Ayodhya: सबसे बड़ा सवाल जो एक-एक रामभक्त के मन में घूम रहा है, वो ये है कि आखिर रामलला (Lord Shri Ram) की कौन सी मूर्ति भव्य राम मंदिर में विराजमान होगी? रामलला किस स्वरूप में विराजेंगे… श्वेत या श्याम? ये सवाल आज और भी अहम हो गया है क्योंकि आज प्राण प्रतिष्ठा के लिए कोई एक मूर्ति चुन ली जाएगी|
मूर्ति के चयन के लिए मंदिर कमेटी की बैठक शुरू हो चुकी है| विशेष आचार्य और राम मंदिर से जुड़े एक्सपर्ट्स ने चयन की पूरी प्रक्रिया बताई है। राजस्थान के सत्यनारायण पांडे ने श्वेत रंग की मूर्ति बनाई है| वहीं, मैसूर के अरुण योगीराज और बेंगलुरु के जी एल भट्ट ने श्याम रंग की मूर्ति बनाई है|
किस मूर्ति की क्या विशेषता?
- 🌹अरुण योगीराज द्वारा तैयार की गई रामलला (Lord Shri Ram) की श्याम वर्ण मूर्ति 51 इंच ऊंची है|
मूर्ति में भगवान 5 साल के बालरूप में धनुष-तीर के साथ हैं|
मूर्ति कर्नाटक की कृष्ण शिला से बनी है|
- 🌹सत्यनारायण पांडे की श्वेत वर्ण मूर्ति में भी रामलला के हाथ में धनुष-तीर है|
भगवान के मुख पर हास्य झलकता है|
ये विशिष्ट संगमरमर से तैयार की गई है|
इसे सबसे अच्छे 100 पत्थरों में चुना गया है|
दावा है कि ये कभी भी खराब नहीं होगी|
- 🌹जीएल भट्ट की श्याम वर्ण मूर्ति 4 फीट ऊंची है|
ये मूर्ति भी बाल स्वरूप में है|
इसमें भी मुस्कुराता चेहरा झलक रहा है|
भगवान हाथ में धनुष लिए हुए हैं|
रामलला (Lord Shri Ram) की मूर्ति का चुनाव कैसे होगा?
- राम मंदिर ट्रस्ट कमेटी रामलला की मूर्ति का चयन करेगी|
- बैठक में मूर्ति चयन पर प्रस्ताव पारित होगा|
- प्रस्ताव पर सभी सदस्यों की चर्चा होगी|
- इस दौरान मूर्तिकार मूर्ति की विशेषता बताएंगे|
- 3 मूर्तिकार अपनी मूर्तियों के बारे में बताएंगे|
- मूर्तिकारों को सुनकर ट्रस्ट सदस्य अपनी राय देंगे|
- ट्रस्ट के सदस्यों की राय पर फैसला होगा|
- जरूरत लगी तो ट्रस्ट सदस्य मूर्ति देखने भी जाएंगे|
- क्या है रामलला की मूर्ति की विशेषता?
- 12 इंच के कमल दल पर स्थापित है|
- 5 साल के बालक की कोमलता दिखती है|
- श्रीराम की छवि और सुंदरता साफ तौर पर झलकेगी|
- प्रभु की मूर्ति खड़ी मुद्रा में होगी|
- भगवान की मूर्ति दीर्घकालिक होगी|
- पत्थर लंबे समय तक खराब नहीं होगा|
- क्या होगा मूर्ति चुनने के आधार?
- बालपन की झलक
- सौन्दर्य, आकर्षण
- रचनात्मक डिजाइन
- विचार की गहराई
- पत्थर की गुणवत्ता
- मूर्ति की आयु
- मूर्तिकार की प्रतिष्ठा
कौन हैं तीनों मूर्तिकार?
- 👉मूर्तिकार सत्यनारायण पांडे राजस्थान के प्रसिद्ध मूर्तिकार हैं|
– संगमरमर की मूर्तियों के प्रमुख निर्माता-निर्यातक हैं|
– पारंपरिक कला, समकालीन महत्व के मिश्रण की मूर्तियां बनाते हैं|
– कटिंग, पॉलिसिंग और फेसिंग के लिए जाने जाते हैं|
– मकराना की शिला से मूर्ति बनाते रहे हैं|
– कुछ दशकों में बड़े मूर्तिकार के तौर पहचान बनी है|
- 👉मूर्तिकार जीएल भट्ट बेंगलुरु के रहने वाले हैं|
– देश-विदेश में प्रसिद्ध भट्ट 45 सालों से मूर्ति बना रहे हैं|
– भारतीय शिल्पकला की 120 प्रदर्शनी प्रस्तूत कर चुके हैं|
– 50 से ज्यादा अवॉर्ड से सम्मानित हैं|
- 👉अरुण योगीराज शिल्पी मैसूर के मूर्तिकार हैं|
– 2008 में नौकरी छोड़ मूर्ति बनाने के काम में जुटे थे|
– पांच पीढ़ी से परिवार मूर्ति बनाने के काम में लगा है|
– खुद 1 हजार से ज्यादा मूर्ति बना चुके हैं|
– केदारनाथ में आदिशंकराचार्य की मूर्ति बनाई थी|
– इंडिया गेट पर स्थापित नेताजी की मूर्ति भी इन्होंने ही बनाई|
– काम को लेकर कई बार पीएम ने तारीफ की है।