शास्त्रों के अनुसार दर्श अमावस्या के दिन चंद्र देव की उपासना करने से मिलता है विशेष लाभ

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प्रत्येक कृष्ण पक्ष के अंतिम दिन को अमावस्या तिथि कहा जाता है। इस दिन चांद पूर्णतः दिखाई नहीं देता है। लेकिन हिन्दू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष अध्यात्मिक महत्व है। शास्त्रों में दर्श अमावस्या को भी बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस विशेष दिन पर सच्चे मन से चंद्र देव की उपासना करने से जीवन में आ रही समस्याएं दूर हो जाती है। साथ ही मान्यता है कि दर्श अमावस्या के दिन पितर धरती पर आते हैं और अपने परिवार के सदस्यों को आशीर्वाद देते हैं।

दर्श अमावस्या का महत्व

दर्श अमावस्या महत्वपूर्ण है क्योंकि यह समृद्धि, खुशहाली और लाभ से जुड़ी है। कहा जाता है कि जो लोग इस दिन को संयम के साथ मनाते हैं वे सभी स्वास्थ्य समस्याओं से मुक्त हो जाते हैं। ज्योतिषीय परंपराओं के अनुसार, यह दिन एक आध्यात्मिक दिन है जो पूर्वजों के पितृ दोष (गलत कार्यों) को शुद्ध करता है।

कब है दर्श अमावस्या

दृक पंचांग के अनुसार, दर्श अमावस्या 10 जनवरी 2024 दिन रविवार के दिन पड़ रहा है।

दर्श अमावस्या के दिन जरूर करें ये उपाय

  • शास्त्रों में बताया गया है कि दर्श अमावस्या के दिन सुबह स्नान-ध्यान अवश्य करना चाहिए और तर्पण आदि जरूर करें। ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
  • जिन जातकों की कुंडली में चंद्र कमजोर स्थिति में हैं, उन्हें दर्श अमावस्या के दिन व्रत रखकर चंद्र देव की उपासना करनी चाहिए। ऐसा करने से साधक को लाभ प्राप्त होता है।
  • ज्योतिष शास्त्र में यह भी बताया गया है कि दर्श अमावस्या के दिन चंद्र देव की उपासना करने से व्यक्ति को आरोग्यता का आशीर्वाद प्राप्त होता है और कई प्रकार की बिमारियों से मुक्ति मिल जाती है।
  • दर्श अमावस्या के दिन साधक मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की उपासना करनी चाहिए। ऐसा करने से दाम्पत्य जीवन में आ रही समस्याएं दूर हो जाती है।
  • साथ ही जो लोग योग्य साथी की तलाश कर रहे हैं, उन्हें अच्छे प्रस्ताव प्राप्त होते हैं।