यूपी के आजमगढ़ (Azamgarh) मे नगर पालिका में 45 लाख रुपए के गमन के मामले को लेकर उप जिलाधिकारी के द्वारा शासन को एक रिपोर्ट भेजी गई है जिसमें बताया गया है कि पूर्व में 45 लाख रुपए का गमन किया गया है।
पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष के कार्यकाल हुआ गमन
आजमगढ़ (Azamgarh) जिले के नगर पालिका परिषद में अनियमितता के कई मामले सामने आये हैं। एसडीएम की जांच रिपोर्ट में पूर्व नगर पालिका परिषद अध्यक्ष के कार्यकाल में वित्तीय अनियमितता में करीब 45 से 50 लाख रुपये गबन करने की पुष्टि पायी गई। गबन धनराशि के वसूली की संस्तुति के साथ एसडीएम ने अपनी जांच रिपोर्ट शासन को भेजी है। पूर्व चैयरमैन के विरुद्ध शासन में शिकायत हुई थी। बतातें चले कि आजमगढ़ नगर पालिका परिषद की अध्यक्ष श्रीमती शीला श्रीवास्तव का 12 दिसंबर 2017 से 3 जनवरी 2023 तक कार्यकाल रहा है। उन पर आरोप है की अपने कार्यकाल के वर्ष 2020-21 में बगैर टेंडर के काम करा लिये गये, उनके ऊपर नगर पालिका सीमा के बाहर भी काम कराने व मनमाने तरीके से स्ट्रीट लाइटों की खरीदारी जैसे आरोप लगे। शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए शासन ने जांच कराने का आदेश दिया था। शासन के निर्देश पर तत्कालीन एसडीएम सदर वागीश शुक्ल को जांच दी गई थी। तीन साल तक चली जांच में पूर्व नगर पालिका परिषद अध्यक्ष आजमगढ़ श्रीमती शीला श्रीवास्तव द्वारा कई लाख रुपये के दुरुपयोग की बात सामने आई। तत्कालीन एसडीएम के स्थानांतरण के बाद जांच एसडीएम सदर ज्ञानचंद गुप्त व अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग को दी गई। दोनों अधिकारियों की संयुक्त जांच में पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष पर 44 लाख 51 हजार रुपये के शासकीय धनराशि के गबन की पुष्टि हुई है।
एसडीएम ने गमन के मामले में दी जानकारी
एसडीएम सदर ने बताया कि पूर्व चैयरमैन श्रीमती शीला श्रीवास्तव पर आरोप लगे थे, जिसकी जांच को लेकर पूर्व के जिलाधिकारी द्वारा निर्देश में तत्कालीन एसडीएम द्वारा किया गया था। अब इस मामले में शासन के निर्देश मिले हैं, की जिन प्रकरणों में उनके द्वारा कुछ कतिपय अनियमित की गई है, उसमें कितनी धनराशि नियत थी। जिसका आकलन करने पर करीब 50 लाख रुपये का मामला सामने आया है। जांच रिपोर्ट की सूचना शासन को भेजी गई है।