बलरामपुर: भारत-नेपाल सीमा कोइलाबास पर मैंस लैंड में ही बनेगा भव्य प्रवेश द्वार

0
59

यूपी के बलरामपुर (Balrampur) में भारत-नेपाल अंतर्राष्ट्रीय सीमा कोयलाबास पर नेपाल सीमा द्वार के सामने नो मैंस लैंड के निकट ही भव्य स्वागत एवं प्रवेश द्वार के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। अंतरराष्ट्रीय सीमा पर विशेष सामरिक महत्व रखते स्वागत एवं प्रवेश द्वार के पूर्व निर्धारित स्थल नो मेंस लैंड के निकट ही बने इसमें शासन स्तर में एनओसी प्राप्त करने में डीएम अरविंद सिंह का विशेष भूमिका एवं अहम योगदान माना जा रहा है।

भारत नेपाल बॉर्डर पर बनेगा भव्य प्रवेश द्वार

बलरामपुर (Balrampur) में डीएम द्वारा 20 जनवरी को भारत- नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा कोइलाबास के भ्रमण के दौरान प्रमुखता से भव्य प्रवेश द्वार के निर्माण के संबंध में सशस्त्र सीमा बल के साथ विस्तृत चर्चा की गई थी। बता दें कि वर्ष 2021 में भारत नेपाल अंतर्राष्ट्रीय सीमा कोयलाबास में नेपाल सीमा द्वार के सामने नो मैंस लैंड के निकट ही प्रवेश द्वार बनाए जाने की पहल हुई थी। प्रवेश द्वार निर्माण के लिए लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड द्वारा वन विभाग से एनओसी मांगी गई थी, वन विभाग द्वारा एनओसी प्राप्त न होने पर निर्माण स्थल बदल दिया गया। स्वागत एवं प्रवेश द्वार नेपाल सीमा से 06 किलोमीटर अंदर भारत में बनाए जाने पर ग्रामीण एवं समाजसेवियों के आपत्ति का तत्काल संज्ञान लेते हुए डीएम द्वारा फाउंडेशन के लिए खोदे गए गड्ढे के कार्य पर रोक लगा दिया गया था। डीएम अरबिन्द कुमार सिंह द्वारा स्वागत एवं प्रवेश द्वार स्थल को बदले जाने की टीम बनाकर जांच कराई गई। उन्होंने अधिशासी अभियंता पीडब्ल्यूडी को चेतावनी दिया की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर विशेष सामरिक महत्व रखने वाले प्रवेश द्वार का निर्माण स्थल बदलते हुए उसे वन सीमा के बाहर बनाना उचित नहीं है।

भव्य द्वार बनाए जाने को लेकर स्थानीय लोगों में दिखी खुशी

भारत-नेपाल सीमा पर बना रहे भव्य द्वार को लेकर लोगों ने खुशी का इजहार किया है। उन्होंने कहा कि ऐसा होने से हम लोगों को काफी अच्छा लगेगा। वहीं डीएम ने शासन स्तर से निरंतर संपर्क रखते हुए सभी आपत्तियों का निस्तारण कराया। खुशी की बात है कि शासन के निर्देश के क्रम में वन विभाग द्वारा 02 वर्षों से लंबित एनओसी जारी कर दी गई है।नेपाल सीमा के निकट भव्य प्रवेश द्वार बनाने के लिए पीडब्ल्यूडी विभाग एवं वन विभाग द्वारा शीघ्र अग्रेतर एवं आवश्यक कार्यवाही प्रारंभ की जाएगी।भारत- नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा कोयलाबास पर प्रवेश द्वार बनने से यहां पर पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। प्रवेश द्वार को लाइट आदि से आकर्षक ढंग से सजाया जाएगा। वही इंडो-नेपाल निर्माणाधीन बॉर्डर रोड के नो मैंस लैंड पर दशकों से अतिक्रमण का खेल चल रहा है। लेकिन अब इस पर भी अंकुश लग सकेगा।