शास्‍त्रों के अनुसार द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी पर दान पुण्‍य करने का मिलता है विशेष महत्‍व

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हिंदू धर्म में द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी को बेहद शुभ माना जाता है। द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी के दिन पूजा-अर्चना में विशेष चीजों को शामिल करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान गणेश जी प्रसन्न होते हैं और साधक को उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। चलिए जानते हैं द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी की पूजा में किन चीजों को शामिल करना चाहिए।

द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी की पूजाविधि

द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी के दिन लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर गणेशजी की प्रतिमा स्‍थापित करें और उनकी विधि विधान से पूजा करें। पूजा के समय श्री गणेश जी को पीले गेंदे का फूल और पांच हरी दूर्वा अर्पित करें। पान और फूल और फल चढ़ाएं और मोदक का भोग लगाएं। अगर आप किसी विशेष कार्य में सफलता की कामना लेकर इस दिन गणेशजी की पूजा करते हैं तो उसमें आपको सफलता मिलती है और आपके घर में सुख समृद्धि स्‍थापित होती है। इस दिन हाथी को हरा चारा या फिर गन्‍ना जरूर खिलाएं।

मंत्र

द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी पर पूजा में गणपतिजी को भोग लगाते वक्‍त इस मंत्र का पाठ करें।

त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये।
गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।।

इससे भगवान आपका भोग स्‍वीकार करते हैं और आपकी सभी इच्‍छाएं पूर्ण करते हैं।

द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी के उपाय

द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी पर गरीब और जरूरतमंद लोगों को वस्‍त्र और खाने की वस्‍तुएं दान करें। बिजनस में मनचाही सफलता पाने के लिए द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी के दिन गणेशजी को 21 दूर्वा की गांठ के साथ गुड़ के लड्डू का भोग लगाएं। इस उपाय को करने से आपको कारोबार में दिन दूनी रात चौगुनी तरक्‍की मिलती है।