वैष्णो देवी के अलावा और भी बहुत सी जगह है कटरा के आसपास घूमने के लिए

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Vaishno Devi

माता वैष्णो देवी (Vaishnow Devi) के दरबार में हर साल लाखों लोग दर्शन करने जाते है। लेकिन इनमे से बहुत लोग है, जो सिर्फ़ माता वैष्णो देवी (Vaishnow Devi) के दर्शन तक ही जाते है। एक दिन दर्शन करते है और अगले दिन अपने घर को वापस चले जाते है। अगर आपने थोड़ा लम्बा ट्रिप प्लान किया है तो कटरा के आस-पास की इन जगहों की भी यात्रा कर सकते है।

सिहाड़ बाबा (Sihad Baba)

Sihad Baba Katra

माता वैष्णो देवी (Vaishnow Devi) के दर्शन के बाद बारी आती है सिहाड़ बाबा (Sihad Baba) की। सिहाड़ बाबा कटरा से करीब 29 किलोमीटर दूर है। सिहाड़ बाबा में एक झरना है, जो करीब 20 मीटर ऊँचा होगा। पहले इसके नीचे लोग नहाते भी थे। लेकिन 3 साल पहले आई एक आपदा के बाद यहाँ पर लोगों को झरने के नीचे नहाने की मनाही हो गई। लेकिन अगर अपने साथ कपड़े लेकर आए हैं तो थोड़ा आगे आप नहा सकते है। यहाँ झरने से थोड़ा आगे नहाने की व्यवस्था है। अच्छा समय बिताने के लिए ठीक जगह है।

नौ देवी मंदिर (Nau Devi Mata Mandir)

Nau Devi Mata Mandir

कटरा से लगभग 10 कि.मी. दूरी पर नौ देवी मंदिर (Nau Devi Mata Mandir) है। यहाँ पहुंच कर आपको ऐसा लगेगा कि आप फिर से वैष्णो देवी (Vaishnow Devi) दरबार में आ गए है। इसका स्वरूप एकदम वैष्णो देवी दरबार सा है। एक गुफ़ा है, जहाँ पर आजतक मोटे से मोटा आदमी भी पार करते हुए नहीं फँसा हैं। कटरा आने वाले श्रद्धालु, जिनको भी थोड़ी बहुत जानकारी है, इस मंदिर के भी दर्शन जरूर करके निकलते हैं।

बाबा धनसर (Baba Dhansar)

Baba Dhansar

बाबा धनसर (Baba Dhansar) का मंदिर कटरा से 17 कि.मी. दूर जम्मू कश्मीर में रियासी ज़िले में स्थित है। मान्यता है कि जब भगवान शिव माता पार्वती को अपने अमरत्व का ज्ञान देने अमरनाथ गए थे, तो अपने शेषनाग को अनन्तनाग में छोड़ कर गए थे। शेषनाग के पुरुष अवतार से एक पुत्र धनसर भी हैं। जिनका वर्णन बहुत सन्त क़िस्म के होने का बताया जाता है। मुख्य स्थान से 200 मीटर नीचे जाकर बाबा धनसर के दर्शन होते हैं। यहाँ बन्दर अधिक संख्या में हैं। बंदरो से थोड़ा सतर्क रहे। खाना अपने हाथ में रखने के बजाय बैग में रखे।

बाबा जित्तो (Baba Jitto)

Baba Jitto

इसके बाद बारी आती है बाबा जित्तो (Baba Jitto) की। बाबा जित्तो के नाम से एक मंदिर है। यहाँ 3 दिनों तक एक मेला लगता है और साथ साथ इसके ऊपर डोगरी (जम्मू कश्मीर की भाषा) में एक नाटक भी खेला जा चुका है। इस इलाके के तत्कालीन राजा अजबदेव सिंह ने इस जगह पर मंदिर व समाधि बनवाए और तब से हर साल शहीद बाबा जित्तो की याद में झिड़ी का मेला लगता है। कई परिवार वहां पहुंचकर पूजा करते हैं और समारोहों में भाग लेते हैं। झिड़ी के इलाके में बाबा जितो के कई श्रद्धालुओं ने अपने पूर्वजों की याद में छोटी छोटी समाधियां व मंदिर बनवाएं हैं। इस क्षेत्र को बाबे दा झाड़ (तालाब) कहा जाता है। यहां लोग कई रस्में पूरी करने आते हैं। जिसके कारण यहां श्रद्धालुओं की भीड़ भी बढ़ जाती है। मान्यता है कि बाबा जित्तो एक किसान थे, जिन्होंने उस दौरान की सामंती व्यवस्था पर सवाल उठाए थे। बाबा जित्तो वैष्णो माता के बड़े भक्त थे। जिनको माता ने आशीर्वाद दिया था। इसका फ़ायदा न उठाते हुए बाबा जित्तो ने पूरे गाँव के लोगों के लिए खेतों में पानी की उपस्थिति माँग ली।

माता ने आशीर्वाद स्वरूप ऐसी व्यवस्था की कि साल में 7 अलग अलग मौसम में यहाँ बारिश होती है। तभी से गाँव वाले अपने खेत का अन्न सबसे पहले बाबा जित्तो को चढ़ाते हैं, उसके बाद ख़ुद ग्रहण करते हैं। इस मंदिर का ऐतिहासिक वजूद बहुत है, इसलिए इस मंदिर में आना सौभाग्य भी होता है।

