इस्राइल और हमास (Israel and Hamas) के बीच युद्ध में करीब पांच हजार लोगों की मौत हो गई। इस बीच, मंगलवार को गाजा के अल-अहली अस्पताल में विस्फोट हुआ था, जिसमें सैकड़ों लोगों की जान चली गई। इस हमले का आरोप हमास और इस्राइल एक दूसरे पर मढ़ रहे हैं। इस बीच, इस्राइल ने इस हमले में मारे गए लोगों के शवों पर सवाल खड़ा कर दिया।
इस्राइल सुरक्षा बलों (आईडीएफ) ने बृहस्पतिवार को अपने ऊपर लगाए आरोपों को नकारने के साथ ही इस हमले के लिए फलस्तीनी इस्लामिक जिहाद को जिम्मेदार ठहराया। साथ ही उस दावे पर सवाल खड़े कर दिए, जिसमें कहा जा रहा कि कई लोग मारे गए थे। अपने दावों के समर्थन में, इस्राइल ने वीडियो जारी की है, जिनमें से एक में रॉकेट की चपेट में आने से पहले और बाद में अस्पताल और उसके आसपास के क्षेत्र को दिखाया गया है।
आईडीएफ के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल जोनाथन कॉनरिकस ने एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि रॉकेट पार्किंग में फटा था और ऐसा लगता है कि घटना में कोई नहीं मारा गया।
आईडीएफ के प्रवक्ता ने कहा, ‘हम देख सकते हैं कि जहां विस्फोट हुआ वहां का क्षेत्र काला पड़ा हुआ है। ऐसा लगता है कि वहां भयानक आग लगी थी। यह वास्तव में केंद्र है, जहां रॉकेट ने प्रभावित किया है। मैं जो देख पा रहा हूं वहां लगभग 15 कारें हैं, जो हमले से प्रभावित हुई थीं। आग से जले सामानों को भी देखा जा सकता है। हालांकि, जो मुझे नहीं दिख रहा वो हैं शव।’
आईडीएफ ने गाजा में हमास नियंत्रित स्वास्थ्य मंत्रालय के उस दावे पर सवाल उठाया, जिसमें कहा गया था कि विस्फोट में कई लोग मारे गए थे। लेफ्टिनेंट कर्नल कॉनरिकस ने कहा, ‘अगर वास्तव में यहां 471 या 500 लोग मारे गए हैं, तो सभी के शव कहां हैं?’
आईडीएफ के प्रवक्ता ने घटनास्थल की एक वीडियो को दिखाते हुए कहा कि तस्वीरों में साफ भीषण आग दिख रही है। जबकि इस्राइली बम से हमला किया गया होता तो वहां गड्ढा होता न कि आग। उन्होंने कहा, ‘अगर आप लोग खबरें देख रहे हैं तो ठीक ऐसे ही हमले इस्राइल पर देख सकते हैं। जब इस्राइल पर रॉकेट से हमला किया जाता है, तो हम यही देखते हैं- जली हुई कारें, जले हुए सामान और आग।