वाराणसी के अर्दली बाजार में वृंदावन से पधारे कथा व्यास आचार्य मनोहर कृष्ण महाराज के द्वारा श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया गया है। कथा का आयोजन पुरुषोत्तम मास के अवसर पर किया जा रहा है। इस दौरान पुरुषोत्तम मास में जो भी यज्ञ अनुष्ठान कथा आदि श्रवण करते हैं उससे अश्वमेध यज्ञ करने का फल प्राप्त होता है।
कथा के प्रथम दिन आचार्य मनोहर कृष्ण महाराज ने ज्ञान भक्ति और वैराग्य से संबंधित कथा का श्रवण कराया। उन्होंने कहा कि ज्ञान ही मनुष्य को मुक्ति दिला सकता है। भक्ति ही मनुष्य को भगवान के समीप ले जा सकती है और वैराग्य ही मनुष्य को सांसारिक मोह माया से मुक्ति दिला सकता है।
कथा व्यास ने कहा कि ज्ञान वैराग्य के दुख को दूर कर सकता है। उन्होंने धुंधकारी जैसे भयंकर प्रेत योनि को प्राप्त करने के बाद गोकर्ण ने भागवत की कथा सुनाई और धुंधकारी का उद्धार हो गया। उन्होंने कहा कि भागवत कल्पवृक्ष है जो भागवत के शरण में आता है उसके सभी प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं।
वही इस कथा में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ देखने को मिली है। जहाँ श्रद्धालु कथा सुनकर ज्ञान प्राप्त कर रहे हैं और भगवान के प्रति भक्ति बढ़ रही है।