भीषण गर्मी के बीच दिल्ली में पेयजल की भारी संकट

गुरुवार को दिल्ली की जल मंत्री व वरिष्ठ अधिकारियों ने वजीराबाद स्थित जलाशय का निरीक्षण भी किया, जहां जलस्तर सामान्य के मुकाबले कम पाया गया।

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भीषण गर्मी के बीच दिल्ली में पेयजल का संकट और अधिक गहराता जा रहा है। आज से जहां एक ओर दिल्ली में पानी बर्बाद करने पर 2000 रुपये का चालान कटेगा, वहीं दिल्ली सरकार पेयजल के मसले पर केंद्र सरकार को एक चिट्ठी लिखने जा रही है। दिल्ली की जल मंत्री आतिशी के मुताबिक, केंद्र सरकार की भी जिम्मेदारी है कि दिल्ली को अपने हिस्से का पानी मिले। गुरुवार को दिल्ली की जल मंत्री व वरिष्ठ अधिकारियों ने वजीराबाद स्थित जलाशय का निरीक्षण भी किया, जहां जलस्तर सामान्य के मुकाबले कम पाया गया।

आतिशी ने गुरुवार को एक बार फिर हरियाणा पर दिल्ली का पानी रोकने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा को दिल्ली का पानी रोकने का कोई अधिकार नहीं है। इस बीच आतिशी ने गुरुवार को दिल्ली में वजीराबाद स्थित यमुना जलाशय का निरीक्षण किया। यहां से पानी वजीराबाद, चन्द्रावल और ओखला वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में साफ होने के लिए जाता है। इसके बाद पानी की सप्लाई पाइपलाइन के जरिए दिल्ली के लाखों घरों में होती है।

दिल्ली सरकार के मुताबिक, यहां यमुना नदी का स्तर 674 फीट होना चाहिए, लेकिन यह मात्र 670.3 फीट पर है। इस वजह से दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में पानी की भारी किल्लत हो रही है। दिल्ली में पानी की किल्लत को लेकर आतिशी का कहना है दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर सामान्य के मुकाबले लगभग 3.5 फीट कम है। दिल्ली में पानी की कमी के लिए दिल्ली सरकार, हरियाणा को दोष दे रही है। दिल्ली सरकार के मुताबिक, हरियाणा, दिल्ली के हिस्से का पानी जारी नहीं कर रहा है। दिल्ली सरकार ने पानी की बर्बादी रोकने के लिए कई दिशा निर्देश जारी किए हैं।