बीजेपी ने रविवार को कांग्रेस पर दुग्ध ब्रांड अमूल की कर्नाटक में मौजूदगी को लेकर ‘दुष्प्रचार अभियान’ (Disinformation Campaign) चलाने का आरोप लगाया है। सत्तारूढ़ दल ने कहा कि, उसने कर्नाटक दुग्ध संघ (Karnataka Milk Federation) और नंदिनी ब्रांड नाम से बेचे जाने वाले इसके उत्पादों को मजबूत करने के लिए विपक्षी दल से कहीं अधिक कार्य किया है।
भारतीय जनता पार्टी के सूचना प्रौद्योगिकी (Information Technology) विभाग के प्रमुख अमित मालवीय (Amit Malviya) ने ट्वीट किया कि, “अमूल कर्नाटक में प्रवेश नहीं कर रहा है। अमूल और केएमएफ दोनों अपने उत्पाद वाणिज्यिक प्लेटफॉर्म पर बेचते हैं। 2019 में भाजपा के सत्ता में आने के बाद केएमएफ का कारोबार 10,000 करोड़ रुपये बढ़ गया। 2022 में कारोबार 25,000 करोड़ रुपये का था, जिसमें से 20,000 करोड़ कर्नाटक के किसानों के पास गए।”
गौरतलब है कि, अमूल द्वारा बेंगलुरु के बाजार में दूध और दही बेचने की योजना की घोषणा किए जाने के बाद कांग्रेस नेता सिद्धरमैया (Siddaramaiah) ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) पर कटाक्ष किया था। नरेंद्र मोदी के रविवार को कर्नाटक के दौरे पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने सवाल किया कि क्या उनकी यात्रा का उद्देश्य ‘राज्य को लूटना’ है।
वही, अमित मालवीय (Amit Malviya) ने कहा कि, “इसका एक कारण है कि भारत क्यों कांग्रेस पर भरोसा नहीं करता है। वे झूठ बोलते हैं, नया दुष्प्रचार अभियान है कि नंदिनी ब्रांड के मालिक कर्नाटक दुग्ध संघ का अमूल के साथ विलय होने जा रहा है।”
मालवीय ने आगे कहा कि, “केएमएफ देश की दूसरी सबसे बड़ी दुग्ध सहकारी संस्था है और इसके महाराष्ट्र, गोवा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना तथा तमिलनाडु में डिपो हैं। केएमएफ की कुल बिक्री का 15 फीसदी कर्नाटक के बाहर होता है। नंदिनी के उत्पाद सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और कई अन्य देशों को निर्यात किए जाते हैं। अमूल और केएमएफ का विलय नहीं हो रहा है।”
अमित मालवीय (Amit Malviya) ने कहा कि, “भाजपा के कार्यकाल में कर्नाटक दूध अधिशेष राज्य है। डेयरी किसान बहुत अच्छा कर रहे हैं। ब्रांड नंदिनी के लिए घड़ियाली आंसू बहाने वाली कांग्रेस ने गोहत्या रोधी विधेयक का विरोध किया। हमारी नंदिनी के वध को मंजूरी दी। भाजपा की योजना नंदिनी को बड़ा ब्रांड बनाने की है। उन्होंने यह भी दावा किया कि, गुजरात दुग्ध विपणन संघ के स्वामित्व वाला अमूल कर्नाटक में प्रवेश नहीं कर रहा है तथा अमूल और केएमएफ दोनों अपने उत्पादों को ‘क्विक-कॉमर्स प्लेटफॉर्म’ पर बेचते है।