उत्तराखंड की सिल्कयारा सुरंग में 10 दिन से फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने की कोशिश लगातार जारी है। ड्रिलिंग मशीन की मदद से अगले दो दिनों के भीतर सभी श्रमिकों को बाहर निकाला जा सकता है, लेकिन अगर इससे काम नहीं बना तो रेस्क्यू ऑपरेशन 15 दिनों तक भी खिंच सकता है। यह जानकारी एक शीर्ष सरकारी ने दी है। 12 नवंबर को उत्तराखंड में 4.5 किलोमीटर लंबी सुरंग के ढहने की वजह से सभी मजदूर भीतर फंसे हुए है। उन्हें स्टील पाइप के जरिए खाना, पानी और दवाएं भेजी जा रही हैं।
सड़क परिवहन और राजमार्ग सचिव अनुराग जैन ने कहा कि अमेरिकी ऑगर ड्रिलिंग मशीन मजदूरों को रेस्क्यू करने के लिए पहले से ही काम में जुटी हुई हैं, यह अभी सबसे अच्छा विकल्प है। उन्होंने कहा सुरंग में फंसे श्रमिक 2.5 दिनों में बाहर आ सकते हैं। शुक्रवार दोपहर को ड्रिलिंग मशीन एक कठोर चट्टान के पार चली गई, जिस वजह से कंपन शुरू हो गया था। जिसके बाद सुरक्षा कारणों से बचावकर्मियों को अभियान रोकना पड़ा था। अनुराग जैन ने कहा कि उन्होंने पांच अन्य एक्शन प्लान तैयार करके रखे हैं, लेकिन उनमें 12 से15 दिन तक का समय लग सकता है।
अनुराग जैन ने कहा, हम एक विकल्प पर फोकस करने के बजाय सभी विकल्पों पर एक साथ काम कर रहे हैं। ऑगर मशीन और हॉरिजोंटल बोरिंग से टनल को खोलने का काम किया जा रहा है। इसमें 12-15 दिन लग सकते हैं। अधिकारियों द्वारा जारी किए गए 30 सेकंड के वीडियो में फंसे हुए करीब एक दर्जन लोग कैमरे के सामने खड़े हैं, उन्होंने कपड़ों के ऊपर हेलमेट और कंस्ट्रक्शन श्रमिक जैकेट पहने हुए हैं।
एक बचावकर्मी को उन लोगों से यह कहते हुए सुना जा सकता है कि वे एक-एक करके कैमरे के सामने आएं, ताकि भेजे गए वॉकी-टॉकी गियर पर उनकी पहचान की पुष्टि हो सके। रेस्क्यू कंट्रोल रूम के एक अधिकारी ने कहा कि क्लिप में, फंसे हुए लोग ठीक दिख रहे हैं, जब उनसे हालहाल के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वे बिल्कुल ठीक हैं।