केवल 48 किमी दूर बिष्णुपुर जिले में स्थित, लोकटक झील एक वास्तविक प्राकृतिक आश्चर्य के रूप में खड़ी है, जो अपनी अनूठी विशेषताओं और पारिस्थितिक महत्व से स्थानीय लोगों और यात्रियों दोनों को समान रूप से आकर्षित करती है। लोकटक झील, बिना किसी संदेह के, पूर्वोत्तर भारत की सबसे प्रतिष्ठित विशेषताओं में से एक है। फुमदी नामक तैरते द्वीपों और दुर्लभ और लुप्तप्राय वन्य जीवन से लेकर सांस्कृतिक समृद्धि और प्राकृतिक सुंदरता तक, यहां अनुभव करने के लिए दिलचस्प चीजों की कोई कमी नहीं है।
यहां देखें कि लोकटक झील वास्तव में एक असाधारण गंतव्य क्यों है।
तैरती फुमदी
लोकतक झील की सबसे अनोखी चीज़ है तैरती हुई फुमदी। फुमदी वनस्पति, मिट्टी और सड़ने वाले पदार्थ से बने कार्बनिक द्रव्यमान हैं। इनमें से कुछ तैरते हुए द्वीप घरों और दुकानों को सहारा देने के लिए काफी बड़े हैं।
केइबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान
केइबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान दुनिया का एकमात्र तैरता हुआ राष्ट्रीय उद्यान है। यह लोकतक झील का एक हिस्सा है, और संरक्षण प्रयासों का एक जीवित प्रमाण है। यहां आपको लुप्तप्राय मणिपुर भौंह-मृग हिरण या संगाई मिलेगा। केइबुल लामजाओ इन हिरण प्रजातियों की आखिरी शरणस्थली है।
जैव विविधता और वन्य जीवन
लोकटक झील विविध प्रकार के जलीय जीवन, पक्षी प्रजातियों और स्थलीय वनस्पतियों और जीवों का भी घर है। हर साल, सैकड़ों पक्षी झील में आते हैं, जिससे यह पक्षी देखने वालों के लिए स्वर्ग बन जाता है। झील का पारिस्थितिकी तंत्र विभिन्न मछली प्रजातियों का समर्थन करता है, जो स्थानीय समुदायों की आजीविका में योगदान देता है।
आर्थिक महत्व
लोकटक झील सिर्फ एक प्राकृतिक आकर्षण नहीं है; यह स्थानीय समुदायों के लिए एक जीवन रेखा है। इसके तटों पर मछली पकड़ने की गतिविधियाँ पनपती हैं, जो कई लोगों के लिए जीविका और आजीविका प्रदान करती हैं। झील सिंचाई में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, धान के खेतों और अन्य फसलों की खेती में सहायता करती है।