विभिन्न मांगों को लेकर भारतीय किसान यूनियन ने किया कलेक्ट परिसर में जोरदार प्रदर्शन

ट्रैक्टरों से मार्च करते हुए किसानों ने दिखाया हाईवे पर शक्ति प्रदर्शन।

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Baghpat: भाजपा सांसद जनरल वीके सिंह के बयान पर भाकियू (Bharatiya Kisan Union) जिलाध्यक्ष ने पलटवार करते हुए कहा कि वी के जनरल सिंह को एनडीए दोबारा सेना में भर्ती कराएगी, इसीलिए सांसद उल्टे सीधे बयान दे रहा है। पॉश कॉलोनी में रहने वाले नेता को नहीं पता कि किसानों की क्या समस्याएं हैं।

एक सवाल के जवाब में भाकियू (Bharatiya Kisan Union) जिलाध्यक्ष प्रताप सिंह गुर्जर ने कहा कि, आंदोलन के दौरान कुछ लोग किसानों के आंदोलन में शामिल हो जाते हैं। जबकि उनका किसानों से कोई संबंध नहीं होता है। इस तरह के लोग ही लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ से बदतमीजी करते हैं। उन्होंने कहा कि हम पत्रकारों का सम्मान करते हैं, क्योंकि वे हमारी समस्याओं को सरकार तक और जनता तक पहुंचाते हैं। कुछ चैनल है जो सरकार का गुणगान गाते हैं। जिसे मोदी मीडिया कहा जाता है।

उन्होंने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि सरकार होश में आ जाए, और किसानों से सभी मुद्दों पर वार्ता करें। यह केवल एक प्रदर्शन था, जो सरकार को सूचना दी गई है। अब दिल्ली दूर नहीं है। जब यूपी के किसान दिल्ली की सड़कों का चक्का जाम कर देंगे। अभी ट्रैक्टर घर से बाहर निकले हैं और कलेक्ट्रेट तक पहुंचे हैं, लेकिन दिल्ली जाने में इन्हें देर नहीं लगेगी।

दरअसल आपको बता दे कि भारतीय किसान यूनियन (Bharatiya Kisan Union) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत के आह्वान पर आज बागपत कलेक्ट्रेट परिसर में भाकियू जिला अध्यक्ष प्रताप सिंह गुर्जर के नेतृत्व में किसानों ने जोरदार प्रदर्शन किया और हाईवे पर ट्रैक्टरों का शक्ति प्रदर्शन करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे। जहां किसानों ने अपने ट्रैक्टर कलेक्ट्रेट परिसर में ही खड़े कर दिए। इस दौरान जिलाधिकारी समेत अन्य अधिकारियों की गाड़ी भी ट्रैक्टरों के बीच में ही फंस गई।

कलेक्ट्रेट परिसर में किसानों ने विभिन्न मांगों को लेकर जोरदार नारे बाजी करते हुए प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान किसान ट्रैक्टर पर डीजे लगाकर और रागनियां बजाते हुए पहुंच रहे थे। जिस कारण प्रशासन में हड़काम मच गया। सुरक्षा को लेकर कलेक्ट्रेट परिसर मुख्य चौराहों और हाईवे पर भारी पुलिस बल तैनात रहा। इतना ही नही प्रदर्शन के दौरान पीएसी के जवान भी भारी संख्या में मौजूद रहे। घँटों चले हंगामे और प्रदर्शन के बाद चेतावनी देते हुए किसान अपने घर को रवाना हुए।