प्रकाश सिंह बादल की अंतिम अरदास के अवसर पर पहुंचे अमित शाह

शाह ने कहा, सिख पंथ ने अपना सच्चा सिपाही, देश ने एक देशभक्त, किसानों ने अपना सच्चा हमदर्द गंवा दिया है।

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दिवंगत प्रकाश सिंह बादल (Prakash Singh Badal) की अंतिम अरदास के अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि, प्रकाश सिंह बादल (Prakash Singh Badal) के देहांत से सिर्फ पंजाब को नहीं बल्कि पूरे देश को ऐसा नुकसान हुआ है, जिसे लंबे समय तक भरा नहीं जा सकता।

बादल साहब हमेशा उन्हें सच्चा रास्ता दिखाने की कोशिश करते रहे हैं: शाह

उन्होंने कहा कि, सिख पंथ ने अपना सच्चा सिपाही, देश ने एक देशभक्त, किसानों ने अपना सच्चा हमदर्द गंवा दिया है। 70 साल का राजनीतिक जीवन काटने के बाद भी कोई दुश्मन न हो, ऐसे आजाद व्यक्ति जैसा जीवन बादल साहब के बिना कोई जीकर नहीं दिखा सकता। अमित शाह ने बताया कि, जब भी बादल साहब से मुलाकात हुई है, तभी वह हमेशा उनसे कुछ न कुछ सीख कर गए हैं और बादल साहब हमेशा उन्हें सच्चा रास्ता दिखाने की कोशिश करते रहे हैं। बेशक उनके रास्ते अलग हैं लेकिन उन्होंने हमेशा वही किया, जो पार्टी के लिए सही था। अमित शाह ने कहा कि, इतनी निष्पक्षता से राजनीतिक जीवन में सलाह देना महामानव के बिना कोई नहीं कर सकता।

उनके जाने से भाईचारे का सरदार चला गया: अमित शाह

अमित शाह ने प्रकाश सिंह बादल के राजनीतिक जीवन के बारे में बात करते हुए बताया कि, बादल साहब (Prakash Singh Badal) ने पंजाब विधानसभा और राजनीति में सबसे अधिक समय बिताया है। इसके अलावा वह 5 बार पंजाब के मुख्यमंत्री रहे हैं और इस रिकॉर्ड के आधार पर वह कह सकते हैं कि नए पंजाब की नींव का काम सरदार प्रकाश सिंह बादल ने किया। उनके जाने से भाईचारे का सरदार चला गया क्योंकि उन्होंने अपना सारा जीवन हिंदू-सिख एकता के लिए समर्पित किया। प्रकाश सिंह बादल अपने खिलाफ किए जा रहे विरोधों का सामना करते हुए सभी को एकजुट रखने के लिए काम करते रहे।

बादल साहब का जाना पूरे देश के लिए बहुत बड़ा घाटा है: शाह

अमित शाह ने आगे बताया कि, सुखबीर सिंह बादल से उन्हें जानकारी मिली कि गांव बादल में मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारा भी प्रकाश सिंह बादल द्वारा बनवाया गया है। अगर दीया लेकर भी ढूंढा जाए तो राजनीतिक और सामाजिक जीवन में प्रकाश सिंह बादल जैसा व्यक्ति नहीं मिलेगा। साल 1970 से लेकर आज तक जब भी देश के लिए खड़े होने का समय आया तो उन्होंने कभी भी पीठ नहीं दिखाई। बादल साहब का जाना पूरे देश के लिए बहुत बड़ा घाटा है और उनके सहित कई नेताओं के लिए भी पूरी न होने वाली कमी है। अमित शाह ने कहा कि, वह परमात्मा के आगे प्रार्थना करते हैं कि बादल साहब के जीवन से सबक लें और उन्होंने जिस रास्ते पर चलने की शिक्षा दी उसी पर चलने की शक्ति दें।

स्वर्गीय बादल ने हमेशा रूठों को मनाया: मनप्रीत बादल

वही मनप्रीत बादल ने कहा कि, स्वर्गीय बादल ने हमेशा रूठों को मनाया। जब मेरे सियासी दूरियां हो गई थी तो बादल साहब ने उन्हें गले से लगाया। वह हमेशा पंजाब को हरा भरा देखना चाहते थे। उन्होंने अपने चचेरे भाई सुखबीर बादल को अपने पिता प्रकाश सिंह बादल के नक्शे कदम पर चलने को कहा। प्रकाश सिंह बादल ने अथक मेहनत से अपनी पगड़ी की लाज रखी। उन्होंने इस समागम में पहुंचने वाले सभी लोगों का धन्यवाद किया।

ओ.पी. चोटाला हुए इमोशनल

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चोटाला भी इस दौरान प्रकाश सिंह बादल को श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचे। उनके बारे में बोलते हुए ओपी चोटाला भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि, रोटी, कपड़ा और मकान तीनों जरूरतों को पूरा करने के प्रयास सरदार बादल ने ही पूरा किया। वह किसानों का भला चाहते थे और हमेशा उनके साथ खड़े रहे। इंसाफ के लिए जेलें काटी, वह भी उन्हें सुनने के लिए जाया करते थे। उन्होंने अकाली दल को विश्वास दिलाया कि वह उनके साथ अंतिम समय तक खड़े रहेंगे।

बता दे कि, अंतिम अरदास में उनके अलावा लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, गुरिंदर ढिल्लों, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला, असम केबिनेट मिनिस्टर आत्म वोहरा, श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह व शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह व अन्य लोग मौजूद रहे।