा करते हुए डीआइजी ने कहा कि अभ्यर्थियों के फ्लैट पर पहुंचने के बाद उनके मोबाइल फोन छीन लिये गए। अभ्यर्थियों को दिखाए जाने के बाद प्रश्नपत्र जला दिए गए। हमें उम्मीदवारों के फोन से मुख्य आरोपियों में से एक का नंबर मिला है। उन्होंने ही फ्लैट किराए पर लिया था और जगह तक पहुंचने के लिए इच्छुक लोगों से संपर्क किया था।