दिल्ली में बैठक के बाद, भारत और मालदीव ने ‘व्यावहारिक समाधानों’ पर व्यक्त की सहमति

भारत ने द्वीपसमूह के विशाल समुद्री क्षेत्र में गश्त करने के लिए तीन विमानों को संचालित करने और मेडिकल स्टाफ समेत करीब 80 कर्मियों की तैनाती की है।

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भारत और मालदीव के बीच पिछले काफी दिनों से विवाद चल रहा है। जिसके बाद एक ही सवाल है कि क्या भारतीय सैनिक मालदीव से वापस लौट आएंगे। दोनों देशों ने इस पर फैसले के लिए दिल्ली में एक बैठक की। बैठक के बाद नई दिल्ली की तरफ से कहा गया कि दोनों ही देश पारस्परिक रूप से व्यावहारिक समाधानों पर सहमत हुए है, जिसमें सैनिकों की वापसी का कोई जिक्र नहीं है। दूसरी तरफ, मालदीव ने दावा किया कि मई तक भारतीय सैनिकों को बदल दिया जाएगा।

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘दोनों पक्षों ने बैठक के दौरान, चल रही विकास सहयोग परियोजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी लाने समेत साझेदारी को बढ़ाने की दिशा में द्विपक्षीय सहयोग से संबंधित व्यापक मुद्दों पर चर्चा की।’ मंत्रालय ने कहा, ‘दोनों पक्ष मालदीव के लोगों को मानवीय और चिकित्सा सुविधा देने वाले भारतीय विमानन प्लेटफार्मों के लगातार संचालन को सक्षम करने के लिए पारस्परिक रूप से व्यावहारिक समाधानों पर भी सहमत हुए।’

भारत ने द्वीपसमूह के विशाल समुद्री क्षेत्र में गश्त करने के लिए तीन विमानों को संचालित करने और मेडिकल स्टाफ समेत करीब 80 कर्मियों की तैनाती की है। मालदीव के विदेश मंत्रालय ने आज एक बयान में कहा, ‘बैठक में दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि भारत सरकार 10 मार्च तक तीन विमानन प्लेटफॉर्मों में से एक में सैन्य कर्मियों को बदल देगी और अन्य दो प्लेटफार्मों में सैन्य कर्मियों को बदलने का काम 10 मई तक पूरा कर लेगी।’

दिसंबर में दुबई में हुए COP28 शिखर सम्मेलन के मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति मुइज्जू के बीच एक बैठक के बाद दोनों पक्षों ने कोर ग्रुप स्थापित करने का फैसला लिया।