उत्तर प्रदेश: बलिया (Ballia) में स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी बड़ी खबर सामने आयी है। जिला महिला अस्पताल में होने वाली जांच अब सवालों के घेरे में है। दरअसल पूरा मामला जिला महिला अस्पताल में प्रसव के लिए आई एक महिला की HCV जांच रिपोर्ट से जुड़ा है। तीमारदारों का आरोप है कि अस्पताल से HCV की जो रिपोर्ट दी जा रही है, वो गलत यानी फर्जी है।
तीमारदार ने बताया इसकी जानकारी तब हुई जब बाहर से HCV की जांच कराई गई, तो हमारे भी होश उड़ गए। अस्पताल द्वारा HCV की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद प्रसूता को चिकित्स्क द्वारा रिपोर्ट क्रिटीकल बताते हुए रैफर कर दिया गया। वही परिजनों की माने तो शंका होने पर जांच बाहर से कराया तो निगेटिव रिपोर्ट आयी, वो भी तीन बार अलग अलग कम्पनी के HCV किट से।
तीमारदारों ने इसकी शिकायत अस्पताल की सीएमएस से किया। इस मामले पर सीएमएस ने बताया कि मामला संज्ञान आते ही कार्रवाई करते हुए फाल्स किट को वापस कराया जा रहा है। CMS का कहना है कि HCV किट डिस्ट्रिक वेयर हाउस से आया है। अस्पताल की सीएमएस ने कहा मुझे शिकायत मिली तो मरीज को दुबारा बुला कर अस्पताल के किट से जांच कराई तो पॉजिटिव आया, फिर बाहर से किट मंगा कर अपने सामने जांच कराई तो निगेटिव आया। जिसकी सूचना लिखित में वेयर हाउस और सीएमओ को दे दी गयी है कि इस कीट के लॉट को वापस किया जा रहा है। सवाल यह है कि कब से यह किट महिला जिला अस्पताल में आयी है और कितने मरीज की रिपोर्ट गलत निकली है। इसका जिम्मेदार कौन होगा? सवाल यह भी है कि अगर मरीज ने आज हंगामा नहीं किया होता तो इस फर्जी किट का खुलासा भी नहीं हुआ होता। अब देखना यह है कि पूरे मामले में किस तरीके की जांच कर कार्यवाही हो रही है।