रामपुर जेल में आजम खान को कैदी के रुप मे मिला बिल्ला नम्बर 338

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Azam Khan

उत्तर प्रदेश: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय महासचिव आजम खान (Azam Khan) अपनी पत्नी तंजीन फातिमा (Tanzin Fatima) और बेटे अब्दुल्ला आजम (Abdullah Azam) के साथ अदालत के फरमान के बाद रामपुर की जिला जेल (Rampur jail) में सलाखों के पीछे अपनी सजा के दिन और रात गुजारने के लिए अग्रिम अदालत कार्यवाही तक बंद हो चुके हैं। यही नहीं आजम खान को बाकायदा जेल मैनुअल के मुताबिक सजायअफता कैदी के रूप में दस्तावेजों में बिल्ला नंबर 338 भी मिल चुका है।

जनपद रामपुर की शहर विधानसभा सीट से 1980 से 2022 तक अपना कुशल राजनीतिक हस्ती के रूप में सफर तय करने वाले सपा के राष्ट्रीय महासचिव आजम खान को अलग-अलग मामलों में तीसरी बार अदालत ने स्थानीय एमपी एमएलए कोर्ट ने दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में दोषी करार देते हुए 7 साल की सजा सुनाई थी। उनके साथ ही इस मामले में उनकी पत्नी डॉक्टर तंजीम फातिमा एवं बेटे अब्दुल्लाह आजम को भी दोषी माना गया है और दोनों मां बेटे को भी आजम खान की तरह ही 7-7 साल की सजा मुकर्रर की गई है। अदालत से सजा तय होने के बाद आजम खान को पत्नी और बेटे के साथ पुलिस के कड़े पहरे के बीच दो दिन पहले जेल (Rampur jail) की सलाखो के पीछे पीछे भेज दिया गया है। आजम खान और अब्दुल्ला आजम को जेल की बैरक नंबर एक में आम बंदियों के साथ रखा गया है जबकि उनकी पत्नी तंजीन फातिमा को महिला बैरक में बंद किया गया है। जेल की बैरक नंबर एक में आजम खान एवं अब्दुल्ला आजम के साथ लगभग दो दर्जन बंदियो की मौजूदगी दिन भर चर्चा में रही है।

जेल प्रशासन की ओर से सामान्य रूप से की जाने वाली प्रक्रिया के तहत आजम खान को कैदी के रूप में जेल (Rampur jail) में मौजूद दस्तावेजों में बिल्ला नंबर 338, तंजीन फातिमा को 339 और अब्दुल्लाह आजम को 340 दिया जा चुका है। आजम खान, तंजीन फातिमा व अब्दुल्लाह आजम को सामान्य कैदियों की तरह ही जेल की बैरको में रखा गया है । आजम खान की भड़काऊ भाषण मामले में रामपुर और अब्दुल्लाह आजम को जनपद मुरादाबाद के छजलैट थाना क्षेत्र में सड़क जाम कर सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने के मामले में पहले ही दो अलग-अलग अदालतों से सजा मिलने के बाद अपनी अपनी विधायकी गवानी पड़ चुकी है। ऐसे में अब नहीं आजम खान और ना ही अब्दुल्लाह आजम वीआईपी हैं। कुछ इसी तरह का पैमाना पूर्व सांसद तंजीन फातिमा पर भी लागू होता है। यही कारण है कि तीनों को सामान्य कैदी के रूप में नियम अनुसार बैरकों मे रखा गया है।