कौशाम्बी: मंझनपुर तहसील के अषाढा (Ashadha Chhimirchha) पेट्रोल पंप से छिमिरछा पथरा मार्ग में एक साल से रोड पर पानी भरा रहता है। आने जाने वालों राहगीरों को दिक्कत होती हैं लेकिन सड़क की मरम्मत कराए जाने के लिए अधिकारी तैयार नहीं है। जिला पंचायत के चतुर्थ राज्य वित्त अनुदान वर्ष 2020-21 में स्वीकृत अषाढ़ा पेट्रोल पंप से छिमिरछा गांव (Ashadha Chhimirchha) तक 10 लाख रुपए की लागत से इस सड़क का पीसी कार्य कराया गया था। इस कार्य का उद्घाटन जिला पंचायत अध्यक्ष कल्पना सोनकर के द्वारा हुआ था। ग्रामीणों को उम्मीद जगी थी कि जिला पंचायत अध्यक्ष जिस सड़क का उद्घाटन कर रही है, वह सड़क लंबे समय तक गुणवत्ता पूर्ण रहेगी लेकिन जिला पंचायत से सड़क बनाए जाने के कुछ दिन बाद ही यह सड़क जगह-जगह पर उखड़ गई है। सड़क में बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। पूरे वर्ष सड़क में जल भराव रहता है। देखने पर यह कहीं नहीं लगता कि यह सड़क है। जलाशय का रूप सड़क ले चुकी है, जिससे यह सड़क आवागमन में दिक्कतों से भरी है।
विभागीय साठगाँठ के चलते सड़क मरम्मत के समय ही सामग्री का सही ढंग से उपयोग नहीं किया गया है। जिला पंचायत के ठेकेदार द्वारा मानक विहीन सड़क बनाई गई है। जिला पंचायत की इस सड़क के मरम्मत में आपसी साठगाँठ के चलते बड़ी हेराफेरी हुई है। जिला पंचायत के अभियंता अखिलेश्वर मल्ल और अवर अभियंता मनीष कुमार के साथ ठेकेदारों ने बड़ी साठगांठ कर जिला पंचायत के रकम में सड़क की मरम्मत के समय बड़ी हेराफेरी की है। जिससे सड़क गुणवत्तापूर्ण नहीं बन सकी और समय के पहले फिर खराब हो गई। तत्कालीन अपर मुख्य अधिकारी रणमत सिंह भी तमाशबीन बने रहे। आखिर अपर मुख्य अधिकारी किस दबाव में घटिया निर्माण पर तमाश बीन बने रहे। यह बड़ी जांच का विषय था लेकिन जिला पंचायत अध्यक्ष ने अपर मुख्य अधिकारी के कारनामों की भी जांच नहीं कराई।
जिला पंचायत की सड़कों का बेखौफ तरीके से घटिया निर्माण होता रहा। ठेकेदार जिला पंचायत को लूटते रहे। सड़क के घटिया निर्माण और मरम्मत पर जिला पंचायत के अभियंता से लेकर अवर अभियंता की सहमति पर ठेकेदारों को सरकारी खजाने से अपर मुख्य अधिकारी द्वारा भुगतान किया जाता रहा, जिससे सरकार को बड़ी चपत लगी है लेकिन घटिया निर्माण करने वाले ठेकेदार के कारनामों की जांच करते हुए अभी तक ठेकेदार से सड़क निर्माण के रकम की रिकवरी भी जिला पंचायत के अध्यक्ष ने नहीं कराई है। इतना ही नहीं मानक विहीन सड़क निर्माण कराए जाने के समय तत्कालीन अवर अभियंता मनीष कुमार और अभियंता अखिलेश्वर मल्ल पर भी कठोर कार्यवाही करते हुए इन्हें निलंबित कर इनके वेतन से सड़क निर्माण की रकम की वसूली की कार्यवाही जिला पंचायत अध्यक्ष ने अभी तक नहीं की है। जिससे जिला पंचायत के निर्माण कार्यों में पारदर्शिता का अंदाजा लगाया जा सकता है। जलाशय का रूप ले चुकी सड़क की फिर से मरम्मत कराए जाने और पूर्व में हुए सड़क मरम्मत की जांच कराए जाने और घटिया निर्माण में लिप्त विभागीय ठेकेदार और अधिकारियों पर कार्यवाही किए जाने की मांग आम जनमानस ने योगी सरकार से की है।