नवरात्रि में सबसे खास मानी जाती है अष्टमी, होती है माँ महागौरी की पूजा

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महाअष्टमी को दुर्गा पूजा का मुख्य दिन माना जाता है। आदिशक्ति श्रीदुर्गा का अष्टम रूप श्री महागौरी हैं। मां महागौरी का रंग अत्यंत गौर वर्ण है। इसलिए इन्हें महागौरी के नाम से जाना जाता है। इस दिन मां महागौरी की पूजा होती है। माना जाता है कि अष्टमी के दिन ही देवी दुर्गा ने चंड-मुंड का संहार किया था।

नवरात्रि के आठवें दिन महाष्टमी या दुर्गा अष्टमी मनाई जाती है। यह दिन मां दुर्गा की आठवीं शक्ति मां महागौरी को समर्पित है। ऐसी मान्यता है कि देवी दुर्गा अष्टमी तिथि पर ही असुरों का संहार करने के लिए प्रकट हुई थी। इस वजह से ये तिथि खास मानी जाती है इसके साथ ही इस दिन कन्या पूजन भी किया जाता है। इस बार अष्टमी तिथि 22 अक्टूबर को पड़ रही है। चलिए आपको बताते हैं कि इस दिन किस विधि से मां की पूजा करनी चाहिए।

मां का स्वरूप

आपको बता दें कि मां दुर्गा का आठवां रूप देवी महागौरी है, इनका रूप बहुत ही सौम्य, सरस, सुलभ औऱ मोहक है। देवी का वर्ण गौर है इसके साथ ही इनके कपड़े और आभूषण भी सफेद ही हैं, महागौरी का वाहन वृषभ है इनकी चार भुजाएं हैं। मां के बाएं ओर के ऊपर वाले हाथ में डमरू और नीचे वाले हाथ वर मुद्रा में हैं। दाहिने ओर के ऊपर वाले हाथ अभय मुद्रा में हैं और नीचे वाले हाथ में मां ने त्रिशूल ले रखा है। मां महागौरी का स्वभाव बहुत ही शांत है।

पूजा का महत्व

धार्मिक मान्यता के अनुसार आठवें दिन मां महागौरी की पूजा करने से व्यक्ति के सारे पाप धुल जाते हैं और महागौरी अपने भक्तों को सही मार्ग पर लेकर जाती हैं। इनकी पूजा करने से व्यक्ति का मन और शरीर पूरी तरह शुद्ध हो जाता है,वहीं जो भी भक्त देवी महागौरी की अराधना करता है उसके मन में कभी भी बुरे विचार नहीं आते हैं और मन की पवित्रता बढ़ती है जीवन में सकारात्मकता आने लगती है। देवी की पूजा करने से मन इधर-उधर नहीं भटकता है एकाग्र होता है। इनकी पूजा करने से भक्त के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं

पूजन विधि

  • सुबह उठकर सबसे पहले स्नान करें ।
  • इसके बाद मंदिर की साफ-सफाई करें और मां का जल से अभिषेक करें
  • अभिषेक करने के बाद मां को लाल चुनरी चढ़ाएं।
  • देवी महागौरी को कुमकुम लगाएं।
  • इसके बाद इन्हें फूलो की माला अर्पित करें ।
  • मां को हलवे और पूड़ी का भोग लगाएं।
  • इस दिन दुर्गा सप्तशती या महागौरी चालीसा का पाठ करें।
  • इसके बाद मां की आरती करें

महागौरी मंत्र

श्वेते वृषे समारूढ़ा श्वेताम्बरधरा शुचि:।
महागौरी शुभं दद्यान्त्र महादेव प्रमोददो।।

या देवी सर्वभूतेषु माँ गौरी रूपेण संस्थिता.।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

ओम महागौरिये: नम: ।