बांदा: आवास ना मिलने पर पीड़िता ने न्याय की लगाई गुहार

जिलाधिकारी कार्यालय पहुंची पीड़िता ने जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल को लिखित शिकायत पत्र देकर लगाई न्याय की गुहार।

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Banda News: प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को आवास मुहैया कराने के लिए केंद्र सरकार लाखों करोड़ रुपये खर्च कर रही है, लेकिन बाँदा जिले में ग्राम पंचायत प्रधान और सचिव की मिलीभगत से एक गरीब महिला का आवास पैसा गबन कर लिया गया। आपको बता दें कि पूरा मामला जिला कलेक्ट्रेट परिसर का है। जहां पर बुधवार को पीड़िता बेसनिया पत्नी रामसरन मौजा बल्लान अंश रामकिशुन का पुरवा, बिसण्डा की महिला है।

पीडिता का चयनियत सूची में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण की धनराशि ग्राम पंचायत प्रधान व सचिव व प्रधान के गुर्गे द्वारा पीड़िता के खाते की धनराशि निकालकर गबन कर लिया। पीड़िता को न्याय दिलाने के बेसनिया पत्नी रामसरन अनुसूचित जाति की महिला।

पीड़िता का प्रधानमंत्री आवास (ग्रामीण) की सूची में दर्ज है, जिसका आवेदन क्रमांक UP136785935 है। पीड़िता अनपढ़ व बेहद गरीब महिला है। पीड़िता को उस के घर से बहला-फुसलाकर पति-पत्नी दोनों को बैंक पासबुक सुधारने के बहाने ले जाया गया। उसने कहा, प्रधान के गुर्गे राघवेन्द्र सिंह पुत्र शिवकुमार सिंह, मुन्ना सिंह पुत्र जीवनलाल सिंह, रामसरन पुत्र सुखलाल मुझे पासबुक सुधारने के बहाने राघवेन्द्र सिंह मेरी पासबुक अपने पास रखे रहता है। पीड़िता का पति बार-बार जाने पर भी बड़ी गुमराह से पासबुक दिया। मैनें पढ़े लिखे कई लोगों को दिखाया उन्होनें बताया कि तुम्हारे प्रधानमंत्री आवास का पैसा निकल गया है।

पीड़िता के कहने पर सचिव व प्रधान कहते हैं कि तुम्हें दूसरा अवास दिलाया जायेगा। लिखने में गलती हो गयी है। पीड़िता ने आरोप लगाया कि अब प्रधान व उसके गुर्गे राघवेन्द्र व रामसरन पुत्र सुखलाल कुछ अज्ञात लोग धमकी देते हैं, गाली-गलौज व जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हैं। महिला ने आरोप लगाते हुए कहा कि मिली भगत से मेरा आवास पैसा धोखाधड़ी से गबन कर लिया गया है।

पीड़िता की प्रथम किस्त किसी अन्य व्यक्ति के खाता में डालकर बन्दर बाँट किया गया और दूसरी किस्त एवं तृतीय किस्त पीड़िता को बहला-फुसलाकर पासबुक सुधारने के बहाने अंगूठा लगवाकर पूरा पैसा निकला लिया गया और कह दिया गया कि अभी साइट बन्द है। मांग है कि गरीब अनपढ़ महिला के खाते में आयी हुयी आवास की किस्त की जाँच करवाकर आवास दिलवाया जाए और उक्त व्यक्तियों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर कानूनी कार्रवाई करें।