दोपहर में घर से बाहर निकलने से बचें: सीएमओ कौशाम्बी

स्वास्थ्य विभाग ने हीटवेव से बचाव की जारी की एडवाइजरी

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CMO Kaushambi

कौशाम्बी: चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने लू से बचाव के लिए एडवाइजरी जारी की है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुष्पेंद्र कुमार (CMO Kaushambi) ने बताया कि हीटवेव यानि लू शरीर के लिए कई बार घातक हो सकती है। धूप/लू में बाहर निकलने से बचें। खासतौर पर दोपहर में घर से बाहर निकलने से बचें। गर्म हवाओं से बचने के लिए खिड़की को रिफ्लेक्टर जैसे एलुमिनियम पन्नी, गत्ते इत्यादि से ढककर रखें, उन खिड़कियों व दरवाजों पर जिनसे दोपहर के समय गर्म हवाएं आतीं हैं, काले परदे लगाकर रखने चाहिए। हीट स्ट्रोक, हीट रैश, हीट क्रैम्प से कमजोरी, चक्कर आना, सर दर्द, उबकाई, ज्यादा पसीना आना, बेहोशी आना आदि संभव है। लू लगने के लक्षण महसूस होते ही नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाएं |

  • आपदा संबंधी सहायता के लिए निम्न नम्बरो पर सम्पर्क कर सकते है।
  • एम्बुलेंस 108
  • पुलिस -112
  • जिला इमरजेंसी ऑपरेशन सेन्टर कौशाम्बी कंट्रोल रूम. नंबर : 9569751557

लू से बचाव के लिए,हाईड्रेट रहें-

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुष्पेंद्र कुमार (CMO Kaushambi) ने बताया कि लू से बचाव के लिए हाइड्रेट रहे यानी शरीर में पानी की कमी से बचें, इसके लिए अधिक से अधिक पानी पिएं, यात्रा करते समय पानी का प्रयोग ज्यादा करें। ओ.आर.एस., घर में बने हुए पेय पदार्थ जैसे लस्सी, चावल का पानी (माड़), नींबू पानी, छाछ आदि का उपयोग करें। जल की अधिक मात्रा वाले मौसमी फल एवं सब्जियों जैसे खरबूजा, संतरे, अंगूर, खीरा, ककड़ी एवं सलाद पत्ता आदि का प्रयोग करें एवं शरीर को ढककर रखें।

हल्के रंग के पसीना सोखने वाले हल्के कपड़े पहने, धूप के चश्मे, छाता, टोपी व चप्पल का प्रयोग करे, जो व्यक्ति खुले में कार्य करते हैं तो सर, चेहरा हाथ पैर को कपड़ों से ढक कर रखें तथा छाते का प्रयोग करें। अधिक से अधिक समय घर या कार्यालय के अंदर ही बितायें।

हमेशा हवादार स्थान पर रहे, सूर्य की सीधी रोशनी तथा गर्म हवा को रोकने का उचित प्रबंध करें, अपने घरों को ठंडा रखें। दिन में खिड़कियां, पर्दे तथा दरवाजे बंद रखें, विशेषकर घर तथा कार्यालय के उन जगहों पर जहां सूरज की सीधी रोशनी पड़ती हो, शाम/रात के समय घर तथा कमरों को ठंडा करने के लिए इन्हें खोल दें।

उच्च जोखिम समूहों के लिए परामर्श

उच्च जोखिम समूह जैसे एक वर्ष से कम आयु के शिशु तथा अन्य छोटे बच्चे, गर्भवती महिलायें, बाहरी वातावरण में कार्य करने वाले व्यक्ति, बीमार व्यक्ति विशेषकर हृदय रोगी अथवा उच्च रक्तचाप से ग्रसित व्यक्ति तथा ऐसे व्यक्ति जो ठंडे क्षेत्र से गर्म क्षेत्र में जा रहे हो, यह सब सामान्य आबादी की तुलना में हीटवेव के लिए ज्यादा संवेदनशील होते हैं। इनकें बचाव पर अत्यधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।

क्या न करें

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुष्पेंद्र कुमार (CMO Kaushambi) ने लू से बचाव के प्रति सचेत करते हुए कहा कि अधिक गर्मी वाले समय में विशेषकर 12 से 3 बजे के मध्य सूर्य की रोशनी में जाने से बचें। नंगे पैर बाहर न निकलें, अधिक प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थों के प्रयोग से यथासंभव बचें। बासी भोजन का प्रयोग न करें, बच्चों तथा पालतू जानवरों को खड़ी गाड़ियों में न छोड़ें। गहरे रंग के भारी तथा तंग कपड़े न पहनें। रसोई वाले स्थान को ठंडा करने के लिए दरवाजे खिड़कियां खोल दें। शराब, चाय, काफी, कार्बोनेटेड, सॉफ्ट ड्रिंक आदि के प्रयोग करने से बचें, यह शरीर में निर्जलीकरण करते हैं।