सिद्धिविनायक मंदिर दादर की गणेश प्रतिमा अपने आप में एक अद्वितीय करिश्मा है, जिसे एक ही काले पत्थर से उकेरा गया है और चारों तरफ नारंगी सिन्दूर से ढका हुआ है, जिसमें भगवान की भव्यता और विशेषताओं के प्रतीक विभिन्न तत्व हैं। सिद्धिविनायक मंदिर का इसलिए बहुत महत्व है क्योंकि गणपति की मूर्ति स्वयं शक्तिशाली है और साथ ही उसकी पत्नियाँ भी भगवान की प्रशंसा करती हैं।
भारत के सबसे धनी मंदिरों में से एक
मुंबई के दादर में स्थित श्री सिद्धिविनायक मंदिर पूरे भारत में हिंदुओं के लिए प्रसिद्ध तीर्थस्थलों में से एक माना जाता है। यह भारत के इच्छापूर्ति गणपति मंदिर के रूप में प्रसिद्ध है, और परिणामस्वरूप, सिद्धिविनायक ट्रस्ट मंदिर दादर भारत के सबसे धनी मंदिरों में से एक है। भारत में मंदिरों और उनके महत्व की एक लंबी सूची है, जब हिंदू आस्था की बात आती है, तो पूजा और देवताओं की प्रार्थना करने के लिए कई पवित्र स्थान बनाए गए हैं। हिंदू धर्म के सभी संप्रदायों में पूजनीय विभिन्न देवताओं के मंदिर हैं, फिर भी, भगवान गणपति को सभी के बीच सबसे अधिक मनाया और सराहा जाता है।
मंदिर से संबंधित इतिहास
इस मंदिर का निर्माण 19वीं सदी की शुरुआत में 1801 में एक जोड़े लक्ष्मण विथु पाटिल और उनकी पत्नी देउबाई पाटिल द्वारा किया गया था, इसलिए यह अब 200 से अधिक वर्षों से विद्यमान है। प्रारंभ में, सिद्दी विनायक मंदिर केवल 3.6 वर्ग किलोमीटर की एक मामूली ईंट की संरचना थी, बाद में वित्त पोषित होने पर इसे एक विशाल आधार पर बनाया गया था। देउबाई पाटिल एक कृषक महिला थीं जो बच्चे को जन्म नहीं दे सकती थीं, उन्होंने इस इच्छा से मंदिर का निर्माण कराया कि भगवान गणेश बांझ महिलाओं को बच्चे प्रदान करेंगे। इसलिए यह इच्छापूर्ति श्री सिद्धिविनायक गणपति मंदिर के नाम से प्रसिद्ध हुआ।
दर्शन का समय और त्यौहार
खुला बंद करने का समय: आरती के समय को छोड़कर दर्शन के लिए खुला है।
इस मंदिर में मनाया जाने वाला समारोह:गणेश चतुर्थी, माघी गणेश उत्सव
पहुँचने के लिए कैसे करें?
- पता: श्री सिद्धिविनायक मंदिर एस.के. बोले मार्ग, प्रभादेवी, मुंबई 400028
- सड़कें: बाहरी राज्यों के लोग निजी वाहनों, टैक्सियों और बस के माध्यम से सड़क मार्ग से यात्रा कर सकते हैं।
- निकटतम रेलवे: मुंबई टर्मिनल (बाहरी स्टेशन के लिए), दादर/प्रभादेवी (स्थानीय लोग)
- निकटतम हवाई अड्डा: मुंबई हवाई अड्डे