गुरदासपुर जिले के 9 साल के बच्चे सनमदीप सिंह ने जीता गोल्ड

प्रशासन से उचित सम्मान न मिलने पर जाहिर की नाराजगी।

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Gurdaspur district

Punjab: एक तरफ राज्य सरकार की ओर से खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। वहीं गुरदासपुर जिले (Gurdaspur district) के 9 साल के बच्चे सनम दीप सिंह ने मलेशिया (Malaysia), अमेरिका (America) का चीन (China) के खिलाड़ी को हराकर गोल्ड मेडल पर फतह हासिल की है। जिसकी सूचना मिलने के तुरंत पश्चात पूरा परिवार व गली मोहल्ले के लोग अमृतसर (Amritsar) के राजा साहसी एयरपोर्ट पर बच्चों का स्वागत करने के लिए पहुंचे। इस दौरान गुरदासपुर शहर (Gurdaspur district) के लोगों ने भी श्री परशुराम चौक में सनमदीप सिंह का जोरदार स्वागत किया।

सनमदीप सिंह के दादा नरिंदर सिंह ने प्रशासन के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि उन्होंने सनमदीप के मलेशिया (Malaysia) से भारत (India) वापस लौटाने संबंधी खबर प्रशासनिक अधिकारियों को दी थी लेकिन इसके बावजूद भी कोई भी अधिकारी व जिला स्पोर्ट्स अधिकारी स्वागत के लिए नहीं आया। उन्होंने कहा कि एक तरफ पंजाब (Punjab) सरकार खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए बड़े-बड़े दावे कर रही है। दूसरी तरफ खिलाड़ियों का हौसला अफजाई करने के लिए प्रशासनिक अधिकारी नहीं पहुंचते। उन्होंने कहा कि ऐसा होने से खिलाड़ी का मनोबल गिरता है और वह निराश होते हैं लेकिन उन्होंने अपने बच्चे को निराश नहीं होने दिया। गली मोहल्ले के लोगों ने सनमदीप सिंह का फूलों से स्वागत किया।

दुबई में भी जीता था गोल्ड मेडल

सनम दीप सिंह ने इससे पहले दुबई (Dubai) में बुडोकन कराटे चैंपियनशिप (Budokan Karate Championship) में गोल्ड मेडल जीता था। तब भी परिवार को प्रशासनिक अधिकारियों के पास जाकर बच्चे को सम्मानित करवाना पड़ा। हालांकि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पंजाब के कैबिनेट मंत्री लाल सिंह की तरफ से भी तब इस बच्चे को सम्मानित किया गया था। गौरतलब है कि 1 साल में सनमदीप सिंह ने यह दूसरा गोल्ड मेडल जीता है।

नशे पर दुहाई खिलाड़ी का अपमान

यूं तो राजनेता का जिला प्रशासन नशे से युवाओं को बचाने के लिए दोनों हाथों से दुहाई दे रहा है लेकिन जैसे ही कोई अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खिलाड़ी देश के लिए गोल्ड मेडल जीतकर प्रदेश में वापसी करता है तो उसका कोई भी सम्मान नहीं किया जाता। राज्य सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इस पर एक कड़ा नियम बनाना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने वाले खिलाड़ी को घर जाकर सम्मानित करना चाहिए। वह उसके पूरे डाइट का खर्चा भी सरकार को ही उठाना चाहिए।