चाय की चुस्कियो ने छात्रा को क्लासरूम से कोर्ट तक पहुंचाया

एक कप चाय ने 18 साल की दिशा शर्मा की डॉक्टर बनने की ख्वाहिश को तोड़ दिया।

0
8
court

हर व्यक्ति अपने दिन की शुरूआत एक चाय की प्याली से करता है। आपने देखा भी होगा कि ज्यादातर व्यक्तियों के दिन की शुरुआत एक कप चाय के साथ होती है और दिन में जब भी चाय पीने का मौका मिले तो कोई भी टी-लवर चाय की चुस्कियां लेने से नहीं चूकते है, लेकिन कभी आपने सोचा है यही चाय किसी के सपनों पर भी पानी फेर सकता है। जी हाँ ! ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां एक कप चाय ने 18 साल की दिशा शर्मा की डॉक्टर बनने की ख्वाहिश को तोड़ दिया।

चाय का कप इनविजिलेटर के हाथ से छूटा और ओएमआर शीट पर जा गिरा

आपको बता दे कि, यह मामला राजस्थान के जयपुर का है, यहां बस्सी कस्बे की रहने वाली 18 साल की दिशा शर्मा बीते माह 7 मई को रामनगरिया के विवेक टैक्नो स्कूल में नीट परीक्षा (NEET Exam) दे रही थीं। यहीं परीक्षा केंद्र पर टहलते हुए एक परीक्षक के हाथ में चाय का कप था। जो चाय की चुस्कियों का मजा लेते हुए इधर-उधर घूम रहे थे, कि तभी चाय का कप इनविजिलेटर के हाथ से छूटा और दिशा शर्मा की ओएमआर शीट या कहें आंसर शीट पर जा गिरा। इससे ओएमआर शीट पर सवालों के जो उत्तर लिखे हुए थे, वे चाय गिरने से मिट गए। इसके बाद छात्रा के आँखों से आंसुओ की धारा बहने लगी। हालाँकि, ये लाज़मी है कि किसी भी व्यक्ति संग ऐसा होगा तो उसे रोना ही आयेगा। वही चाय गिरने के बाद भी इनविजिलेटर का दिल नहीं पसीजा और छात्रा को दोबारा आंसर लिखने के लिए टाइम तक नहीं दिया।

प्रधानाचार्य ने भी छात्रा की नहीं सुनी बात

छात्रा दिशा शर्मा ने आरोप लगाया कि, चाय गिरने से उसके 17 प्रश्नों के जवाब पूरी तरह से मिट गए और वो रोती-बिलखती रही पर किसी ने उसकी एक न सुनी। इसके बाद दिशा ने जब दोबारा उत्तर लिखने के लिए 5 मिनट का अतिरिक्त समय मांगा, तो उसे नहीं दिया गया। घटना के बाद इनविजिलेटर भी परीक्षा केंद्र से गायब हो गया तो दिशा ने प्रिंसिपल से गुहार लगाई। साथ ही परीक्षा केंद्र पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज चेक करके पूरी घटना के संबंध में अवगत भी करवाया, पर प्रिंसीपल ने भी उसकी नहीं सुनी। इसके बाद दिशा को मजबूरन कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा।

कोर्ट का दरवाजा दिशा ने खटखटाया

बता दे कि, दिशा शर्मा एक होनहार विद्यार्थी हैं। उन्होंने 12वीं में 99 प्रतिशत अंक हासिल किया है। जब दिशा का डॉक्टर बनने का सपना परीक्षक की गलती से टूट गया तो उन्होंने मजबूरन हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। हाईकोर्ट ने भी उसकी याचिका पर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) से दिशा की ऑरिजनल ओएमआर शीट सहित पूरा रिकॉर्ड तलब किया है। वहीं, 4 जुलाई को स्कूल प्रिंसिपल को परीक्षा सेंटर से क्लासरूम के सीसीटीवी फुटेज के साथ कोर्ट में उपस्थित रहने का आदेश भी दिए हैं।