यूपी के बलरामपुर (Balrampur) में संयुक्त जिला अस्पताल में रक्त केंद्र केंद्र पर हिमांशु दीक्षित पहुंचे जहां पर उन्होंने अपना 50वां रक्तदान किया। जहां उन्होंने लोगों से भी रक्तदान करने की अपील की।
हिमांशु दीक्षित ने लोगों से कि रक्तदान करने की अपील
बलरामपुर (Balrampur) जिले में बने संयुक्त जिला अस्पताल के रक्त केंद्र में बलरामपुर सिविल लाइन कॉलोनी के निवासी हिमांशु दीक्षित ने अपना 50वां रक्तदान किया। यह महत्वपूर्ण कदम रक्त दान के प्रति उनकी जिम्मेदारी को दिखाता है।इस मौके पर उन्होंने कहा कि रक्तदान श्रेष्ठदान व श्रेष्ठ कर्म है और प्रत्येक इंसान को इंसानियत की खातिर अपने जीवन में रक्तदान अवश्य करना चाहिए। इंसान द्वारा दान किया गया रक्त किसी जरूरतमंद व्यक्ति के प्राणों की रक्षा करता है और इससे ज्यादा सुकून की बात किसी रक्तदाता के लिए नहीं हो सकती। हिमांशु ने कहा कि रक्तदान एक सर्वश्रेष्ठ दान है, ये महादान है। आपके द्वारा किया किया रक्तदान एक नही अनेको जीवन बचा सकता है। इसलिये नियमित रूप से रक्तदान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे समाज में ये भ्रांति फैली है कि रक्तदान करने से कमजोरी नही आती, जबकि ऐसा बिल्कुल नही है। रक्तदान करने के बाद मनुष्य कोई भी सामान्य कार्य कर सकता है। साथ ही हमारे शरीर रक्तदान द्वारा किये गये रक्त की कमी शीघ्र ही पूरी कर लेता है। 18 वर्ष से 60 वर्ष तक का कोई भी स्वस्थ व्यक्ति रक्तदान कर सकता है।
रक्तदान के बारे में चिकित्सा अधीक्षक ने दी जानकारी
इस दौरान मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने कहा कि रक्तदान तब होता है जब एक स्वस्थ व्यक्ति स्वेच्छा से अपना रक्त देता है और रक्त-आधान (ट्रांसफ्यूजन) के लिए उसका उपयोग होता है या फ्रैकशेनेशन नामक प्रक्रिया के जरिये दवा बनायी जाती है। उन्होंने कहा कि विकसित देशों में, अधिकांश रक्तदाता अवैतनिक स्वयंसेवक होते हैं, जो सामुदायिक आपूर्ति के लिए रक्त दान करते हैं। गरीब देशों में, स्थापित आपूर्ति सीमित हैं और आमतौर पर परिवार या मित्रों के लिए आधान की जरूरत होने पर ही रक्तदाता रक्त दिया करते हैं। अनेक दाता दान के रूप में रक्त देते हैं, जो लोगों को भुगतान किया जाता है और कुछ मामलों में पैसे के बजाय काम के समय में सवैतनिक छुट्टी के रूप में प्रोत्साहन दिए जाते हैं। कोई रक्त दाता अपने भविष्य के उपयोग के लिए रक्त दान कर सकता है। रक्त दान अपेक्षाकृत सुरक्षित है, लेकिन कुछ दाताओं को उस जगह खरोंच आ जाती है जहां सूई डाली जाती है या कुछ लोग मूर्छा महसूस करते है। साथ ही कहा कि इस दुनिया अनेक घायल या बीमार लोग हैं जो.सही समय पर रक्त ना मिल पाने के कारण दम तोड़ देते हैं। इसका कारण ये है कि रक्तदान करने वालों की संख्या कम होती है। उन्होंने लोगों से अपील किया है कि रक्तदान करने के लिए वे आगे आयें।