ग्रहों के राजा सूर्य 16 दिसंबर को वृश्चिक राशि से निकलकर धनु राशि में प्रवेश कर चुके हैं। जैसे ही सूर्य देव ने धनु राशि में प्रवेश किया खरमास शुरू हो गया । खरमास को हिंदू धर्म में शुभ नहीं माना जाता है। ऐसे में सूर्य का धनु में गोचर करते ही अगले 30 दिनों के लिए सभी शुभ और मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाएगी। इसके बाद नए साल में 15 जनवरी 2024 को मकर संक्रांति के बाद से शुभ कार्यों पर लगी पाबंदी हट जाएगी। इस तरह 16 दिसंबर 2023 से लेकर 15 जनवरी 2024 तक का समय खरमास का होगा। ऐसे में इस दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं, चलिए आपको बताते हैं –
कौन से कार्य किये जा सकते है खरमास में ?
- खरमास के दौरान शुभ कार्य करना वर्जित होता है, लेकिन पूजा-पाठ किया जा सकता है। ऐसी मान्यता है कि इस समय पूजा-पाठ करने से व्यक्ति को सुख-समृद्धि की प्राप्ति हो सकती है।
- खरमास में सत्यनारायण की कथा पढ़ना बेहद शुभ माना जाता है। पूरे परिवार को साथ बैठकर कथा सुननी चाहिए। इससे अक्षय फल की प्राप्ति हो सकती है।
- अगर आपकी कुंडली में बृहस्पति की स्थिति धनु राशि में है, तो आप कोई भी शुभ काम खरमास के दौरान कर सकते हैं। इससे आपको सफलता की प्राप्ति हो सकती है।
- खरमास के पूरे माह में तुलसी जी को नियमित जल देने से लाभ हो सकता है और संध्या के समय दीपक जरूर प्रज्वलित करें।
- खरमास में रोजाना सूर्यदेव को अर्घ्य देना चाहिए। इससे आपको कभी रोग दोष नहीं होगा।
- खरमास में भगवान श्रीकृष्ण के मंत्रों से जाप से आपको कभी किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।
- खरमास में केले के पेड़ की पूजा करने से उत्तम फल की प्राप्ति हो सकती है।
क्या नहीं करे खरमास में ?
माना जाता है कि खरमास लगने के बाद खरमास खत्म होने तक बहुत से काम हैं जिन्हें करने से बचना चाहिए।
इस चलते खरमास की अवधि में नया मकान, गाड़ी, गहने और किसी भी तरह की संपत्ति, चाहे वो चल हो या अचल, नहीं खरीदनी चाहिए।
इसके साथ ही, नये व्यापार की शुरूआत के लिए यह समय उपयुक्त नहीं माना जाता। विशेषकर शादी, मुंडन, गृह प्रवेश और लगन-सगाई खरमास के दौरान नहीं किए जाते हैं।
ये उपाय आएंगे काम
खरमास के दौरान कुछ उपाय किए जा सकते हैं। राशियों के जातक इस दौरान तुलसी पूजा कर सकते हैं। खरमास में तुलसी पूजा करने पर घर में सुख-शांति बनी रहती है। इसके साथ ही, सूर्य देव की उपासना कर सकते हैं। मान्यतानुसार सूर्य देव की खरमास के दौरान उपासना करना और उन्हें अर्घ्य देना बेहद शुभ होता है। सूर्य देव को अर्घ्य देने वाले पानी में कुमकुम, अक्षत और पीले पुष्प डाले जा सकते हैं। खरमास के दौरान भगवान विष्णु और सूर्यदेव की पूजा करना भी फलदायी हो सकता है।