देवी पिण्डी (Devi Pindi)

devi pindi

जिन लोगो को ट्रैक करना बहुत पसंद है। उनके लिए देवी पिंडी (Devi Pindi) एक अच्छी जगह है। मान्यता है कि वैष्णो माता साल के कुछ दिनों के लिए देवी पिंडी में वास करती हैं। लगभग तीन घंटे की ट्रेकिंग के बाद आप इस मंदिर तक पहुँच जायेगे। कटरा से 8 किमी0 दूर पैंथल पर उतरकर ट्रेकिंग का रास्ता शुरू होता है। कटरा के पास इतना प्रसिद्ध होने के बाद भी इस ख़ूबसूरत जगह के बारे में कम ही लोग जानते हैं। अगर आप वैष्णो देवी (Vaishnow Devi) यात्रा पर जा रहे है तो एक दिन यहाँ ट्रेकिंग के लिए भी निकाल कर रख लें।

चिनाब नदी (Chenab River)

Chenab River

चिनाब नदी (Chenab River) का पानी जब सर्द होकर बहता है तो गर्मी के मौसम में राफ़्टिंग करने वाले इसे आँखें भर के देखते हैं। कटरा से आप बस के द्वारा या कैब के द्वारा चिनाब तक पहुंच सकते है। यहाँ पहुँच कर भी आप राफ़्टिंग के लिए बुकिंग कर सकते हैं।

शिवखोड़ी (Shivkhori)

ShivKhori

शिवखोड़ी (Shivkhori) ऐसी अलौकिक और अद्भुत गुफा है। जिसमें भगवान शिव अपने पूरे परिवार के साथ वास करते हैं और मान्यता है कि इसी गुफा का रास्ता सीधा स्वर्ग लोक की और जाता है क्योंकि यहाँ स्वर्ग लोक की ओर जाने वाली सीढ़ियां भी बनी हुई हैं।

जम्मू-कश्मीर स्थित भगवान शिव के विश्व प्रसिद्ध धाम अमरनाथ से तो आप भलीभांति परिचित होंगे ही। लेकिन यहाँ भगवान शिव का एक और प्राचीन और ऐतिहासिक महत्व का मंदिर है जिसका नाम है शिवखोड़ी धाम। मान्यता है कि इस मंदिर में भगवान के दर्शन किये तो आपका स्वर्ग जाना तय है।

इस गुफा में भगवान के अर्ध नारिश्वर रूप के दर्शन होते हैं। भगवान शिव की इस गुफा का नाम है शिव खोड़ी, जोकि जम्मू से करीब 90 किलोमीटर दूर है जो जम्मू संभाग के रियासी जिले में स्थित है। इस गुफा में प्राकृतिक रूप से शिवलिंग बना हुआ है। जिसकी ऊंचाई करीब साढ़े तीन से 4 फीट के बीच है। इतना ही नहीं, इस शिवलिंग के ऊपर अमृत की बूंदें यानि गंगा जल की बूंदें लगातार टपकती हैं। प्राचीन कथाओं के अनुसार पहले इस शिवलिंग पर दूध की धारा लगातार गिरती थी क्योंकि कामधेनु गाय के थन भी इन शिवलिंग के ऊपर ही बने हुए हैं। कथाओं के अनुसार इस शिव गुफा में भगवान शिव अपने पूरे परिवार के साथ वास करते हैं। वहीं 33 कोटि देवी देवता भी इस गुफा वास करते हैं।

जम्मू में श्री माता वैष्णो (Vaishnow Devi) देवी के बाद दूसरे सबसे बड़े धार्मिक स्थान श्री शिवखोड़ी धाम में भगवान शिव ने भस्मासुर को भस्म किया था। पौराणिक कथा के अनुसार भस्मासुर ने भगवान शिव की आराधना कर उनको प्रसन्न किया। जिसके फलस्वरूप शिव ने उसको मुंह मांगा वर देते हुए कहा कि भस्मासुर जिसके भी सिर पर हाथ रखेगा वह वहीं भस्म हो जाएगा। शिव से वरदान मिलने के बाद भस्मासुर अहंकारी हो गया। उसने अहंकार में आकर शिव को ही भस्म करने की सोची और उनका पीछा करने लगा। भगवान शिव भस्मासुर की मंशा को भांपते हुए शिवखोड़ी की पहाड़ियों में आकर एक गुफा में बैठ गए। भस्मासुर के पीछा करने के उपरांत शिव ने मनमोहनी रूप धारण कर लिया तथा गुफा के बाहर आकर नृत्य करने लगे। मनमोहनी व सुंदर स्त्री को देखकर भस्मासुर भी उनके साथ नृत्य करने लगा। इस दौरान जैसे ही शिव ने अपना हाथ अपने सिर पर रखा तो भस्मासुर ने उनका अनुसरण करते हुए अपना हाथ अपने सिर पर रख लिया। इसके बाद वह वहीं भस्म हो गया।

भीमगढ़ क़िला (Bhimgarh Fort)

Bhimgarh Fort

भीमगढ़ क़िला (Bhimgarh Fort) बहुत प्रसिद्ध तो है लेकिन यहाँ लोग कम ही जाते हैं। किले के अंदर घूमने का कोई किराया भी नहीं है। बस थक जाएँगे आप। किस तरह से एक राजा अपने लिए किले का ऐसा निर्माण कराता है जिसमें वह हमेशा सुरक्षित रहे, वो यहाँ दिखाई देता है। यहाँ के बड़े बड़े स्नानघर देखने में दिलचस्प हैं। सबसे ऊपर पहुँचकर आप वहाँ होंगे, जहाँ से राजा का पूरा राज्य एक नज़र में दिखाई देता है। ऊँचाई का अंदाज़ा आप लगाइए।

4 COMMENTS

  1. Bhut aachi jankari di hai aapne aas pass ke place ki. Next time veshnodevi jayege to yha bhi try krege, shivkhori is best.

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