Rampur: बड़े बेआबरू होकर तेरे कूचे से निकले हैं हम। भले ही इस शेर के जरिए शायर ने उस समय परिस्थितियों को बयां किया हो लेकिन लंबे समय के बाद अब इस मशहूर शेर का एक-एक अल्फाज सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान (Azam Khan) के मौजूदा राजनीतिक हालातों पर बिल्कुल उपयुक्त नजर आ रहा है। हुआ यूं कि शासनादेश के बाद उनकी वाई श्रेणी की सुरक्षा मैं तैनात पुलिस जवानों को वापस बुला लिया गया है।
उत्तर प्रदेश की राजनीति में बड़े नामों में शुमार सपा के कद्दावर नेता आजम खान (Azam Khan) सूबे में सत्ता परिवर्तन के बाद प्रशासन और उनके सियासी मुखालिफों की नजर में हाशिए पर चले गए हैं। शायद यही कारण है कि 10 बार विधायक, चार बार मंत्री और दो बार सांसद रह चुके आजम खान पर दर्ज मुकदमों में अदालती प्रक्रिया जारी है। पिछले दिनों कोर्ट से सजा मिलने के बाद उनकी विधायकी चली गई थी और उनके चुनाव लड़ने मे कानूनी अड़चनें रोड़ा बन चुकी हैं। हालांकि यह बात अलग है कि जिस मामले में उन्हें निचली अदालत में दोषी करार दिया था उसके विरुद्ध सेशन कोर्ट से उनको राहत मिल चुकी है। फिर भी उनकी विधायकी वापस होने में मुरादाबाद न्यायालय द्वारा सड़क जाम करने के मामले में भी उन्हें दोषी करार देने का फैसला जरूर उनके लिए अभी भी दुखदाई साबित हो रहा है।
शासनादेश के बाद सपा नेता आजम खान (Azam Khan) की वाई श्रेणी की सुरक्षा को सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने का कोई औचित्य नहीं है। यह हवाला देते हुए हटा दिया गया है। गौरतलब है कि वाई श्रेणी की सुरक्षा के चलते आजम खान को तीन गनर मिले हुए थे। वही उनके आवास पर भी गार्ड की तैनाती थी।