आयोध्या में भव्य राम मंदिर जल्द ही बनकर तैयार हो जायेगा। वही राम भक्तो में भी बेहद ख़ुशी का माहौल बना हुआ है। जहाँ दूसरी तरफ भगवान राम के नाम पर राजनीतिक विवाद भी हो रहा है। दरअसल, इस बीच शरद पवार वाली एनसीपी के नेता डॉ. जितेंद्र आव्हाड ने भगवान राम को मांसाहारी बताया है। जिसे लेकर भक्तजनो सहित राजनीतिक गलियों में विवाद शुरू हो गया। दरअसल, इस पर बीजेपी नेता राम कदम ने उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत दी है। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने भी बयान की निंदा की है। अयोध्या के परमहंस आचार्य ने भी चेतावनी दी है।
शरद पवार गुट के नेता जितेंद्र आव्हाड के बयान पर राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि NCP के नेता जो बोल रहे हैं वो बिल्कुल गलत है। किसी भी शास्त्र में ऐसा नहीं लिखा है कि भगवान जब वनवास के लिए गए थे तो उन्होंने मांस खाया था। सभी जगह लिखा है कि उन्होंने कंद-मूल फल खाए, शास्त्र ही प्रमाण हैं। ये विचार निंदनीय हैं।
एनसीपी शरद पवार गुट के नेता जीतेंद्र आव्हाड के बयान पर अयोध्या के परमहंस आचार्य का कहना है कि जितेंद्र आव्हाड द्वारा दिया गया बयान अपमानजनक है। भगवान राम भक्तों की भावना को ठेस पहुंचाता है। उन्होंने कहा कि मैं महाराष्ट्र और केंद्र सरकार से आग्रह करूंगा कि वे इस पर कार्रवाई करें। भगवान राम के बारे में गलत बोलने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। अगर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की गई तो मैं जितेंद्र आव्हाड को मार डालूंगा। मैं चेतावनी दे रहा हूं।
यह है पूरा मामला
महाराष्ट्र के शिरडी में एक कार्यक्रम में जीतेन्द्र आव्हाड ने कहा था कि भगवान राम शाकाहारी नहीं थे, वह मांसाहारी थे। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति 14 साल तक जंगल में रहेगा वो शाकाहारी भोजन खोजने कहां जाएगा? उन्होंने जनता से सवाल करते हुए कहा कि क्या यह सही बात है या नहीं? उन्होंने आगे कहा था, कोई कुछ भी कहे, सच्चाई यह है कि हमें आजादी गांधी और नेहरू की वजह से ही मिली। यह तथ्य कि इतने बड़े स्वतंत्रता आंदोलन के नेता गांधी जी ओबीसी थे, उन्हें (आरएसएस को) स्वीकार्य नहीं है। गांधीजी की हत्या के पीछे का असली कारण जातिवाद था।
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