हिन्दू मान्यता के अनुसार पति भी कर सकता है करवा चौथ का व्रत, जानें

कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का व्रत रखा जाता है

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हिंदू पंचांग के मुताबिक कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का व्रत रखा जाता है. इस वर्ष यह व्रत 1 नवंबर को रखा जाएगा. धार्मिक मान्यता है कि करवा चौथ के व्रत को लेकर सुहागिन महिलाएं पूरे साल बेसब्री से इंतजार करती हैं. इस दिन अपने पति की लंबी आयु की कामना के लिए 16 श्रृंगार कर भगवान शंकर और माता पार्वती के साथ माता करवा और चंद्र देव की पूजा आराधना करती हैं. लेकिन कई बार ऐसा होता है. जब सुहागिन महिलाएं किसी कारण बस करवा चौथ का व्रत नहीं कर पाती हैं तो ऐसे में धार्मिक ग्रंथो के मुताबिक उनके पति इस व्रत को कर सकते हैं या नहीं, आज हम आपको इस रिपोर्ट में बताएंगे.

कई बार ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है, जब करवा चौथ का व्रत होता है और सुहागिन महिलाएं गर्भवती रहती हैं. ऐसी स्थिति में वह निर्जल व्रत नहीं कर पाती हैं तो उनके पति विधि-विधान पूर्वक करवा चौथ का व्रत करते हैं. ऐसा धार्मिक ग्रंथो में विधान है. करवा चौथ का व्रत केवल महिला ही नहीं, बल्कि उनके पति भी अपनी पत्नी की लंबी उम्र की कामना के लिए निर्जला व्रत रख सकते हैं. खास तौर पर अगर पत्नी प्रेग्नेंट हैं और व्रत रखने में सक्षम नहीं है. लेकिन उन्हें कुछ नियमों का पालन करना जरूरी होता है

पति भी कर सकते हैं करवा चौथ का व्रत
अयोध्या के ज्योतिष पंडित कल्कि राम बताते हैं कि करवा चौथ के दिन व्रत रखने का विधान सुहागिन महिलाओं के पतियों का भी है. अगर किसी कारण बस कोई सुहागिन महिलाएं करवा चौथ का व्रत नहीं रह पा रही है तो उनके पति करवा चौथ का व्रत रह सकते हैं. इसके साथ ही वह करवा चौथ के पूजन का सारा विधान भी कर सकते हैं. अगर आपकी पत्नी करवा चौथ का व्रत नहीं कर पा रही हैं और आप करवा चौथ का व्रत रख रहे हैं तो इन नियमों का पालन करें.

निर्जल की जगह सजल व्रत कर सकते हैं
आजकल के दौर में समय काफी बदल गया है और पति-पत्नी का रिश्ता बराबरी का बन गया है. अब केवल पत्नी ही नहीं, बल्कि पति भी करवा चौथ का व्रत करते हैं. ऐसा कहा जाता है कि ऐसा करने से पति-पत्नी के बीच प्रेम बढ़ता है और दांपत्य जीवन भी खुशहाल रहता है. आमतौर पर जब सुहागिन महिलाएं व्रत करती हैं और वह भूख-प्यास कंट्रोल कर लेती हैं. लेकिन पुरुषों को व्रत करने की आदत कम ही होती है. अगर आप अपनी पत्नी के लिए करवा चौथ का व्रत कर रहे हैं और आपसे प्यास बर्दाश्त नहीं होती. तो आप निर्जल की जगह सजल व्रत (पानी पीकर) कर सकते हैं

पत्नी के साथ कथा पढ़नीसुननी चाहिए
पत्नी के लिए करवा चौथ का व्रत कर रहे हैं तो सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि कर भगवान शिव और माता पार्वती का ध्यान करके व्रत का संकल्प लेना चाहिए. करवा चौथ के दिन महिलाओं के अलावा पुरुषों को भी काले या सफेद रंग के कपड़े पहनने से बचना चाहिए. यह रंगों का त्योहार और शुभ अवसर पर वैसे भी काले और सफेद रंग के कपड़े पहनने से बचना चाहिए. महिला हो या पुरुष अगर कोई व्यक्ति करवा चौथ का व्रत कर रहा है तो उसे व्रत की कथा अवश्य पढ़नी चाहिए. पति ने व्रत रखा है तो उसे पत्नी के साथ बैठकर व्रत कथा पढ़नी और सुननी चाहिए. बिना व्रत कथा कोई भी व्रत या पूजा अधूरी होती है