आज यानी बृहस्पतिवार को देवउठनी एकादशी के दिन चातुर्मास का समापन हो रहा है। हिंदू धर्म में चातुर्मास के दौरान कोई भी शुभ और मांगलिक कार्य पूरी तरह वर्जित होते हैं। दरअसल, चातुर्मास के शुरू होते ही भगवान विष्णु 4 माह के लिए शयनकाल में चले जाते हैं, उसके बाद सीधे कार्तिक मास में देवउठनी एकादशी के दिन जागते हैं। बता दें कि आषाढ़ शुक्ल पक्ष की हरिशयनी एकादशी से चातुर्मास की शुरुआत हुई थी। ये चातुर्मास कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी तक होते हैं।
हिंदू धर्म में कोई भी मांगलिक कार्य बिना शुभ मुहूर्त के संपन्न नहीं होते हैं। ऐसे ही शादी-विवाह भी शुभ लगन में तय किए जाते हैं। जहाँ नवंबर 2023 में शादी के लिए शुभ मुहूर्त की तिथि रहेगी- 23, 24, 27, 28, 29 नवंबर। वहीं दिसंबर में शादी लिए शुभ मुहूर्त हैं, 5, 6, 7, 8, 9, 11 और 15 दिसंबर।
गृह प्रवेश शुभ मुहूर्त
नवंबर 2023 में गृह प्रवेश के शुभ मुहूर्त, 23, 27 और 29 नवंबर। वही दिसंबर में गृह प्रवेश के शुभ मुहूर्त 6, 8, 15 और 21है।
मालूम हो कि चातुर्मास 4 माह का होता है लेकिन इस साल चातुर्मास 5 महीने तक था। इस बार सावन मास में अधिकमास या मलमास लगा था, जिससे सावन दो महीने का था। इस तरह से भगवान विष्णु 4 माह की जगह 5 माह तक योग निद्रा में थे। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जब तक (5 माह) विष्णु जी योग निद्रा में रहते हैं तब तक सृष्टि का संचालन भगवान भोलेनाथ करते हैं।
अस्वीकरण: इस लेख में दी गयी जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। 9न्यूज़ हिंदी इसकी सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।