एक ऐसा मंदिर जहां देवी को चढाया जाता है पत्थर, जानें अनोखा रहस्य

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देशभर में कई अनोखे मंदिर हैं, जिनका इतिहास जानकर आप हैरान रह जाएंगे। नवरात्रि का त्यौहार नजदीक है ऐसे में लोग देवी मां के दर्शन के लिए विभिन्न मंदिरों में जाते हैं। देवी को फूल, प्रसाद, लाल चुनरी और आभूषण चढ़ाए जाते हैं, लेकिन आज के इस आर्टिकल में हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहां लोग माता को प्रसाद के रूप में पत्थर चढ़ाते हैं। यह बात सुनकर आपको बहुत अजीब लग सकता है, लेकिन यह सच है।

मां को क्यों चढ़ाए जाते हैं पत्थर?

यह मंदिर छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर में स्थित है। इस मंदिर को वनदेवी के नाम से जाना जाता है। यहां देवी मां को पत्थर चढ़ाने की परंपरा सदियों पुरानी बताई जाती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि देवी को खेतों में पाए जाने वाले गोटा पत्थर बहुत पसंद हैं। इसलिए उन्हें प्रसाद की जगह यह पत्थर चढ़ाया जाता है। खेतों में पाए जाने वाले इस पत्थर को लोग सदियों से देवी मां को चढ़ाते आ रहे हैं।

ऐसा माना जाता है कि जो भी सच्चे मन से देवी मां को यह पत्थर अर्पित करता है, देवी उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं। यहां आने वाले भक्त माता को 5 पत्थर चढ़ाते हैं और उनका आशीर्वाद लेते हैं। यह प्रथा आज भी जारी है.

मंदिर का इतिहास

यहां रहने वाले लोगों का कहना है कि मंदिर का इतिहास 100 साल पुराना है। यह कोई नहीं जानता कि मां की यह मूर्ति कहां से आई। ऐसा माना जाता है कि पहले यहां जंगल था लेकिन जब गांव बना तो लोगों ने पेड़ के नीचे रखी मूर्ति के पास एक छोटा सा मंदिर बना दिया।

एक और अनोखा मंदिर

इसी तरह देशभर में ऐसे कई मंदिर हैं, जहां प्रसाद के रूप में मां को फूल-मालाओं की जगह अलग-अलग चीजें चढ़ाई जाती हैं। उदाहरण के लिए, राजस्थान के नागौर जिले में माँ काली का एक मंदिर है जहाँ देवी को प्रसाद के रूप में शराब चढ़ाने की परंपरा है।

इतना ही नहीं, यहां की खास बात यह है कि देवी को सिर्फ ढाई प्याले शराब का भोग लगाया जाता है। यदि इस प्याले में थोड़ी भी मात्रा में प्रसाद हो तो माता उसे स्वीकार नहीं करतीं।