अडानी ग्रुप (Adani Group) की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) के फॉलोऑन पब्लिक ऑफर (follow-on public offer) पर हिंडनबर्ग की निगेटिव रिपोर्ट का असर पड़ा है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद जिस तरह से अडानी ग्रुप के शेयरों में गिरावट आई है, रिटेल निवेशक एफपीओ से दूर रहे हैं। हालांकि इश्यू के तीसरे दिन शाम 4 बजे तक यह 112 फीसदी सब्सक्राइब हो गया है, लेकिन रिटेल निवेशकों का हिस्सा 12 फीसदी ही सब्सक्राइब हुआ है।
शेयर बिक्री को कम से कम 90 फीसदी सब्सक्रिप्शन की आवश्यकता होती है
जानकारी के मुताबिक़, अडानी एंटरप्राइज़ेज़ (Adani Enterprises) के 20,000 करोड़ रुपये के FPO की आखिरी दिन तक कुल 1.25 गुणा मांग देखी गई है। किसी भी शेयर बिक्री को कम से कम 90 फीसदी सब्सक्रिप्शन की आवश्यकता होती है। बता दे कि, किसी भी लिस्टेड कंपनी द्वारा फॉलोऑन पब्लिक ऑफर (follow-on public offer) तब लाया जाता है, जब वह अपनी इक्विटी शेयरहोल्डिंग को डाइवर्सिफाई करना चाहती है।
आरक्षित 2.29 करोड़ शेयरों में से केवल 11 फीसदी के लिए बोली लगाई गई
बीएसई के आंकड़ों के मुताबिक़, गैर-संस्थागत निवेशकों (Non- Institutional Investors) ने उनके लिए आरक्षित 96.16 लाख शेयरों के मुकाबले तीन गुना से अधिक शेयरों के लिए बोलियां लगाईं। पात्र संस्थागत खरीदारों (क्यूआईबी) के लिए आरक्षित 1.28 करोड़ शेयरों को लगभग पूरा अभिदान मिला। हालांकि, खुदरा निवेशकों और कंपनी के कर्मचारियों की एफपीओ के प्रति उदासीनता देखने को मिली है।
खुदरा निवेशकों के लिए लगभग आधा निर्गम आरक्षित था, जबकि उन्होंने अपने लिए आरक्षित 2.29 करोड़ शेयरों में से केवल 11 फीसदी के लिए बोली लगाई। वहीं कर्मचारियों के लिए आरक्षित 1.6 लाख शेयरों में 52 फीसदी के लिए बोलियां लगायी गयी। बता दे कि, Adani Enterprises का FPO 27 जनवरी 2023 को खुला था जो आज यानी (31 जनवरी) को बंद हो रहा है। यह भारतीय शेयर बाजार के इतिहास का सबसे बड़ा Follow-on Public Offer है।