वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस ने रोड़ेवाल गुरुद्वारे से अरेस्ट किया है। पुलिस ने उसके साथियों को पहले ही अरेस्ट कर असम की डिब्रूगढ़ जेल में भेज दिया था। अब अमृतपाल सिंह को भी वहीं भेजा जा रहा है। अमृतपाल सिंह के खिलाफ एनएसए (NSA) भी लगाया गया है। वह पुलिस को चकमा देकर फरार चल रहा था। उसे पुलिस गिरफ्तार कर एयरफोर्स स्टेशन बठिंडा लेकर आई है।
वही अपनी गिरफ्तारी से कुछ घंटे पहले ‘वारिस पंजाब दे’ प्रमुख अमृतपाल सिंह ने आज सुबह पंजाब के मोगा में रोडेवाल गुरुद्वारे में श्रद्धालुओं को संबोधित किया। मोगा में रोडेवाल गुरुद्वारा के सिंह साहिब ज्ञानी जसबीर सिंह रोडे ने एएनआई से बात करते हुए दावा किया कि, “अमृतपाल सिंह शनिवार रात रोडेवाल गुरुद्वारा आया था। उसने खुद फ़ोन पर पुलिस को अपनी उपस्थिति के बारे में सूचित किया और कहा कि वह आज सुबह 7 बजे आत्मसमर्पण करेगा।”
अमृतपाल सिंह 18 मार्च से फरार है, जिस दिन पंजाब पुलिस ने उसकी तलाश शुरू की थी। अमृतपाल सिंह के करीबी पप्पलप्रीत सिंह को गिरफ्तार किए जाने के बाद 11 अप्रैल को असम के डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल ले जाया गया था।
अमृतपाल सिंह के साथियों को पंजाब से बाहर तबादला कर दिया गया था। जब केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने संभावित जेलब्रेक और 11 मार्च को अजनाला की घटना को दोहराने पर चिंता जताई थी। इससे पहले शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से जब अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी और लंबे समय से फरार होने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘हो सकता है कभी ऐसा हो।’
पंजाब और दिल्ली पुलिस के एक संयुक्त अभियान में 18 अप्रैल को ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह के दो और सहयोगियों को पंजाब के मोहाली में गिरफ्तार किया गया था। वही 15 अप्रैल को पंजाब पुलिस ने उसके करीबी सहयोगी जोगा सिंह को फतेहगढ़ साहिब जिले के सरहिंद से अरेस्ट किया था। कट्टरपंथी नेता अमृतपाल सिंह को भगोड़ा घोषित किया गया था, जबकि वह मार्च में पहले ही भाग गया था। अमृतपाल सिंह के समर्थकों द्वारा 23 फरवरी को अमृतसर में अजनाला पुलिस स्टेशन पर धावा बोलने के लगभग तीन सप्ताह बाद यह कार्रवाई हुई, जिसमें उनके एक सहयोगी लवप्रीत तूफान की रिहाई की मांग की गई थी।