सोमवार को माफिया अतीक अहमद (Atiq Ahmed) और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ को प्रयागराज की नैनी जेल में लाया गया। दोनों की आज एमपी-एमएलए कोर्ट में पेशी है। अतीक जून 2019 से अहमदाबाद की साबरमती सेंट्रल जेल में बंद था, जबकि उसका भाई अशरफ यूपी की बरेली जेल में बंद था। दोनों भाइयों पर बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल का 2006 में अपहरण करने का आरोप है। 17 साल पुराने मामले में आज कोर्ट फैसला सुना सकता है।
कोर्ट में पेशी का आदेश
17 साल पुराने उमेश पाल अपहरण कांड में अतीक अहमद (Atiq Ahmed) मुख्य आरोपी है। इस केस में कोर्ट सुनवाई पूरी कर चुका है। आज कोर्ट दोष सिद्ध और सजा भी सुना सकता है। प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट ने 17 मार्च को सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। जिसके बाद 23 मार्च को जज डीसी शुक्ला ने अतीक को कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया था। जिसमे अतीक और अन्य आरोपियों को 28 मार्च की सुबह 11 बजे पेश होना है।
11 आरोपियों का जिक्र
उत्तर प्रदेश पुलिस अतीक (Atiq Ahmed) को गुजरात की साबरमती जेल से लेकर सोमवार शाम प्रयागराज पहुंची। इसी क्रम में अतीक के भाई अशरफ को भी बरेली जेल से प्रयागराज लाया गया। अतीक और उसके भाई अशरफ को नैनी सेंट्रल जेल में रखा गया है। पुलिस की चार्जशीट में 11 आरोपियों का जिक्र है। जिसमें अतीक के अलावा अन्य आरोपियों की भी कोर्ट में पेशी होगी।
गौरतलब है कि जनवरी 2005 को बसपा विधायक राजू पाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस केस में अतीक अहमद, उसका भाई अशरफ समेत 5 आरोपी नामजद थे। जबकि 4 अज्ञात को आरोपी बनाया था। इस मर्डर केस में राजू पाल का भाई उमेश पाल मुख्य गवाह था। उमेश का 28 फरवरी 2006 में अतीक अहमद ने अपहरण करवा लिया था।
एक साल बाद हुई कार्यवाही
उमेश पाल ने आरोप लगाया कि उसके साथ मारपीट हुई और उसको जान से मरने की धमकी भी दी गयी। जब उसने अतीक अहमद के दबाव में पीछे हटने से इनकार कर दिया तो 28 फरवरी 2006 को बंदूक के दम पर उसका अपहरण कर लिया गया। उमेश की शिकायत पर एक साल बाद पुलिस ने 5 जुलाई 2007 को अतीक, उसके भाई अशरफ और चार अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
जान से मरने की धमकी
उमेश ने FIR में क्या कहा था… उमेश ने बताया कि 25 जनवरी 2005 को बसपा विधायक राजू पाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जिसमें अतीक अहमद, उसका भाई अशरफ अहमद, दिनेश पासी, अंसार, सौकत हनीफ को नामजद किया था। इसके साथ 4 अज्ञात पर आरोप लगाए थे।
उमेश ने अतीक पर आरोप लगते हुए कहा कि कोर्ट में गवाही देने पर मुझे और मेरे परिवार को जान से मारने की धमकी दी जा रही है। 28 फरवरी 2006 को अतीक अहमद की लैंड क्रूजर कार समेत एक अन्य वाहन ने मेरा रास्ता रोककर मुझे घेर लिया। उस कार से दिनेश पासी, अंसार बाबा और एक अन्य शख्स उतरा एवं मेरे पर पिस्तौल तान दी। जिसके बाद मुझे कार में खींच लिया। जहां पहले से ही अतीक अहमद और तीन अन्य लोग राइफल लेकर बैठे थे। इन लोगों ने मेरे साथ मारपीट की और चकिया स्थित अपने दफ्तर लेकर पहुंचे। वहां एक शख्स मेरी बाइक लेकर आया. मुझे एक कमरे में बंद कर दिया गया और मारपीट के साथ करंट के झटके भी लगाए गए।
परिवार को धमकाया
आरोपियों ने कहा राजू पाल हत्याकांड में बयान नहीं बदला तो परिवार सहित जान से मरने की धमकी दी। अतीक ने अपने वकील खान हनीफ से एक पर्ची लेकर मुझे दी और कहा कि इसको पढ़कर रट लो। मुझे कहा गया कि कल अदालत में यही बयान देना, वरना तुम्हारी बोटी-बोटी करके कुत्तों को खिला दूंगा। अतीक ने उसी रात अपने गुर्गों को मेरे घर भेजा और धमकाया कि तुम लोग ने पुलिस को टेलीफ़ोन किया तो उमेश की हत्या कर दी जाएगी। मुझे रातभर कमरे में बंद करके प्रताड़ित किया गया।
उमेश के मुताबिक, सुबह अतीक और उसके साथी मुझे गाड़ी में बैठाकर ले गए. आरोपियों ने कहा कि कल रात जो पर्चा में लिखकर दिया था। उसे कोर्ट में जाकर पढ़ देना. नहीं तो घर लौटकर नहीं जा पाओगे. उस समय पीड़ित डर गया और परिवार की सलामती के लिए वही कहा, जो अतीक ने पर्चे में लिखकर दिया था.