प्रयागराज माफिया अतीक (Atiq Ahmed) और उसके भाई अशरफ को मौत के घाट उतारने वाले तीनों शूटर पुलिस की पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे कर रहे हैं। सनी सिंह, लवलेश तिवारी व अरुण मौर्य ने बताया कि वह इस वारदात को अंजाम देने के लिए दो दिनों से लगे थे। आरोपी लगातार मीडियाकर्मियों का भेस लेकर भीड़ में शामिल थे, लेकिन हर बार मौका न मिलने के कारण प्लान को आगे बढ़ाते रहे। लेकिन 15 अप्रैल शनिवार की रात जब अतीक और अशरफ को मेडिकल के लिए कॉल्विन अस्पताल लाया गया तब वहां ज्यादा भीड़ न होने से उनको मौका मिल गया। जिसके बाद आरोपियों ने दोनों भाइयों पर ताबातोड़ गोलियां बरसा दीं।
सुरक्षा कारणों से हुआ प्लान कैंसिल
आरोपियों ने बताया कि वह वारदात से दो दिन पहले 13 अप्रैल गुरुवार को ही प्रयागराज पहुंचे गए थे। यहां आने के बाद इन्होंने रेलवे स्टेशन के पास ही एक होटल में कमरा लिया और वहीं ठहरे। 14 अप्रैल को हम दोनों भाइयों को मारना चाहते थे, लेकिन उस वक्त पुलिस का सुरक्षा घेरा ज्यादा था, इसलिए बिना मारे लौट आए।
हत्या करके नाम कमाने की कोशिश
आरोपियों ने बताया कि वह इन दोनों माफिया भाइयों को कोर्ट में पेशी के दौरान मारना चाहते थे, लेकिन सुरक्षा कारणों की वजह से प्लान कैंसिल करना पड़ा। लेकिन इसी बीच उन्हें पता चला कि अतीक (Atiq Ahmed) और अशरफ को पुलिस टीम मेडिकल के लिए कॉल्विन अस्पताल लेकर जाएगी। ऐसे में हमारी कोशिश थी कि हर हाल में इन्हें वहीं निशाना बनाया जाए। इन तीनों का मानना था कि दोनों माफिया भाइयों को मारकर ये जुर्म की दुनिया के जाने-माने चहरे बन जायेंगे और देशभर में बस इन्ही के नाम की चर्चा होगी।
किसने मुहैया कराई पिस्टल
तीनों शूटरों से SIT अफसरों ने पूछा कि उनके पास इतनी महंगी पिस्टलें (जिगाना व गिरसान) कहां से आईं। गौरतलब है कि इन दोनों पिस्टलों की कीमत लाखो रुपयों में है। वही पुलिस को आरोपियों के कब्जे से एक देशी पिस्टल भी बरामद हुई है। सूत्रों का कहना है कि फिलहाल तीनों ने अभी तक पुलिस के सामने उस शख्स का नाम नहीं कबूला, जिसने उन्हें असलहे मुहैया कराए थे। इस संबंध में आरोपी गोलमोल जवाब ही देते रहे।