आज पूरा देश ईद मना रहा है, जहाँ सभी मुस्लिम भाई -बहन एक- दूसरे को ईद की मुबारकबाद दे रहे है। वही जम्मू के पुंछ में हुए हमले के बाद वहाँ के लोग ईद सेलिब्रेट करने से इंकार कर रहे है। दरअसल, जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के पुंछ में बृहस्पतिवार को सेना के एक ट्रक पर आतंकवादी हमला हुआ था। जहाँ इस आतंकवादी हमले में पांच जवान शहीद हो गए थे। अब ये जानकारी सामने आई है कि, जब ये हमला किया गया, उस समय सेना के ये जवान ट्रक में पुंछ (Poonch) के एक गांव में होने वाली इफ्तार पार्टी के लिए फल और अन्य सामान लेकर आ रहे थे। इस इफ्तार पार्टी में रोजेदारों के साथ उस गांव के पंच और सरपंच को भी बुलाया गया था।
‘इफ्तार पार्टी से नाराज होकर ही आतंकियों ने इस हमले की साजिश रची थी’
मिली जानकारी के अनुसार, राष्ट्रीय राइफल्स के जवानों ने सैंगोट इलाके में 20 अप्रैल (गुरुवार) की शाम को इफ्तार पार्टी का आयोजन किया था। सेना जम्मू-कश्मीर में विभिन्न स्थानों पर ऐसी इफ्तार पार्टी का आयोजन करती रहती है। आतंकी इस आयोजन को लेकर नाराज थे। यह भी रिपोर्ट हैं कि, इफ्तार पार्टी से नाराज होकर ही आतंकियों ने इस हमले की साजिश रची थी।
इफ्तार पार्टी मनाने जा रहे जवानों पर हमले से गांव के लोग काफी दुखी हैं। जवानों की मौत के गम में शामिल होते हुए गांव के लोगों ने इस बार ईद मनाने से मना कर दिया है। दरअसल, आतंकियों का सबसे बड़ा डर यही है कि लोग सेना को अपना दोस्त न समझने लगें। ऐसा होने पर वो लोगों को भड़काने में कामयाब नहीं हो सकेंगे।
आतंकी हमले में पांच जवान हुए शहीद
यही वजह है कि, आतंकियों का लोगों का सेना से मेलजोल बढ़ाना रास नहीं आ रहा है। सेना से मेलजोल बढ़ाने वाले लोगों को आतंकी शक की निगाह से देखते हैं। सैंगोट में होने वाली इफ्तार पार्टी को लेकर जानकारी मिलने के बाद आतंकियों ने हमले का योजना बनाया। जब सेना का ट्रक इफ्तार का सामान लेकर कैंप को लौट रहा था। इसी दौरान घात लगाए बैठे आतंकियों ने वाहन को निशाना बनाया। पहले गोलियां चलाई गईं फिर आतंकियों ने ग्रेनेड से हमला किया।
बता दे कि गुरुवार को हुई इस आतंकी हमले में आरआर के पांच जवान शहीद हो गए। वही एक जवान गंभीर रूप से घायल है, जिसका इलाज सेना के अस्पताल में चल रहा है।