अब तक आप आसानी से सिम कार्ड खरीद और बेच सकते थे लेकिन अब सब कुछ बदलने वाला है। 1 दिसंबर से भारत में सिम कार्ड बेचने और खरीदने के नए नियम लागू होने जा रहे हैं। अब सिम बेचने के लिए डीलर्स को अपना वेरिफिकेशन कराना अनिवार्य होगा। इतना ही नहीं सिम बेचने से पहले रजिस्ट्रेशन कराना भी अनिवार्य कर दिया गया है।
आपको बता दें कि पिछले कुछ समय में फ्रॉड कॉल्स और स्पैम के मामले काफी तेजी से बढ़े हैं। ऐसे में डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्यूनिकेशन ने इस पर रोक लगाने के लिए सिम कार्ड बेचने और खरीदने के लिए नए नियम तय किए हैं। इस संबंध में DoT की तरफ से सितंबर महीने में दो सर्कुलर भी जारी किए गए थे।
नए नियम के मुताबिक टेलीकॉम कंपनियों को अब उनके सिम कार्ड बेचने वाली दुकान का KYC कराना जरूरी होगा। अगर कंपनियां केवाइसी नहीं कराती तो उन पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लग सकता है। नए नियमों में थोक सिम कार्ड बेचने पर भी नकेल कसी जाएगी। अब लोग एक साथ बल्क में सिम नहीं खरीद सकते। सिर्फ व्यावसायिक कनेक्शन पर ही थोक सिम मिल पाएंगे। हालांकि अब अपने एक आधार आईडी पर अब भी नौ सिम कार्ड खरीद पाएंगे।
अगर कोई व्यक्ति अपना नंबर बंद कराता है तो 90 दिन के बाद ही वह नंबर किसी और को दिया जाएगा। मौजूदा नंबर के लिए नई सिम कार्ड खरीदने से पहले आधार की स्कैनिंग को भी अब अनिवार्य कर दिया गया है। इसके साथ ही डेमोग्राफीक डेटा भी जरूर होगा।
आपको बता दें कि पहले भारत सरकार सिम खरीदने के नए नियमों को 1 अक्टूबर से लागू करने वाली थी लेकिन बाद में DoT ने इसे 2 महीने के लिए बढ़ा दिया था। फ्रॉड के लगातार बढ़ते मामलों पर रोक लगाने के उद्देश्य से अब भारत सरकार सख्ती के साथ सिम खरीदने और बेचने के नियमों को लागू करने को मोड में नजर आ रही है।