प्रयागराज जिले में बहरिया के सराय अजीज गांव में दरोगा अजीत मौर्या को लाइन हाजिर कर दिया गया है। मामला पुलिस को देखकर संजय नाम के युवक के छत से कूदने का है। जहां पूछताछ के लिए एसीपी थरवई जंग बहादुर यादव बृहस्पतिवार गांव पहुंचे। पुलिस ने परिजनों के बयान दर्ज किए और गांव के लोगों से घंटों पूछताछ की। संजय की मां ने कहा कि दरोगा ने बेटे की जिंदगी बर्बाद कर दी। दबिश के दौरान पुलिस के डर से छत से कूदने पर उनका बेटा अपाहिज हो गया है। पुलिस ने जख्मी संजय भारती का सहसों स्थित अस्पताल जाकर बयान लेकर हस्ताक्षर करवाया।
अधिकारियों ने एसीपी की रिपोर्ट के बाद दरोगा अजीत मौर्या को लाइन हाजिर कर दिया। अजीत के खिलाफ और भी कड़ी कार्रवाई हो सकती है। संजय के घर वाले दरोगा अजीत मौर्या से बेहद खफा थे। परिजनों का कहना था कि दरोगा ने रिश्वत के चक्कर में संजय को अपाहिज बना दिया। अगर उन्हें इंसाफ नहीं मिला तो वे धरना प्रदर्शन करेंगे।
पैसे की डिमांड का मामला
एसीपी थरवई जंग बहादुर यादव ने बताया कि कई पहलू पर जांच की जा रही है। इसमें भूमि विवाद में पुलिस को दबिश देने की क्या आवश्यकता थी। पीड़ितों के खिलाफ थाने में क्या कोई मुकदमा दर्ज है। हल्का दरोगा ने 20 हजार का लेनदेन किसके माध्यम से किया और दस हजार की डिमांड क्यों की जा रही थी। थाने की सरकारी जीप का प्रयोग किसके अनुमति से की गई। जीडी में रवानगी दर्ज है या नहीं आदि तमाम बिंदु शामिल हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, महपूरा निवासी लल्लू भारतीय का आरोप है कि वह अपनी भूमिधरी में पारिवारिक बंटवारे के हिस्से पर अपना मकान बनवा रहा था। परिवार के कुछ लोगों ने इसकी शिकायत थाना बहरिया में की। जिस पर हल्का दरोगा ने थाने बुलवाया और एक ग्राम प्रधान के माध्यम से डरा धमका कर 20 हजार ले लिए।
देर रात की दबिश
सोमवार को हल्का दरोगा ने बेटे संजय भारतीय और रंजीत भारतीय को थाने बुलाया और उनसे 10 हजार की और डिमांड की। जब पैसा देने में असमर्थता जताई तो रात करीब 12 बजे हल्का दरोगा सिपाहियों के साथ उसके घर पहुंचे और दरवाजा और खिड़की पीटने लगे। इससे बच्चे और महिलाएं डर के मारे चीखने लगे और संजय भारतीय छत से नीचे कूद गया। जिससे उसके पैर में फ्रैक्चर हो गया। देर रात एंबुलेंस बुलाकर पीड़ित को सीएचएसी फूलपुर ले जाया गया।
लाइन हाजिर कोई बड़ी कार्रवाई नहीं
मंगलवार को लल्लू भारतीय ने बहरिया पुलिस और हल्का दरोगा की अतिरिक्त पुलिस आयुक्त से शिकायत की। पहले पुलिस महकमा मामले को झूठा बताकर दबाने का प्रयास किया, लेकिन मामला तूल पकड़ने लगा तो बुधवार को जांच के लिए एसीपी थरवई जंग बहादुर यादव पहुंचे। जिसके बाद पुलिस ने देर शाम दरोगा को लाइन हाजिर कर मामले को दबाने की कोशिश की। दरअसल घर में दबिश देने के मामले को तूल पकड़ता देख अफसरों ने न सिर्फ दरोगा की बल्कि अपनी भी गर्दन बचाई है। गांव वालों और घर वालों का साफ कहना है कि लाइन हाजिर कोई बड़ी कार्रवाई नहीं है। दरोगा के खिलाफ कम से कम सस्पेंशन की कार्रवाई होनी चाहिए।